Shahana Parveen
2 किताबे ( 2 हिंदी )
41 रचनायें ( 41 हिंदी )
कुछ ख्वाहिश अधूरी सी
मेरी कलम से... मेरे मन के शब्दों की भाषा सुनने दो मेरे मन को। शब्दों को करने दो बात आपस में, उन्हें खुलकर जीने दो। सुनो ध्यान से ,क्या कहते हैं शब्द? दिल की गहराईयों में जाकर, चुपके से सबको अपना बनाते ये शब्द। अहसासो का आँचल थामें धीरे से आगे बढ़ते
कुछ ख्वाहिश अधूरी सी
मेरी कलम से... मेरे मन के शब्दों की भाषा सुनने दो मेरे मन को। शब्दों को करने दो बात आपस में, उन्हें खुलकर जीने दो। सुनो ध्यान से ,क्या कहते हैं शब्द? दिल की गहराईयों में जाकर, चुपके से सबको अपना बनाते ये शब्द। अहसासो का आँचल थामें धीरे से आगे बढ़ते
यशोदा के नंदलाला
19 अगस्त 2022
1
0
आज़ादी का अमृत महोत्सव
4 अगस्त 2022
2
0
मज़दूर दिवस
1 मई 2022
1
1
कुछ कमी सी है
30 अप्रैल 2022
2
1
ज़िंदगी आहिस्ता चल
30 अप्रैल 2022
0
1
दर्दीले पल
30 अप्रैल 2022
0
0
क्या ज़िंदगी केवल ख्वाहिश है?
30 अप्रैल 2022
0
0
यादों का भंवर
30 अप्रैल 2022
0
0
रेत पर लिखा दर्द
30 अप्रैल 2022
0
0
कभी यूँ भी तो
30 अप्रैल 2022
0
0