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हॉरर

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डरावनी रातजाड़े के महीने की उस भयंकर रात को भी मेरे सिर के ललाट पर पसीने की मोती जैसी बूँदें बरस रही थी। नहीं! वह पसीने की बूंदें गर्मी की वजह से नहीं बल्कि डर की वजह से था। मेरा नाम धरमा है, दिसंबर म

दिल्ली के मेंटल हॉस्पिटल में हाल ही में एक नई मरीज एडमिट हुई थी। जिसके पागलपन से पूरा हॉस्पिटल हैरान  था वह खुद को ही चोट पहुंचाती थी वह खुद को ही इंजेक्शन लगा लेती थी या खुद के बाल खिंचती थी और जब तक

एक सामान्य स्वप्न ले कर जीने वाली लड़की।एक मध्यमवर्गीय परिवार की बेटी जिसने अभी जीना शुरू भी नहीं किया था कि जला कर मार दी गयी। क्यों ? क्योंकि किसी राक्षस का दिल आ गया था उसपर !उसे बीवी बना कर अपनी झ

एक बार एक शहर में एक घर था जो बहुत पुराना था। इस घर में एक रिश्तेदार की मौत के बाद से अनुभव किए गए थे। कई लोगों ने इस घर में भूतों की आवाज सुनी थी और इस घर के पास से गुजरना डरावना महसूस करते थे। एक द

हनुमान ग्रह में लल्लू, विजयभान, भोपा स्वामी, चुडैल और जमूरा स्टेडियम के बीच खड़े बात कर रहे थे। जहां लल्लू ने सभी को अपने रेड प्लानेट के विषय में बताया कि वह कैसे अन्य ग्रहों और ग्रहवासियों का निर्माण

रूद्रदेव और गोपाल कृष्ण के जेल जाने के पश्चात आश्रम के भक्त दो गुटों में बंट गये। जहां एक ओर भोपा स्वामी गद्दी पर अपनी दावेदारी कर रहा था जिसका साथ विजयभान दे रहा था। वहीं दूसरी ओर विजयभान का भाई सूरज

अपनी योजना को आगे बढ़ाते हुए नताशा योग गुरू गोपाल कृष्ण और गुरू रूद्रदेव का रूप धारण करते हुए लल्लू से कहती है - अब मैं मनोहर पण्डित से मिलने शहर जा रही हूं, वहीं पर मैं अपने बदले को अंजाम दूंगी। तब लल

अस्पताल के उद्घाटन की तैयारियां पूरे जोरों शोरों से चल रही थी। मनोहर पण्डित अपनी पत्नी सुनंदा के साथ गांव में पहुंच चुके थे। आश्रम में होने वाली प्रत्येक गतिविधियों पर मीडिया की पैनी नजर लगी हुई थी। य

विजयभान सुबह होते ही अपने गुरू तारानाथ से मिलने जाता है जहां कोई भी न मिलने के कारण जंगल में गुफा की ओर आता है। जहां लल्लू, चुड़ैल, जमूरा के साथ तारानाथ द्वारा सिद्ध किये बहुत सारे भूत-प्रेत-पिशाच-चुड़ै

अंधेरा छाते ही चुड़ैल तारानाथ तांत्रिक का काम तमाम करने निकल पड़ी। उसके पीछे चुपके से जम्बूरा भी चुड़ैल का पीछा करने लगा। ताकि सारे घटनाक्रम को वो लल्लू को बता सके। चुड़ैल ने एक बार फिर से पहलवान का रूप ब

चुड़ैल के जाने के बाद लल्लू भूत जम्बूरे को अपने पास बुलाकर कहता है - देखो जम्बूरा अब वो समय आ गया है, जब हम भूतों को एक होना होगा और मेरा मुख्य लक्ष्य बहुत ही बड़ा और विस्तृत है। लेकिन संक्षेप में यह सम

लल्लू भूत चु़डैल को बुलाकर कहता है - आज की रात तुम्हारे लिए बहुत कठिन होने वाली है क्योंकि तुम्हारी टक्कर अब किसी आम व्यक्ति से नहीं बल्कि तारानाथ तांत्रिक से है। यह बात जान लो, तारानाथ एक बहुत शक्तिश

इसी बीच स्टेडियम में एक बह़ी कदकाठी का वानर रूपी आकृति प्रकट होती है और जोर से लल्लू को कहती है, क्या बात है, क्यों मुझे बार-बार तुम बुलाकर परेशान करते हो, क्या तुम्हें और कोई काम नहीं? इस समय बजरंगबल

गुस्से से पागल होता लल्लू लाल भूत भयंकर चित्कार करता हुआ गुफा से बाहर निकल कर बहुत जोर से चिल्लाता है - जमूरा रा रा रा रा रा तभी जमूरा लल्लू भूत के सामने आकर खड़ा हो जाता है, वह समझ चुका था, अब लल्लू स

अपना काम पूरा करके चुड़ैल वापिस जंगल में गुफा की ओर पूरे गुस्से में अपने असली भयानक रूप में आती है। जम्बूरा और कच्चा कलुआ गुफा से बाहर खेल रहे थे। जम्बूरा चुड़ैल को नजरअंदाज करते हुए उसकी ओर नहीं देखता।

लल्लू भूत की आज्ञा के अनुसार चुड़ैल एक बार फिर बजरंगी पहवान का रूप बनाकर कॉन्सटेबिल के खून से सने कपड़े लेकर गांव की ओर बढ़ने लगती है। उसे वहीं खड़े जम्बूरा देख रहा था। वो सारा माजरा जानने के लिए चुपचाप च

वहीं दूसरी ओर पिछले कुछ दिनों से गांव में हो रही हत्यायें, बलात्कार और लूट की बढ़ती घटनाओं से यह खबर शहर के गलियारों में फैलने लगी थी। बजरंगी पहलवान इस समय पुलिस के मोस्ट वांटेड अपराधियों में से एक हो

 तभीलल्लू भूत गुर्राता हुआ जम्बूरा से बोला - तूमुझे नहीं जानता, लेकिन मैं तुझे अच्छी तरह से जानता हूं।तू विजयभान तांत्रिक के सिद्ध करनेसे पहले किसी अन्य तांत्रिक का गुलाम था।जिसका तू उसका दिया गय

जम्बूरा के भयंकर गुस्से को देखकर भी लल्लू भूत को कोई फर्क न पड़ रहा था। वो अभी भी शैतानी मुस्कान मुस्काता हुआ, जम्बूरा को अपना पिछवाड़ा दिखाकर हिलाते हुए चिढ़ाता है और चुड़ैल को अपनी बांहों में भरकर उसे ए

विजयभान जमूरा पिशाच को अपने साथ लेकर जंगल की गुफा में पहुंचता है जहां उसे पहले से लल्लू अपने वही पुराने में अंदाज में खड़ा मिलता है, वही गोल-गोल घूमने वाली आंखें, चूहे जैसे कान और पतला लहराता बलखाता बद

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