कक्षा 8 वी था, जब मै उसकी आखों को देखा मानो की मेरा दिल रुक सा गया , मुझे क्या हो गया? मै ये सोचने लगा.....
फिर मै उस समय नजर अंदाज कर के घर चला गया ,लेकिन ये क्या हुआ ऐसा लग रहा था की मै बस उसी को सोचे जा रहा हु।
पता नही को वो मेरी आखो के सामने जैसे आ जाया करती थी।
मै अगले दिन जब स्कूल गया उसे देखते ही मानो मेरे दिल मे एक अजीब सी हलचल फिर होने लगी, जब मैने ये बात अपने बचपन के दोस्त से बताया तो उसने बताया की तुमको उससे प्यार होने लगा है। उसकी बात सुनकर मेरे दिल मे और भी हलचल होने लगे तब से मै भी उससे चाहने लगा।
मै उससे रोज देखता, कक्षा मे भी आस पास ही बैठना शुरू कर दिया, मै सोचता की अब आगे क्या करू ।
धीरे धीरे मै उससे बाते करने लगा, उससे हमारी दोस्ती हो गयी। लेकिन मुझे तो उससे बात कर अंदर ही अंदर प्यार वाली फीलिंग आती थी, और मुझे बहुत अच्छा लगने लगा। सोचता था की कब उससे अपने प्यार के बारे में बता दु लेकिन हिम्मत नही होती थी कुछ बोलने की धीरे धीरे 2 महीने बीत गए मै उससे बस दोस्ती ही कर पाया था।
एक दिन की बात है जब सर एक सवाल दिये थे मेरा नही हुआ था तो उसने पूछा की हुआ, मै बोला नही आ रहा है। उसने मेरी कॉपी को लिया और उस पर अपने पेन से सवाल को हल कर दी। उसकी हैंड राइटिंग इतनी सुंदर थी की मै सोच मे पड़ गया की क्या ये मेरे प्यार को अपनायेगी, लेकिन मैने हिम्मत नही हारी ।
जब जब वो मेरे करीब से जाती तो ऐसा लगा ही बहुत सुकून मिल रहा है । मै धीरे धीरे हम दिनों एक दूसरे को बहुत अच्छे से जान गए थे वो मेरी सहायता करती रही मै उसका करता था। कभी बिस्किट कभी चॉकलेट हम दोनो एक दूसरे को दिया करते।
एक दिन उसने लंच के समय अपना खाना हमे दिया तो मै खाना खाने के बाद सोचने लगा की शायद ये भी मुझसे प्यार करने लगी है लेकिन ये भी मुझसे बोल नही पा रही है मै भी इससे बोल नही पा रहा हु।
अब वो मुझे अपने प्यार का संकेत भी देने लगी थी, कभी हमे रोज एक लव स्टोरी मूवी का नाम बताती और देखने को बोलती थी मै रोज घर जाता था तो उस मूवी को देखता था।
फिर मै स्कूल आता तो मुझसे वो रोमांटिक रोमांटिक सीन के बारे मे पूछती थी की वाह देखे थे क्या हुआ था तो मै शर्म के मारे बोल देता था की नही मै वाह पर स्किप कर दिया था नही देखा था। तो वो अपने माथे पर हाथ रखा कर बोलती थी की तुम बहुत पागल लड़के हो कौन बोला था की स्किप कर के देखने को।
मै बस उसकी बातो को सुनता था और हँस कर रह जाता था। वो बोलती की इतना अच्छा क्यो हँसते हो मै बोलता की मै अच्छा हँसता हूँ क्या ?
बोली हा बहुत प्यारे लगते हो। मै एक दिन बनारस घूमने गया कुछ दिनों तक वही रुक गया करीब 1 महीने तक, 10 दिन बीत चुके थे एक फोन आता है जब मै उसे उठाता हु तो उसमे से एक रोने की आवाज़ आती है और रोते रोते ये बोलती है की आप को मेरी थोड़ी भी फिक्र नही नही मै कैसे हु क्या आप हमेसा के लिए चले गए है बनारस, फिर मै उसको बोला पहले रोना बन्द करो ।
मै उसे बोला की अभी कुछ दिन बाद आऊंगा बोली कम से कम आप को मुझे बात कर तो जाना चाहिए मै स्कूल मे रोज़ आप का इंतजार करती थी ये बोल कर पगली फिर से रोने लगी।
मै बोला ठीक है अच्छा रोना बन्द करो और ये बताओ की मेरा नंबर कहा से मिला फिर वो बताई की आप के विज्ञान की बुक पर उपर लिखा था, मै वही से लिख कर बहुत पहले के ही रखी थी और मै बहुत जोरो से हसने लगा।
फिर वो बोली की मै रखती हु मम्मी का फोन है,मम्मी आ जायेगी और हा आप इसपर फोन मत करना जब हमको समय मिलेगा तो करूँगी।
उसके फोन को रखते ही हमे इस बात का ऐहसास हुआ की वो भी मेरे बारे मे वैसे ही फीलिंग रखती है। दोनो को एक दूसरे से प्यार था।
फिर जब अगले दिन उसने हमको फोन किया तो मै उससे पूछा की क्या तुम भी हमसे प्यार करती हो तो मेरी बात को सुन के वो हसने लगी बोली की एकदम बुद्धू हो क्या जब एक लड़की आप के लिए रो रही है तो क्या हो सकता है वो तो प्यार ही है न..
उस दिन उसकी बात को सुन कर ऐसा लग रहा था की मानो मुझे जो चाहिए था वो मिल गया है।
तब मै 1 महीने के बाद जब गांव आया तो उससे मिला वो इतना खुश थी की जैसे उसका सबसे प्यारी चीज उसे मिल गयी है। मै उसके साथ एक समोसे की दुकान पर गया और हम दोनो ने समोसा खाया..
उसी समय अचानक बारिश भी होने लगी फिर वो बोली की घर कैसे जायेंगे मम्मी से बोल कर आये है की जा रही हु अपने दोस्त के घर यदि जल्दी से घर नही गए तो हमे डाट होगी।
बारिश रुकने का नाम नही ले रही थी, मौसम बहुत ही सुहाना लग रहा था, हमे लग रहा था की ऐसे ही बारिश होती रहे और ये मेरे पास ही रहे कुछ समय के बाद बारिश बन्द हो गयी हम दोनो