Nalini Singh
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Nalini Singh की डायरी आरजू
मुझे आरजू बस तेरी है तू वफ़ा की मुरीद बन जा बस मेरे लिए मेरी वफाओं का हिसाब ना ले कहीं
Nalini Singh की डायरी आरजू
मुझे आरजू बस तेरी है तू वफ़ा की मुरीद बन जा बस मेरे लिए मेरी वफाओं का हिसाब ना ले कहीं
आरजू
आरज़ू है मेरी बस ये रहूं तेरी पनाहो में। गुजर जाए कई सदियां रहूं मैं तेरी बांहों में। तेरी सांसों की खुशबू से महक जाए मेरी सांसे। कभी तनहा नहीं गुजरे तुम्हारे बिन मेरी रातें। मेरे जूड़े के गजरे से तेरी रातें महक जाए। सुना है ये मुहब्बत में कि हर
आरजू
आरज़ू है मेरी बस ये रहूं तेरी पनाहो में। गुजर जाए कई सदियां रहूं मैं तेरी बांहों में। तेरी सांसों की खुशबू से महक जाए मेरी सांसे। कभी तनहा नहीं गुजरे तुम्हारे बिन मेरी रातें। मेरे जूड़े के गजरे से तेरी रातें महक जाए। सुना है ये मुहब्बत में कि हर