ये देश हमारी जान है, ईमान है।
आन बान और शान है, अभिमान है।।
स्वभाव है इसके अलग- अलग, शान है।
हमें वतन पे मर मिटना है, अभिमान है।।
तरह तरह के फूल खिले हैं, चमन एक है।
अनेकता में एकता सिखाता, भाषाएं अनेक है।।
ये देश मेरा गौरव,सम्मान है मेरा।
मान और सम्मान है, अभिमान है मेरा।।
मजहब नहीं सिखाता हमको बैर नहीं रखना।
आपस में सब एक रहो, अलग अलग नहीं रहना।।
है शान तिरंगे में की, ऐसी एकता हमारी।
हम झुकने नहीं देंगे, ये जान है हमारी।।
लहराएंगे तिरंगा हम, जुबां पे नाम होगा देश का।
शान हमारी जान हमारी, अभिमान होगा देश का।।
जो आंख उठा कर देखेगा देश को, जान ले लेंगे।
शान तिरंगे की रखेंगे हम, अपनी जान पे खेलेंगे।।
_______________________________________________
__________________________________________