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देशप्रेम

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वो पुराने दिन, वो सुहाने दिन जब टीवी घर आया, तो लोग किताबें पढ़ना भूल गए । जब कार दरवाजे पर आई, तो चलना भूल गए । हाथ में मोबाइल आते ही चिट्ठी लिखना भूल गए । जब घर में ac आया, तो ठंडी हवा के लिए पे

मुझे भरोसा है अपने ईष्ट देव पर। वो एक दिन जरूर वापस आयेंगे। कुमाऊँ रेजिमेंट में भर्ती हुए अभी उनको पूरे ढाई साल भी नहीं हुए हैं और आर्मी वाले कहते हैं कि गायब हो गये...

हमीं दिल ये अपना जला बैठते हैं खुदी और देने हवा बैठते हैं नदी के किनारे कहीं बैठ करके नई इक नदी हम बहा बैठते हैं

🇮🇳🇮🇳पुलवामा अटैक💐 🇮🇳 2 7 फरवरी के दिन कश्मीर के पुलवामा में 44 जवान शहीद हुए थे ।यह दिन देश के लिए बहुत बुरा था । यह हमला पाकिस्तानी आतंकवादियों के द्वारा हुआ था । 🇮🇳उस दिन आसमाँन भी रोय

  “अंधेरे  घर  का  उजाला  था“ वो  जो देश की ख़ातिर सरहद पर शहीद हुआ । अपनी माँ की बाँहों को तरसता छोड़ आया वो फ़र्ज़ निभाते धरती माँ को जीवन समर्पित किया।। यू तो प्यार तुमसे भी बहुत हैं ये कह

हां तो काव्यांक्षी तुम्हे तो पता ही है हमारे देश को आजादी को मिले 75 वर्ष पूरे होने जा रहे है। आजादी के इस अमृत महोत्सव पर्व पर कुछ वीर सपूतों को याद कर कुछ कुछ शब्दों के रूप में भावपुष्प उनको अर्पण क

रेहान ने नादिया को रोते देख कर गहरी सांस ली और  उसका हाथ छोड़ दिया। "पहले अपना दुपट्टा ठीक करो और फिर यहां से चली जाना।" रेहान ने सख्त आवाज़ में कहा और तो नादिया ने जल्दी से अपना दुपट्टा ठीक किया औ

"आखिर येह ड्रागो है कौन??? क्या येह भी ड्रैगन की तरह मुंह से आग निकालता है?? या फिर उड़ता है??" उस आदमी ने मज़ाक़ उड़ाते हुए कहा। "वज्ज ड्रैगन की तरह ना ही मुंह से आग निकालता है और ना ही उड़ता है मगर वोह ख

सानिया अमान के कमरे बाहर आई और उसे दरवाज़ा नॉक किया लेकिन अंदर से कोई आवाज़ नही आई तो वोह दरवाज़ा खोल कर अंदर चली गयी। अंदर आते ही उसकी नज़र ब्लैक ट्रॉज़र और ब्लैक बांयाज पहेने अपनी तरफ पीठ करके खड़े कानो म

"भाई....मेरा...मेरा मतलब था कि वोह टी वी पर आज शो लगने वाला है जिसमे एडुकेशन के बारे में बताया जाएगा ताकि हमे कुछ इन्फॉर्मेशन मिल सके।" नादिया अपनी उंगलिया चटकाते हुए बात बदल कर बोली। "इस टी वी से तुम

"मुझे.....मुझे छोड़ दो..मैं...मैं ने कुछ नही किया है???"वोह आदमी गिड़गिड़ाते हुए अपने सामने खड़े चेहरा मास्क से छुपाए हुए आदमी से बोला। "माफी....हाहाहाहा ड्रागो की अदालत में सिर्फ सज़ा होती है।" ड्रागो ने

आजकल की दुनिया मैं ये कैसी विषैली सोच भर गई है  लगता है कि कोई "अंतरंगी चुड़ैल" मन में घर कर गई है  नफरतों की आंधियां चलने लगी है जोर से हर तरफ  उन्मादियों की भीड़ देखो ये कैसा ताण्डव क

जब दिल में प्रेम का अंकुर फूटता है  तो यह जहां कितना मनोरम लगता है  आसमान "जन्नत" जैसा दिखाई देता है "सागर" प्रेम पतवार का खिवैया लगता है  पत्ती पत्ती डाली डाली "कामनाएं" सी लगती हैं&nb

आजकल महाराष्ट्र में जो राजनीतिक हलचल मच रही है , एकनाथ शिंदे 40 शिव सेना के विधायकों को लेकर गौहाटी उड़ गये हैं और महाराष्ट्र की महाअघाड़ी सरकार तथा शिव सेना पार्टी पर खतरे के बादल मंडरा रहे

बिहार की बरबादी का मैं ही जिम्मेदार हूं  मुझे गौर से देखिए , मैं सुशासन कुमार हूं  आजकल की हिंसा का मैं ही कसूरवार हूं  अब तो पहचानो , मैं "सुशासन कुमार" हूं  समाजवाद के नाम पर जात

थोड़ा अराजक थोड़ा सा हिंसक थोड़ा लाचार हूं मुझे माफ करना भारत मैं तेरा अपना ही बिहार हूं मेरी संतति की बुद्धि पर पूरी दुनिया को नाज है मेरे नौजवानों की आसमानों से ऊंची परवाज है "ना

दिनाँक: 17.06.2022समय :  शाम 10:30 बजेप्रिय सखी,शुभ संध्या!आफिस से आकर गर्म चाय के साथ गर्मागर्म आईडिया आया है। क्यों ना जनता एक योजना बनाये  और सरकार से गुजारिश करे कि-1.  सांसद ठ

राष्ट्रीय एकता दिवस पर्व को,हम भारतवासी शान से मनाते हैं।अनेकता में एकता का प्रतीक,हम मिलकर ही सब सिखाते हैं।।राष्ट्रीय एकता दिवस पर्व को,हम आन और शान से मनाते हैं।भाषाएं हो भले अनेक हमारी,राष्ट्रगान

लोग अपने दिलों में नफरतों का लावा भर रहे हैं  पत्थर के रूप में ज्वालामुखी के फूल झर रहे हैं  इंसानियत से बहुत बड़ा बना दिया है मजहब को  मानव का वेश धर के यहां वहां दानव विचर रहे हैं&nbs

ये देश हमारी जान है, ईमान है।आन बान और शान है, अभिमान है।।स्वभाव है इसके अलग- अलग, शान है।हमें वतन पे मर मिटना है, अभिमान है।।तरह तरह के फूल खिले हैं, चमन एक है।अनेकता में एकता सिखाता, भाषाएं अनेक है।

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