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अमित भूषण के बारे में

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अमित भूषण की पुस्तकें

अमित भूषण के लेख

रिज़र्व बैंक एवं उद्योगजगत पर सवाल और जवाब और राजनीतिक गतिविधि

15 मार्च 2018
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अभी सरकारी बैंकों में डिफ़ॉल्ट/बकायेदारों का मामला गर्म है । इसलिए जबावदेही स्वयं बैंक के एग्जीक्यूटिव और शेयरधारक यानी सरकार दें । इसमें कुछ गलत नहीं क्योंकि सीधी जिम्मेवारी तो इन्ही की है, किन्तु क्या रिज़र्व बैंक पूरी तरह से पल्ला झार सकता है । बैंक कानूनी प्रावधानों की

‘विलफुल डीफौल्तेर्स’ अर्थात ‘स्वेच्छापूर्ण बकायेदार’और बैंक

13 मार्च 2018
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सरकारी बैंकों पर कसते शिकंजे को देखने से यह उम्मीद बढ़ी है कि सरकार कुछ गंभीर है, किन्तु यह सवाल बना रहेगा की वाकई में कितनी । अभी यह नहीं पता की की स्वेछापूर्ण बकायेदारों पर घोषित कार्यवाही की उन्हें बेनकाब किया जाये, यह किस समय से लागू होगा । दरसल बैंकों में ‘नॉन-परफोर्म

हिन्दी एवं भारतीय भाषाओं में एप्लीकेशन सर्विसेज

11 मार्च 2018
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भारतीय भाषाओं इन्टरनेट का प्रसार शुरू तो हो रहा है, किन्तु यह ज्यादातर केवल इनफार्मेशन संचार का माध्यम भर है । अभी बहुत ही कम एप्लीकेशन सर्विसेज इन भाषाओं में उपलब्ध हैं । हिन्दी एवं अन्य भारतीय भाषाओं में सोशल मीडिया की सर्विसेज जैसे की ‘शब्दनगरी’ या ऐसी अन्य सर्विसेज की

दिल्ली में दुकान सीलिंग का मामला और अदालती कार्यवाही

9 मार्च 2018
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दिल्ली में दुकान सीलिंग का मामला राजनीतिक तौर पर सुलग रहा है और राजनीतिक रोटियाँ खूब सेकीं जा रही है । मामला जरा टेढ़ा है क्योंकि अदालतें राजनीतिक विशलेषण से बचतीं रहीं हैं । लेकिन इससे भी अदालतें ही कमज़ोर होती हैं और इसका ध्यान रखना चाहिए । अब इस विषय को ही देखिये ! जो पा

‘अशोक खेमका’ और लोकशाही

25 फरवरी 2018
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‘जरूरत ही अविष्कार की जननी है’ । बात तो साधारण ही है, लेकिन इसे समझना पड़ेगा । और यह बहुत जरूरी है की आज के राजनीतिक सन्दर्भ में इसे जल्दी समझ लिया जाय जिससे की सही तरह के अफसर सही जगह बैठाने में सहायता हो । क्योंकि शायद प्रथम बार जनता के काम और प्राथमिकताओं को लेकर अख़बार

सरकारी एजेन्सिओं की निष्ठा एवं कार्यशैली

24 फरवरी 2018
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बैंक घोटाले पर आखिरकार कुछ तो बयान आ ही गया जिसके बारे में मीडिया और नेताओं में अटकलें थी। बस चर्चाओं का दौर शुरू होना बाकी है । सभी अधिकारिओं एवं एजेन्सिओं को अपना काम और बैंक सम्बंधित घोटाले की जांच पूरी निष्ठा के साथ ही करने को कहा गया है । सरकारी कर्मचारी इस निष्ठा शब

इंस्टिट्यूट ऑफ़ चार्टेड एकाउंटेंट्स और ऑडिट एवं बैंक घोटाला

23 फरवरी 2018
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बैंकिंग घोटाला अब इंस्टिट्यूट ऑफ़ चार्टेड एकाउंट्स को भी सुपुर्द किया गया है । लेकिन यह नहीं बताया गया वे करेंगे क्या । दरसल इंस्टिट्यूट एक सेल्फ गवर्निंग बॉडी यानि की स्थापित अकाउंटेंट के द्वारा एक स्वयं को संचालित करने वाली संस्था है । वे ऑडिटर के कॉन्ट्रैक्ट को समझेंगे

बैंकिंग घोटाला और खुदरा निवेशक

22 फरवरी 2018
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विगत कई दिनों से बैंक घोटाले की चर्चा काफी हो रही है । पर इसके साथ की और भी कई समस्याएँ जैसे गौण हो गई हैं । उदहारण के तौर पर खुदरा निवेशकों की समस्या । क्या केवल इन निवेशकों को उनके निवेश का गिरा हुआ भाव बता भर देने से समाचार चैनलों का काम समाप्त हो गया । क्या उन्हें कोई

गणतंत्र का राजतंत्र - सब दुरुस्त है, हूजूर

20 फरवरी 2018
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गण यानि लोग और तंत्र यानि सिस्टम या व्यवस्था । इस तरह गणतंत्र यानि लोगों द्वारा चुनी हुई व्यवस्था । लेकिन व्यवस्था को चुनने के लिए उसे जानना भी होता है । व्यवस्था का मतलब है की लोंगों का समूह (जिन्हें लोकसेवक या सरकारी कर्मचारी या अधिकारी कहा जाता है) जो की निश्चित प्रक्र

राजनीति के नीरव

18 फरवरी 2018
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आजकल की राजनीति में नीरव रह पाना कोई सरल बात नहीं । संभावनाओं के इस खेल में केवल बड़े दिग्गज ही नीरव रह सकते हैं । इससे भी उन्हें शायद कोई सरकारी पद गंवाना ही पड़ता है, किन्तु फिर भी किसी पार्टी दफ्तर के उद्घाटन के लिए पूछ तो लिया जाता ही है । अब आजकल के समय में ये कोई कम ब

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