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माली हालत

Akansha

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परिवार में सब कैसे मनाते हैं। ताऊजी बोले हम लोग तो गरीबी में भी हंसी-खुशी मनाते दिवाली सभी औरतें खाना बनाती और हम-सब दीया बाती लेकर कतार से दीया सजाते और फिर सभी बैठ कर लक्ष्मी पूजन करते फिर थोड़े-से पटाके लेकर आँगन में जाकर जलाते सभी को साथ लेकर दिवाली मनाते, हमारा परिवार में सभी साथ रहते हैं। दादाजी ताऊँ जी बाबूजी छोटे चाचा चाची बड़े चाचाजी तीन बुआ छोटी बुआ की शादी नहीं हुई है। और सब फैसले दादाजी लेते हैं या ताऊजी लेते थे। कुछ भी करना हो सब इकट्ठे बैठकर निर्णय लेते थे।आज ऐसा कुछ नहीं होता हमारा घर हमारा परिवार यही बस रह गया है।सभी हंसी खुशी रहते थे, कोई भी राय नहीं लेता अपने आप को बहुत ही बुद्धिमान समझते हैं। ताऊजी ने डॉट कहा-यह की बुद्धिमानता हैअपने बाबू जी की राय तो देदो कम-से-कम बेटा अपने लिये घर खरीद लेता है और ओपनिंग में बोलता है मैंने घर खरीदा है।आप लोग आना मेरे घर ताऊजी गुस्से बोले कोई नहीं आयेगा तुम अपने घर में खुश रहो हम लोग सब यहाँ ठीक हैं। ताऊजी छोटे-से क्या तुमको जाना हैं, बाबूजी अपलोग चलोगे तभी जायेंगे वरना नहीं हमें तो पता ही नहीं चलने दिया कब घर खरीदा है। अच्छा है कुछ तो ढंग का किया अपना घर खरीद कर समझ में आया परिवार जनों का साथ क्या होता है। इकठ्ठे बैठकर खाना और सभी तरह की बातें सुनकर आँख में आँसू आगये मैंने बहुत बड़ी गलती करदी बिना राय ली गई ये घर खरीद कर फिर बहुत बाद में पता चला घर अभी भी उसका नहीं है हुआ है। वह तो कर्जे डूब गया। अब पछताने क्या होता जब चिड़िया चुग गई खेत परिवार में रहो हंसी सुखी दिवाली मनाओ पर रहो परिवार में यहीं बताया बड़ों दिवाली की राम-राम सभी को धन्यवाद 🙏🏿 पुष्पा निर्मल  

mali halat

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