shabd-logo

कल्पना

hindi articles, stories and books related to kalpana


कल्पना को आज भी वह शब्द याद है। "साथी" सच इस शब्द के इर्द गिर्द उसने अपनी जिंदगी को बुनना शुरू कर दिया था। जिंदगी है क्या कभी जाना ही नहीं था। रात के अंधेरे में धीरज का मेसेज का स्करीन पर टू टू की आवाज के साथ आना। आज भी कल्पना की धडकनों में रमा है। शाम 8 बजे के बाद जब भी मेसेज की ट्यूनिंग आती। उसे व

featured image

दूर कहीं अम्बर के नीचे,गहरा बिखरा झुटपुट हो। वहीं सलोनी नदिया-झरना झिलमिल जल का सम्पुट हो। नीरव का स्पंदन हो केवल छितराता सा बादल हो। तरुवर की छाया सा फैला सहज निशा का काजल हो। दूर दिशा से कर्ण - उतरती बंसी की मीठी धुन हो। प्राणों में

featured image

"दिवास्वप्न" मैं सदैव विचार करता, कि ये दिवास्वप्न है क्या बला ? किन्तु जीवन के आज तक के अनुभव मुझे ये बताने लगे हैं कि हमारा कर्महीन होकर,अत्यधिक पाने की कल्पना का दूसरा नाम 'दिवास्वप्न' है।''एकलव्य"

किताब पढ़िए