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एक इंच मुस्कान के बदले

16 सितम्बर 2021

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🌹*꧁༒हरे -:-कृष्णा ༒꧂*🌹
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"अच्छा है तेरे प्यार में मेरे इंतज़ार की कोई हद नहीं है।
कौन जाने? कितना इंताजर हुआ कितना और बाकी है।।

काश! दुनियाँ में 'काश' जैसा कोई शब्द ही न होता।
तुम सदा मेरे पास रहती तो तेरा इंतज़ार ही न होता।।

काश! मैं झूला बन जाऊँ,
कम से कम
तुझे मुस्कुराते तो देख पाऊँ।।

काश! भूला-बिसरा ही सही मैं भी कोई गीत बन जाता।
हो सकता है कभी तो मैं भी तुमसे गाया-गुनगुनाया जाता।।

काश! तुम तो समझो मुझे कि मैं अपने मन को कैसे समझाऊँ।
मेरा दिल तेरे पास गिरवी रखा है तेरी एक इंच मुस्कान के बदले।।

सुनो...तो! मुझे अब भी इन्तजार है तेरे आने का, गुरु!
होठों पर परम, काश नहीं तेरे आने की आस बाकी है।।"


...परम


🙏*꧁༒राम -:- राम༒꧂*🙏
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खूबसूरत समीक्षा के लिए बहुत-बहुत आभार...👌👌💐💐🎂🎂

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