एक छन्द मां वीणापाणिके श्री चरणों में अर्पित-----
-------डॉ. मधु प्रधान
सरस्वती वंदना
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वीणा पाणि माल युक्त श्वेत वस्त्रावृता मां
निज चरणों में शुभ अविचल भक्ति दे।
बिन माँगे मोती मातु भरे मेरे आँचल में
माला गूँथ पाऊँ ऐसी सतअनुरक्ति दे ।
छन्द हो या गीत गद्य गरिमा से युक्त हो
जन-मन भावनी सलोनी अभिव्यक्ति दे ।
हो कर विरक्त मन डूबा रहे साधना में
जड़ता-विनाशिनी अनूप मातु शक्ति दे ।
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