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अर्धसत्य

18 जुलाई 2022

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(अभी तक आपने पढ़ा कि समीर कैप्टन के कुछ राज पता लगाता है जो समीर और उसकी माँ से भी जुड़े हुए लगते हैं। समीर उन्हें जेनिलिया व जैनी के समक्ष रखता है। उन्हें एहसास होता है कि जैसे कैप्टन समय के चक्कर को मात दे रहा है। आइये अब आगे बढ़ते हैं।)

जेनिलिया, जैनी और समीर तीनों खड़े हुए कैप्टन को देख रहे थे। तीनों अपने-अपने मनोस्थिति के हिसाब से कैप्टन के व्यक्तित्व का हिसाब लगा रहे थे।

"मलतब वो पत्नी और बच्ची वाली बात कोरा झूठ है?" जेनिलिया बोली।

"हो सकता है, और नही भी" समीर बोला जिसका ध्यान अभी भी कैप्टन की तरफ था।

"मतलब?" जैनी ने पूछा।

समीर ने कैप्टन से ध्यान हटाते हुए कहा "हो सकता है उसका परिवार वहाँ मौजूद हो, और उसे हमारी जरूरत हो इसीलिए वो हमें घसीटे जा रहा है। या फिर हम लोग चारा भी हो सकते हैं।"

"मतलब खतरा है" जेनिलिया बोली।

"तुम चाहो तो यहीं से वापिस मुड़ सकती हो। कहीं भी जा सकती हो। मैं तुम्हे जरूरी सामान और हथियार दिलवा दूँगा। बोलो, क्या कहती हो?" समीर ने जेनिलिया से कहा।

"और तुम?" जैनी ने समीर के पास आते हुए कहा।

"मेरे पास कोई रास्ता नही है। मुझे उसके साथ जाना ही होगा। मैं शायद अपनी माँ तक पहुंचने का रास्ता ढूंढ सकूं या हो सकता है कैप्टन मुझे उन तक पहुंचा दे।" समीर ने बेचैन सा होते हुए कहा।

"मतलब तुम्हारे पास एक मंजिल तो है, और हमारे पास तो वो भी नही" जेनिलिया ने नाराज सी होते हुए कहा।

जैनी ने अपने मस्तमौला लहजे में कहा "हम दो नन्ही सी जानें भारी पड़ जाएंगी तुम्हें?"

समीर उसकी बात पर खिलखिला कर हंस दिया। जेनिलिया भी हंस दी। समीर उनके अपने साथ चलने पर राजी हो गया। वों बातों में मशगूल थे कि तभी कैप्टन ट्रक ले कर वहाँ आ पहुंचा और बोला "चलना है या शहर पसन्द आ गया? नही अगर पसंद है तो देख लो यहीं पिकनिक मना लेंगे।" तीनों उसकी बात पर हंस दिए। उन्होंने फैसला किया कि वों कैप्टन को कुछ भी पता नही चलने देंगे कि उन्हें उसके बारे में कोई जानकारी है।

ट्रक शहर के बीचों-बीच गुजर रहा था। तीनों आँखें फाड़े ट्रक के शीशों से ऊँची-ऊँची इमारतों को देख रहे थे। वाकई में ये शहर अपने समय में खूबसूरती का एक बेहतरीन नमूना रहा होगा। वों शहर की बीत चुकी खूबसूरती को निहारते जा ही रहे थे कि तभी कुछ ध्यान खींचने वाला दृश्य उनकी निगाहों में आया। कैप्टन ने ट्रक रोक दिया। मुख्य सड़क (जिसे से वों गुजर रहे थे) के दायीं तरफ फटने वाली एक सड़क जो इमारतों के बीच से गुजरती थी, उस पर 3 गाड़िया और एक ट्रक खड़ा दिख रहा था। तीनों ने गौर से उन वाहनों को देखा।

"तुम भी वही सोच रहे हो जो मैं?" कैप्टन ने देखते हुए कहा।

समीर ने बाहर देखते हुए जवाब दिया "अब मुझे क्या पता भला तुम क्या-क्या सोचते हो।"

"यें तो वही गाड़ियां हैं जिन्होंने हम पर हमला किया था।" जेनिलिया ने कहा।

"लेकिन यहाँ इतनी शांति क्यों है? कोई दिख नही रहा आस-पास।" समीर ने इधर-उधर झांकते हुए कहा।

