परंज्योति पराकाश परात्पर परंधाम, सुमित्रापुत्रसेवित सर्वदेवात्मक श्रीराम। सर्वदेवादिदेव सबसे सुन्दर यह नाम, रघुपुङ्गव राघवेंद्र रामचन्द्र राजा राम।। #Ram
वाणी में मधुरता हिंदी में, संस्कार सभी है हिंदी में... दुश्मन को धूल चटा दे, वह ललकार बसी है हिंदी में... मृत देही में जान फूंक दे, वह उपचार बसा है हिंदी में... जन जन ,जय जय कार गू
1/9/2022प्रिय डायरी, आज भी शीर्षक है गणेश चतुर्थी,गणपति पूजन का द्वितीय दिन है। गणपति यानी गणेश जी की पूजा में दूब भी चढ़ाते, उनकी प्र
हे गजानन करुणानिधान,विघ्नविनाशक मूषकवाहन।शिव पुत्र पार्वती के नंदन,बारम्बार तुम्हें अभिनंदन।।एकदंत हो दयावंत हो,चार भुजा हो तुम धारी।मस्तक सिंदूर सोहे तुम्हरे,लम्बोदर और हो त्रिपुरारी।।कुशाग्र बुद्धि
31/8/2022 प्रिय डायरी, आज का शीर्षक है गणेश चतुर्थी, गणपति जी को हमेशा प्रथम पूज्य इसलिए कहा जाता है
30/8/2022प्रिय डायरी, आज का शीर्षक है हरितालिका तीज,हिन्दू धर्म में हरितालिका तीज का बहुत महत्व है। हरितालिका तीज को हरतालिका तीज भी क
पूजा-पाठ, उत्सव, हवन, विजयोत्सव, आगमन, विवाह, राज्याभिषेक आदि शुभ कार्यों में शंख बजाना शुभ और अनिवार्य माना जाता है क्योंकि इसे विजय, समृद्धि, यश और शुभता का प्रतीक माना गया है। मंदिरों में सुबह और श
1. पूर्वमुखी हुनमान जी- पूर्व की तरफ मुख वाले बजरंबली को वानर रूप में पूजा जाता है। इस रूप में भगवान को बेहद शक्तिशाली और करोड़ों सूर्य के तेज के समान बताया गया है। शत्रुओं के नाश के बजरंगबली जा
जानें, कैसे भगवान शंकर व पार्वती के विवाह के प्रसंग से जुड़ा है हरियाली अमावस्या का पर्व ? इस शुभ दिन की क्या महिमा है ?श्रावण का पूरा महीना ही भगवान शंकर व पार्वती से जुड़ा है । ऐसा ही श्रावण मास का
मंदिर में परिक्रमा लेते समय भगवान या देवी की पीठ को प्रणाम करने का चलन बहुत हो गया है!किसी भी भगवान या देवी देवताओं की पीठ को प्रणाम करने से समस्त पुण्यों का नाश हो जाता है!इसका प्रमाण भागवत कथा में ए
'सरोवर' का अर्थ तालाब, कुंड या ताल नहीं होता। सरोवर को आप झील कह सकते हैं। भारत में सैकड़ों झीलें हैं लेकिन उनमें से सिर्फ 5 का ही धार्मिक महत्व है, बाकी में से कुछ का आध्यात्मिक और बाकी का पर्यटनीय म
समय सूचक AM और PM का उद्गम भारत ही था। पर हमें बचपन से यह रटवाया गया, विश्वास दिलवाया गया कि इन दो शब्दों AM और PM का मतलब होता है।AM एंटी मेरिडियन (ante meridian)PM पोस्ट मेरिडियन (post meridia
पूजा-पाठ, साधना, तपस्या आदि कर्मकांड के लिए उपयुक्त आसन पर बैठने का विशेष महत्त्व होता है। हमारे महर्षियों के अनुसार जिस स्थान पर प्रभु को बैठाया जाता है, उसे दर्भासन कहते हैं और जिस पर स्वयं साध
भूमंडल के अंदर कई ऐसे ज्ञात-अज्ञात तथ्य छिपे हुए हैं जिनसे जीवन सदैव प्रभावित होता रहता है। इन भूखंड़ों के प्रभावों को आज बड़ी तेजी से मानव, पशु-पक्षी, पेड़-पौधों में देखा जा रहा है।&nb
किसी भी शुभ कार्य को आरंभ करने से पहले हिन्दू धर्म में स्वास्तिक का चिन्ह बनाकर उसकी पूजा करने का महत्व है। मान्यता है कि ऐसा करने से कार्य सफल होता है। स्वास्तिक के चिन्ह को मंगल प्रतीक भी माना जाता
दीक्षा शब्द की उत्पत्ति संस्कृत के शब्द दक्ष से हुई है जिसका अर्थ है कुशल होना। समानार्थी अर्थ है - विस्तार। इसका दूसरा स्रोत दीक्ष शब्द है जिसका अर्थ है समर्पण अतः दीक्षा का सम्पूर्ण अर्थ हुआ - स
प्राय: हमारे मन में यह सवाल उठता है कि क्या सचमुच इस जीवित शरीर से भगवान के दर्शन सम्भव हैं ? तो इसका उत्तर है ‘हां’ ।संतों ने सही कहा है—दु:ख भोगना हो तो नरकों में जाओ, सुख भोगना है तो स्वर्ग में जाओ
51 शक्ति पीठ, 12 ज्योतिर्लिंग, 7 सप्तपुरी और 4 धामहमारा देश भारत में यूँ तो अनेकों तीर्थ है पर इनमें जो सबसे प्रमुख माने जाते है वो है इक्यावन शक्ति पीठ, बारह ज्योतिर्लिंग, सात सप्तपुरी
आमतौर पर शिवलिंग को गलत अर्थों में लिया जाता है, जो कि अनुचित है या उचित यह हम नहीं जानते। वायु पुराण के अनुसार प्रलयकाल में समस्त सृष्टि जिसमें लीन हो जाती है और पुन: सृष्टिकाल में जिससे प्रकट होती ह
मौली बांधना वैदिक परंपरा का हिस्सा है। यज्ञ के दौरान इसे बांधे जाने की परंपरा तो पहले से ही रही है, लेकिन इसको संकल्प सूत्र के साथ ही रक्षा-सूत्र के रूप में तब से बांधा जाने लगा, जबसे असुरों के