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Agar mai tujh ko bhila dun?

22 सितम्बर 2021

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अगर मैं तुझ को भुला दूंगा तो फिर क्या होगा।
बे वज़ह ख़ुद को सजा दूंगा तो फिर क्या होगा।

मौज़-ए-सफ़र में मैं दूर तक जा सकता हूं मगर।
अकेले  बुलंदी पर पहुंचूंगा  तो फिर क्या होगा। 

बज़्म में बैठे सब के सब मतलबपरस्त फरेबी है।
राज़ ये दुनियां को बता दूंगा तो फिर क्या होगा।

शहर में चर्चें है ऐ जलवागर तेरी जलवागिरी की।
मैं तेरे चेहरे से पर्दा हटा  दूंगा तो फ़िर क्या होगा।

हां वो तेरी माज़ी की कोई भूली हुई दास्तां है जय।
देखर उसे मैं निगाहें झुका दूंगा तो फिर क्या होगा।
मृत्युंजय विश्वकर्मा

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14 सितम्बर 2021
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<div><b><i>सुनो बलम सूनि तुम बिनु दुनिया है।</i></b></div><div><b><i>आओ बाट जोहत तोरी जोगनिया है।</i

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Agar mai tujh ko bhila dun?

22 सितम्बर 2021
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दर्मियां-ए-आरज़ू

28 अक्टूबर 2021
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<i style="font-size: 1em;"><b>दर्मियां-ए-आरज़ू में रहें तो बेहतर हो।</b></i><br><i style="font-size:

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29 नवम्बर 2021
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किसी की जुल्फ़ों से प्यार कर आया।

12 फरवरी 2022
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इश्क की गलियों का दीदार कर आया।किसी की जुल्फ़ों से मैं प्यार कर आया।जानता हूं उनकी हर एक बाते झूठी है।हां मगर दिल के हाथों ऐतबार कर आया।दिल के कई फसाने जमाने ने सुनाई थी।मैं भी आज दिलों का व्यापार कर

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Punjabi geet

22 मार्च 2022
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मैनू उस दे रूप दे नाल परियां दिस दीवो मिट्टी छू दे ते सोणे दे मोल बिकदीओनू तितलियां बहुत सतान्दी हैओनू हुस्ना फूला दा नाल महकदीदस खुदाया इन्ना सोणा हुस्न क्यूं बणायाजद्दे नाल देखदी हीर दी आंख तरसदीरब्

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मेरी नज़र ही तो है।

22 मार्च 2022
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ज़िंदगी एक सफ़र ही तो है।सारा शहर मेरा घर ही तो है।ये शहर जला, वो कोई माराख़ैर छोड़ो ये ख़बर ही तो है।तेरी बातें खंज़र सी चुभती है।छलनी होने दो जिगर ही तो है।जाने वाले को भला मैं कैसे रोकूं।अपना नहीं

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दिलबर न मिला

22 मार्च 2022
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जैसा चाहा वैसा कोई मंज़र न मिला।मैं उम्र भर सफ़र में रहा घर न मिला।मैं ज़ख़्म सीने पर खाने को तैयार हूं।मगर चाहत भरा कोई खंज़र न मिला।रंज-ओ-ग़म, बेज़ार-ओ-बे'नूर हाय तौबा।दिलों के जहां में एक भी दिलबर

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