"हम उतरेंगे तो नही ना।" जैनी ने थोड़ा घबराते हुए कहा।

"अब तो जरूर उतरेंगे" कैप्टन जोर से हंसा।

"जैनी तुम ट्रक में रहो" समीर ने कहा।

कैप्टन तपाक से बोला "नही, हम ट्रक चलता नही छोड़ सकते, सभी चलेंगे। सब हथियार लेलो। जैनी तुम मेरे साथ रहना।"

"नही वो मेरे साथ रहेगी, थैंक्यू" समीर ने कहा और एक राइफल को लोड किया और एक हैंड गन जैनी की तरफ बढ़ाई।

जैनी ने हाथ पीछे करते हुए कहा "नही, मैं तुम्हारे साथ सुरक्षित हूँ। मुझे इसकी जरूरत नही।"

"और इसे चलानी भी नही आती" जेनिलिया ने हंसते हुए कहा और जैनी ने गुबारा सा मुँह करते हुए कहा "क्योंकि किसी ने सिखाया नही।"

"कोई बात नही। मैं सिखाऊंगा तुम्हें" समीर ने उसके बालों में हाथ फेरा और मुस्कुराया।

कैप्टन ने अपनी गन चेक करते हुए कहा "तुम लोगों का ड्रामा खत्म हो गया हो तो आगे बढ़ें?"

जेनिलिया ने उनकी बातचीत पर कोई प्रतिक्रिया नही दी। तीनों कैप्टन के पीछे आराम से नीचे उतरे। ट्रक को सील कर दिया गया। चारों तरफ बड़े-बड़े भवन थे। वों मुख्य सड़क से उतरकर छोटी सड़क पर उन गाड़ियों की तरफ बढ़े। सबसे पीछे खड़ी गाड़ी पर उनकी नजर गई। ऐसा लग रहा था जैसे किसी बड़े जानवर ने पंजो से बुरी तरह झकझोर दिया हो। बाकी वाहनों की भी हालत बदतर थी। पहली गाड़ी से आगे निकलते ही उन्होंने देखा कि वहाँ उन हत्यारों की खून से सनी लाशें पड़ी थीं। कोई भी लाश पूरी नही थी। किसी का धड़ गायब था तो किसी का नीचे का हिस्सा। समीर, जेनिलिया और जैनी सामने के दृश्य को हजम करने की कोशिश कर रहे थे जबकि कैप्टन गाड़ियों पर पड़े उन निशानों को छू कर ऐसे देख रहा था जैसे कुछ याद करने की कोशिश कर रहा हो। वो उन निशानों को छूता है और आंखे बंद करके उन्हें महसूस करने की कोशिश करता। वो आंखे बंद करता है और एक दम से झटके से खोल लेता है। उसकी सांसे तेज हो जाती हैं। समीर उसे देखता है और आकर उसके कन्धे पर हाथ रखता है। कैप्टन जैसे ही पलटता है तो समीर देखता है की उसका चहेरा डर और पसीने से तर था। सुबह के इस वक़्त जब सूरज पूरी तरह निकला भी नही है और गर्मी भी इतनी नही है, कैप्टन के चहेरे पर इतना पसीना? समीर  पूछता है "क्या हुआ? एक दम से इतने घबराए हुए कैसे?"
                        कैप्टन कोई जवाब नही देता बस वहां से हट जाता है और इधर-उधर देखने लगता है। समीर उस निशान को गौर देखता है, जो उस लड़ाकू ट्रक पर पड़ा था। वो किसी खतरनाक जानवर के पंजे का निशान था ये तो पक्का था लेकिन वो जानवर क्या था ये अंदाज लगाना मुश्किल था क्योंकि उस निशान ने ट्रक की मोटी स्टील की दीवार को इस तरह से फाड़ दिया था की उसमे से अंदर का दृश्य आसानी से देखा जा सकता था। समीर ने उस निशान को छुआ तो उसे अजीब सा लगा उसकी आँखे बंद हो गईं और उसे अनजान से दृश्य दिखने लगे। आंखे बन्द करते ही उसे भयानक आवाज़ें सुनाई देने लगीं, उसे दिखाई दिया कि एक जगह जहां कैप्टन खड़ा है और उसके सामने कुछ बहुत खतरनाक चीज़ है जिससे वो अपने पीछे खड़े किसी की हिफाज़त कर रहा है, चारों तरफ किसी जले हुए जहाज का मलबा बिखरा पड़ा था। कैप्टन उसे वर्तमान की तुलना में जवान दिख रहा था। लेकिन उसके पीछे कौन था वो दिखाई नही दिया। वो सामने भी कुछ साफ देख नहीं पा रहा था। लेकिन इतना स्पष्ट था कि सामने कुछ बहुत खतरनाक था जिससे वो अपने पीछे खड़े किसी की हिफाजत कर रहा था। समीर को झटका सा लगा जैसे किसी ने उसे अंदर से बाहर धकेल दिया हो और उसकी आंखें एक दम खुल गयी।

