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उदय नारायण सिंह''निर्झर आजमगढ़ी'' के बारे में

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उदय नारायण सिंह''निर्झर आजमगढ़ी'' की पुस्तकें

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आज शब्द नगरी जुड़ कर अत्यंत प्रसंता हो रही है. इस संस्था के माध्यम से साहित्य की हर विधा को विकसित करने का प्रयास करता रहूँगा. मैं आजमगढ़ के पवई विकास खंड में जमुहट ग्राम का निवासी हूँ. साहित्य और समाज को समर्पित है मेरा जीवन. मै चाहता हूँ कि हिंदी सर्

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आज शब्द नगरी जुड़ कर अत्यंत प्रसंता हो रही है. इस संस्था के माध्यम से साहित्य की हर विधा को विकसित करने का प्रयास करता रहूँगा. मैं आजमगढ़ के पवई विकास खंड में जमुहट ग्राम का निवासी हूँ. साहित्य और समाज को समर्पित है मेरा जीवन. मै चाहता हूँ कि हिंदी सर्

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उदय नारायण सिंह''निर्झर आजमगढ़ी'' के लेख

गजल

13 अक्टूबर 2017
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एक-एक कर घट रहा, जीवन का भण्डार.बढ़ना उसको समझ हम,मना रहे त्यौहार.-------------------------------------------------मन से मन मिलता नहीं, तन से करें प्रयास.मन से मन मिल जाय यदि घूमें बन कर दास.-------------------------------------------------- अच्छा बुरा बता करते निंदा

कविता

15 अगस्त 2017
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मित्रों आज भगवान श्री कृष्ण की जन्माष्टमी है. इस उत्सव मेरी एक रचना-- ------------------------------------------- पुन; महाभारत होने का दीख रहा आसार. बनने को सारथी कृष्ण जी जल्दी लो अवतार. ------------------सेवक रक्षक बनकर सारे नेता लूट रहे

काविता

15 अगस्त 2017
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स्वतंत्रता की सहनाई में गूँज रहा वलिदान. अश्रु भरी आँखों से चुप हो सुनता हिंदुस्तान. ------------शोणित से कण-कण सींचा जो, आज उपेक्षित है. ------------इतिहास के पन्नों में खोजो, कोने में अंकित है. आतताइयों के दलाल अब करते हैं गुणगान. अश्रु भ

विचार

8 अगस्त 2017
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इस समय संक्रमण काल चल रहा है. 1000 वर्ष तक अपनी आपसी फूट और सत्तालोलुपता के कारणा भारत मुगलो और अंग्रेजों का गुलाम रहा. आजादी प्राप्त करने हेतु जिन असंख्य लोगों ने अपना खून बहाया उसको धोकर गद्दार फिर सत्ता में आकर भारत को लूटते रहे और आज भी लूट रहे हैं. वर्तमान में रा

कविता

17 जुलाई 2017
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भारत की धरती वीरों से आज नहीं है खाली.अंगारे पर राजनीति की राख पुती है काली.----------संविधान के छद्म रूप से देश आज है आहत.--------कर्मवीर सच्चे लोगों को कदम-कदम पर डाहत.लूट रहा है खुलेआम वह बना देश का माली.अंगारे पर राजनीति की राख पुती ह

कविता

17 जुलाई 2017
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भारत की धरती वीरों से आज नहीं है खाली. अंगारे पर राजनीति की राख पुती है काली.----------संविधान के छद्म रूप से देश आज है आहत.--------कर्मवीर सच्चे लोगों को कदम-कदम पर डाहत. लूट रहा है खुलेआम वह बना देश का माली. अंगारे पर राजनीति की राख पुत

मुक्तक

26 फरवरी 2017
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गंतव्य मार्ग से हट कर चल रही चुनाव की रेल. लक्ष्य और सिद्धांत त्याग कर नेता करें कुलेल . आक्षेप और आरोप का चुन करके तीखे कंकण-- एक दूसरे पर ''निर्झर' सब चला रहे हैं गुलेल.------निर

कुंडलिया

26 फरवरी 2017
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कान ले गया कौवा सुनकर न देखते कान. कौवा के पीछे भागें भारत के दिव्य महान.भारत के

कुंडलिया

26 फरवरी 2017
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छाया वसंत चुनाव का मची हुई किलकारी. रंग बिरंगे लांछन की सब चला रहे पिचकारी. चला रहे पिचकारी आरोपों का रंग गुलाल. खेदि-खेदि अरु पकड़-पकड़ पोते दूजे के गाल.निर्झर चोला बदले नेता दिखा रहे निज माया .चिंतित जनता के

कविता

21 फरवरी 2017
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पहने खद्दर मुख में पान.सस्मित कर अपना गुणगान. जेब में रख सारा विभाग--- रख हर बाधा का समाधान. हर अधिकारी से मिलने को-- ----------------अपनाते हो हर हथकंडा. -----------------धन्य हो हे चौराहे के पंडा. चौकी थाना विकास खंड. या कहीं से कोई मिला

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