अछूत और सफ़ाई कर्मचारियों के विषय में यह जानना ज़रूरी है!
15th October 2017 at 9:14 am
अछूत और सफ़ाई कर्मचारियों के विषय में यह जानना ज़रूरी है!
Posted by newseditor
Abhay Vivek Aggroia
=================
अब यह जानना भी जरूरी है कि–अछूत और सफाई कर्मचारियों के विषय में “महात्मा “, ” महान सेवक ”
के बारे में क्या सोचते हैं —अब भी समझो किस की क्या असलियत है और कैसे इन इंसानो को जानवर से बदतर बनाने में मदद की है-और तथाकथित “आतंकवादी “–भगत सिंह
ने कैसे इन्हे इंसानो का दर्जा दिया —
__ पिता महात्मा –“I believe that if Hindu society has been able to stand, it is because it is founded on the caste system. A community which can create the caste system must be said to possess unique power of organisation. To destroy the caste system and adopt the Western European social system means that Hindus must give up the principle of hereditary occupation which is the soul of the caste system.The hereditary principle is an eternal principle. To change it is to create disorder. It will be a chaos if every day a Brahmin is to be changed into a Shudra, and a Shudra is to be changed into a Brahmin. The caste system is a natural order of society…. I am opposed to all those who are out to destroy the caste system.”
” महान सेवक ” –मोदी–”मुझे नहीं लगता कि ये लोग सिर्फ़ अपना जीवनयापन करने के लिए यह काम करते हैं, अगर ऐसा होता तो शायद वे पीढ़ी दर पीढ़ी इसे जारी नहीं रखते.”
\ ”किसी एक मौके पर किसी न किसी को तो यह आभास हुआ होगा कि यह काम उन्हें (वाल्मीकि समाज) पूरे समाज और ईश्वर की खुशी के लिए करना है. उन्हें यह समझना होगा कि यह काम उन्हें ईश्वर ने दिया है और सफाई के इस काम को उन्हें अपनी आंतरिक आध्यात्मिक संतुष्टि के लिए सदियों तक जारी रखना होगा. इस बात पर विश्वास करना बहुत मुश्किल है कि उनके पूर्वजों के पास कोई दूसरा काम करने का विकल्प नहीं था.”
तथाकथित “आतंकवादी “–भगत सिंह –सबसे पहले यह निर्णय कर लेना चाहिए कि सब इन्सान समान हैं तथा न तो जन्म से कोई भिन्न पैदा हुआ और न कार्य-विभाजन से। अर्थात् क्योंकि एक आदमी गरीब मेहतर के घर पैदा हो गया है, इसलिए जीवन भर मैला ही साफ करेगा और दुनिया में किसी तरह के विकास का काम पाने का उसे कोई हक नहीं है, ये बातें फिजूल हैं। इस तरह हमारे पूर्वज आर्यों ने इनके साथ ऐसा अन्यायपूर्ण व्यवहार किया तथा उन्हें नीच कह कर दुत्कार दिया एवं निम्नकोटि के कार्य करवाने लगे। साथ ही यह भी चिन्ता हुई कि कहीं ये विद्रोह न कर दें, तब पुनर्जन्म के दर्शन का प्रचार कर दिया कि यह तुम्हारे पूर्व जन्म के पापों का फल है। अब क्या हो सकता है?चुपचाप दिन गुजारो! इस तरह उन्हें धैर्य का उपदेश देकर वे लोग उन्हें लम्बे समय तक के लिए शान्त करा गए। लेकिन उन्होंने बड़ा पाप किया। मानव के भीतर की मानवीयता को समाप्त कर दिया। आत्मविश्वास एवं स्वावलम्बन की भावनाओं को समाप्त कर दिया। बहुत दमन और अन्याय किया गया। आज उस सबके प्रायश्चित का वक्त है।
================अभय===========================================
———कहीं तो ईमानदारी दिखाइए —
–हम अब भी नहीं समझेंगे तो —अंजामे हक़ीक़त क्या होगी !!!
असली मुद्दों की लड़ाई के लिए जनजीवन को एकजुट कर एक लंबे संघर्ष से ही शोषण से मुक्ति मिल सकती है
समझें और सामझाएं
पहल करें ——पहिये का रुख बदलने का
मुश्किल है ————-नामुमकिन तो नही
जागो, मेरे भाई जागो
Join: Jago, Mere Bhai Jago
शामिल हों : बदलाव की लड़ाई और तमन्ना
शामिल हों : एक दिशा या राह —-Ek disha ya राह
शामिल हों :रुके नही कदम , अब जागे हैं हम ( Unstoppable Struggle To Change The System )