"क्या हुआ?" जेनिलिया ने पूछा।

"पता नही, कुछ अजीब, बहुत अजीब सा दिखा" समीर बोला और कुछ दूरी पर गाड़ियों को छानते कैप्टन की और टकटकी लगा कर देखने लगा।

तभी जैनी की आवाज़ आई "जल्दी यहाँ आओ सब, देखो।"

जैनी एक बरामदे में हैरान हुई किसी चीज़ को घूर रही थी। सब उसके पास गए तो उन्होंने पाया कि उन हत्यारों में से एक घायल अवस्था में एक दिवार के सहारे लगा बैठा था। उसकी दायीं टांग गायब थी और उसके ज़ख्म से खून लगातार बह रहा था। वो दर्द से तड़प रहा था, उसके गले पर भी गहरे जख्म थे जिसकी वजह से वो ठीक से बोल भी नही पा रहा था। समीर ने उसके मुंह मे थोड़ा सा पानी डाल जिससे वो होश में आया। कैप्टन सबसे पीछे खड़ा था, वो शायद किसी गहरी सोच में डूबा हुआ था। वो हत्यारा पानी पी कर कुछ होश में आया। समीर ने उससे पूछताछ की "हे, क्या हुआ यहाँ?" हत्यारा अटक-अटक कर बोलने की कोशिश कर रहा था पर शायद वो उसके बारे में बोलने से भी डर रहा था। समीर ने उसे झझोर दिया जिसके बाद उसने उगलना शुरू किया

"व...व...व.....वो था.."

"क्या था? बोलो, क्या हुआ यहाँ"

"न....न....नही...उसकी आ..आ...आ..आँखों में नहीं देखना"

"किसकी?" समीर उतावला हो गया।

कैप्टन आगे आया और उसने उस आदमी को गले से पकड़ कर  पूछा "क्या कर रहे थे तुम लोग यहाँ?"

"ढ...ढ..ढूंढ रहे थे"

"किसे?"

"प....प...पता नही"

कैप्टन ने उसका गले का ज़ख्म ज़ोर से दबाया। वो। लगभग चीखने लगा। समीर ने डांटते हुए कैप्टन को उससे दूर हटाया "क्या कर रहे हो ये? पागल हो गए हो? ज़ख्मी है वो.." तभी उस हत्यारे ने कुछ कहा "प्रिंस...ल..लॉर्क" सबने उसकी तरफ देखा।

समीर ने उससे पूछा "कौन है प्रिंस लॉर्क? क्या उसने किया ये सब? बोलो?"

वो हत्यारा जैसे कैप्टन को घूर रहा था। वो कुछ बोलने वाला था पर तभी उसे कुछ होने लगा, उसके मुँह से खून बहने लगा। तभी अचानक कैप्टन ने उसके सिर में गोली मार दी। सभी देखते रह गए। तीनों उस आदमी के व्यवहार से पहले ही हैरान थे और अब कैप्टन की हरकत ने उन्हें सन कर दिया था।

"ये क्या बेहूदा हरकत थी?" समीर चिल्लाया।

"वो बदलने वाला था, आदमख़ोर बनने वाला था" कैप्टन ने बढ़ी शांत आवाज़ में जवाब दिया और कह कर ट्रक की तरफ मुड़ गया। तीनों देखते रह गए।

"ये प्रिंस लॉर्क कौन है अब?" जेनिलिया बुदबुदाई।

चारों अब ट्रक में मौजूद थे। ट्रक आगे बढ़ता जा रहा था। सब लोग चुपचाप बैठे थे। समीर उठा और कैप्टन के पास गया और बोला "तुमने वादा किया है कि तुम मुझे आज सब सच-सच बताओगे।" कैप्टन ने कोई जवाब नही दिया। समीर ने फिर से कहा "बोलो,जवाब दो, मैं जानना चाहता हूँ कि चल क्या रहा है।"

कैप्टन ने कहा "तुमने कोशिश तो की खुद जानने की। क्या हुआ फिर?" समीर चौंक गया। कैप्टन को सब पता था की समीर कल रात ट्रक में था।

"तो अब तुम मुझे सच-सच बताओ। तुम कैसे जानते हो उनको? बोलो......मेरी माँ को कैसे जानते हो?"

