"कही-बतकही" कहानी का विचार आमतौर पर कहानीकार के मन में किसी घटना, जानकारी, अनुभव या कल्पना के कारण उत्पन्न होता है। उसके बाद कहानीकार उसे विस्तार देता है जिसका काम कल्पना के आधार पर होता है। कहानीकार की कल्पना कोरी कल्पना नहीं होती उसमें यथार्थ का पुट भी समाया होता है। "कही-बतकही" कहानी संग्रह की सभी कहानियां आंखों देखी व कानों सुनी हैं। https://youtube.com/@Shabdsafarnama_13
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