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खुदा तो पत्थर का बना है।

12 सितम्बर 2021

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अक्श इसमें किसी और का बना है।
ये दिल इश्क़ का नहीं खूं का बना है।

उफनती नदी के भंवर में डूब जायेगा।
नाख़ुदा तेरी किस्ती कागज़ का बना है।

मोहब्बत की निशानी जिसे लोग कहते है।
सच कहता हूं इक कब्र दौलत का बना है।

बसना हैं तो किसी के दिल में बसों यारो।
शहर में सभी घर ईंट - पत्थर का बना है।

किससे कहता मैं अपना दर्द-ए-गम जय।
इंसा के जहां में ख़ुदा तो पत्थर का बना है।

मृत्युंजय विश्वकर्मा

मृत्युंजय जौनपुरी "जय" की अन्य किताबें

मीना

मीना

बहुत खूब!!

14 सितम्बर 2021

Priya Kamboj priya

Priya Kamboj priya

बहुत खूब 👌👌👌🙏

12 सितम्बर 2021

मृत्युंजय जौनपुरी "जय"

मृत्युंजय जौनपुरी "जय"

12 सितम्बर 2021

आभार आपका जी 💐💐💐

Poonam kaparwan

Poonam kaparwan

बहुत खूब

12 सितम्बर 2021

मृत्युंजय जौनपुरी "जय"

मृत्युंजय जौनपुरी "जय"

12 सितम्बर 2021

आभार आपका जी 💐💐💐

Natvar Barot ,,,,, hindam

Natvar Barot ,,,,, hindam

बहुत ही सुंदर

12 सितम्बर 2021

मृत्युंजय जौनपुरी "जय"

मृत्युंजय जौनपुरी "जय"

12 सितम्बर 2021

आभार आपका जी 💐💐💐

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12 सितम्बर 2021
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बाट जोहत तोरी जोगनिया है।

14 सितम्बर 2021
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<div><b><i>सुनो बलम सूनि तुम बिनु दुनिया है।</i></b></div><div><b><i>आओ बाट जोहत तोरी जोगनिया है।</i

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किसी की जुल्फ़ों से प्यार कर आया।

12 फरवरी 2022
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Punjabi geet

22 मार्च 2022
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मैनू उस दे रूप दे नाल परियां दिस दीवो मिट्टी छू दे ते सोणे दे मोल बिकदीओनू तितलियां बहुत सतान्दी हैओनू हुस्ना फूला दा नाल महकदीदस खुदाया इन्ना सोणा हुस्न क्यूं बणायाजद्दे नाल देखदी हीर दी आंख तरसदीरब्

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22 मार्च 2022
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ज़िंदगी एक सफ़र ही तो है।सारा शहर मेरा घर ही तो है।ये शहर जला, वो कोई माराख़ैर छोड़ो ये ख़बर ही तो है।तेरी बातें खंज़र सी चुभती है।छलनी होने दो जिगर ही तो है।जाने वाले को भला मैं कैसे रोकूं।अपना नहीं

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22 मार्च 2022
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जैसा चाहा वैसा कोई मंज़र न मिला।मैं उम्र भर सफ़र में रहा घर न मिला।मैं ज़ख़्म सीने पर खाने को तैयार हूं।मगर चाहत भरा कोई खंज़र न मिला।रंज-ओ-ग़म, बेज़ार-ओ-बे'नूर हाय तौबा।दिलों के जहां में एक भी दिलबर

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