2007 में हैदराबाद में हुए दोहरे बम धमाका मामले में कोर्ट का फैसला आ गया है। एनआईए की विशेष अदालत ने इस मामले में दो आरोपी अनिक सईद और इस्माइल चौधरी को मौत की सजा सुनाई। साथ ही अन्य आरोपी तारिक अंजुम को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है।
वहीं, आरोपी अनीक के वकीलों ने इस फैसले के खिलाफ ऊपरी अदालत में अपील का ऐलान किया है. वकील गंदम गुरुमूर्ति ने कहा कि ये बहुत कमजोर फैसला है. हम इसके खिलाफ हाई कोर्ट में अपील करेंगे.
इस मामले में ट्रायल कोर्ट ने इंडियन मुजाहिदीन से जुड़े अनीक शफीक सईद और इस्माइल चौधरी को दोषी करार दिया था। वहीं, फारुक शरफुद्दीन तरकश और मोहम्मद सादिक इसरार अहमद शेख को बरी कर दिया था।
जानें क्या है पूरा मामला
11 साल पहले 25 अगस्त 2007 के दिन हैदराबाद दोहरे विस्फोट से दहल गया था. रक्षाबंधन के दिन दो जगहों पर दोहरा विस्फोट हुआ था. गोकुल चाट और लुम्बिनी पार्क में हुए दोहरे बम धमाकों में 42 लोगों की मौत हो गयी थी और 50 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए थे. पहला धमाका लुम्बिनी पार्क में हुआ था और इसकी खबर लोगों तक पहुंचती उसके पहले ही करीब 7:30 बजे दूसरा धमाका गोकुल चाट के पास हुआ ।
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक धमाके के बाद की स्थिति अत्यंत दर्दनाक थी. हर तरफ चीख पुकार मची थी और चारों तरफ क्षतिग्रस्त लाशें पड़ी हुई थीं. सोशल मीडिया पर मामले में फैसले की तारीख की घोषणा के बाद लोगों ने अपने भयानक अनुभव साझा किए.
तेलंगाना पुलिस की काउंटर इंटेलिजेंस (सीआई) ने इस मामले की जांच की थी और आरोपियों के खिलाफ तीन आरोप पत्र दायर किए थे. लेकिन आरोपियों में से कुछ अब भी फरार हैं. इन धमाकों के पीड़ितों के परिवार के सदस्यों और परिजनों ने इसकी 11वीं बरसी भी मनाई थी।
सोमवार को ही इस मामले में पांचवें आरोपी तारिक अंजुम पर फैसला सुनाने के साथ उसको दी जाने वाली सजा की मियाद निर्धारित की गई।
उस पर दोषियों को दिल्ली सहित अन्य स्थानों पर शरण देने का आरोप है। विशेष सरकारी वकील सी सुरेश रेड्डी ने कहा कि अभियोजन पक्ष ने दोषियों के लिए मृत्युदंड की मांग की।