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राजनीति।

1 जनवरी 2022

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महगाई करके खुद कंचन चर रहे,
अपने देश विदेश में मंचन कर रहे।

त्वरित अगुआई हो शिक्षा बढाने को,
यूनिविर्सिटी बन्द करके दन्त मंजन कर रहे।

पहन रहे खुद सूट कुर्ता घड़ी चश्मा महंगा मोदी,
किसानों गरीबो को मार भ्रष्टाचारियो का अभिनंदन कर रहे।
धर्म हिन्दू शिक्षा रोजगार सब खतरे में है इनसे,
ये बस फेकू चंद बने फिर देश मे व्यसन कर रहे।

बाट रहे तेल नून गेंहू जैसे की कोई राजा हो,
सरकार पर अधिकार भरष्ट नेता के नंदन कर रहे।

हे जनता जनार्दन संभलो वोट बूझ कर दो ,
अनपढ़ की सरकार न आये हम बन्दन कर रहे।


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