नीचे जो कविता है उसमें
मेंढक ढोल भेज रहा है
भालू नाच रहा है
गधा गा रहा है
कहने का भाव यह है कि उस समय कविताओं मे भी हमारे भाव और सोच सीमित थी हर एक किरादार ऐसा रखा जाता था कि हमें याद रहे है
वर्त्तमान मे कविताओं मे अम्पति दम्पत्ति जैसे किरदार है जिनका कोई अर्थ नहीं है ना कभी उन्हें आँखों से सीधा प्रसारित देखा जा सकता है
इस ज़माने कि कविताओं को याद रखने के लिए बच्चों को दिमाग पर जोर डालना पढ़ाता है । यही कारण है कि पहले के मुकाबले अभी के बच्चों का मानसिक विकास और समझ कमज़ोर है...