चक्रव्यूह क्या था ?
कैसे बना ?
अभिमन्यु जाना जानता था
निकलना नहीं ! …
इन सारी बातों से अलग
अहम प्रश्न यह है
कि क्या इस व्यूह में
सचमुच अभिमन्यु ने दम तोड़ा ?
या भीष्म,द्रोण,कर्ण की दूसरी मौत हुई ?
विस्मित न हों इस खुलासे से
शकुनि की चाल ने
सबसे पहले उन्हें भरी सभा में मारा
जब द्रौपदी का चीरहरण हुआ
फिर उनके हाथों
पूरी बेरहमी से
उनका ही खून बहाया …
अभिमन्यु तो उसी क्षण विजई हुआ था
जब उसे निहत्था कर
दिग्गजों ने वार किया !
कर्ण, महान कर्ण
राधेय होकर भी
कौन्तेय की राह में भटकता रहा
भीष्म ने वचन की दुहाई देकर
पितामह की गरिमा को धूल में मिलाया
और गुरु द्रोण ने एकलव्य का अँगूठा माँगा
पर युद्धभूमि में अर्जुन पुत्र को मारते हुए
एक बार भी अर्जुन को नहीं सोचा !
....
महाभारत खत्म हुआ
चक्रव्यूह की कथा खत्म हुई
लेकिन अभिमन्यु आज भी ज़िंदा है