"कौन तुम्हारी माँ?" कैप्टन ने अपने हमेशा वाले शांत लहजे में उल्टा सवाल समीर की तरफ ही फेंक दिया।

"देखो अब ज्यादा नाटक मत करो। तुम्हारे पास मेरी और मेरी माँ की तस्वीर कहाँ से आई? कैसे जानते हो तुम उनको? बताओ मुझे, कौन हो तुम? मेरी माँ का और तुम्हारा क्या रिश्ता है? साबित करो" समीर आवेश में आता हुआ बोला।

"पहले तुम साबित करो कि तुम उनकी ही औलाद हो, क्या सबूत है तुम्हारे पास इस बात का की तुम्हारा उनसे कोई रिश्ता है या इस बात का की वो तस्वीर तुम्हारी है?" कैप्टन ने गाड़ी चलाते हुए समीर की तरफ ध्यान से देखते हुए कहा और फिर से आगे की तरफ नजरें जमा दी। समीर समझ नही पाया कि वो क्या कहे। आगे कैप्टन ने बोला "इसीलिए मैंने कहा था तुमसे की मुझे मेरे सवालों के जवाब मिल जाएंगे तो मैं तुम्हें भी तुम्हारे सवालों के जवाब दे दूंगा और फिक्र मत करो मुझे तुमसे कोई जवाब नही चाहिए, आज का वक़्त मांगा था मैंने? है ना? तो आज का दिन अभी खत्म नही हुआ, और मेरा वादा है आज अगर मेरे जवाब मिल गए तो तुम भी अपने सवालों से अनजान नही रहोगे।"

           समीर उसे मौका देने को तैयार हो गया, इसके अलावा उसके पास चारा भी कुछ नही था। ट्रक चलता रहा। तीनों पीछे बैठे खुसर-फुसर करते रहे और कैप्टन अपने-आप में मस्त ट्रक चलाता रहा। तकरीबन 2 घण्टे बाद वों एक जगह पर रुके। ट्रक ब्रेक लगने से सबक ध्यान बाहर गया। आस-पास कुछ भी नही था सिवाय एक कॉटेज के। कैप्टन ने पीछे मुँह करके कहा "ट्रक  का इंजन चलता रहेगा और तुम तीनों कुछ समय के लिए यहीँ रहो, मैं अभी गया और आया।" कैप्टन उनके जवाब का इंतजार करने के मूड़ में नही था। उसने कुछ सामान लिया, जैसे कि पानी की बोतलों की बोतलों की एक पेटी, कुछ राशन और साथ ही ड्राइविंग सीट के नीचे से एक प्लास्टिक बैग निकाला। उसे साथ ले कर वो उस कॉटेज की तरफ बढ़ गया। तीनों ट्रक की खड़की से उसे देख रहे थे, उन खिड़कियों के शीशे में से बाहर से अंदर का कुछ दिखता नही था पर अंदर से बाहर स्पष्ट था सब। उन्होंने देखा कि कॉटेज के बाहर एक आदमी और एक औरत खड़े हैं, लगभग 60 साल की उम्र या उससे ज्यादा के।

यें तीनों दिलचस्पी से बाहर का दृश्य देख रहे थे। कैप्टन ने जा कर दोनों को गले लगाया, वों भी उसे देख कर काफी खुश हुए। कैप्टन ने पानी और राशन उनको थमा दिया। फिर उसने जेब से वो प्लास्टिक बैग निकाल कर उस आदमी को थमा दिया और उसे कुछ समझाया। उसकी बातें सुन कर वो आदमी ज़रा सा चौंका और उसने नजरभर कर पहले उस बैग में झांका और फिर ट्रक को देखा। वो औरत भी हैरान सी हो गयी थी। फिर उस आदमी ने कैप्टन को देख कर कुछ कहा और अंदर चला गया। उसके पीछे वो औरत भी चली गयी। कैप्टन वहीँ बाहर एक कुर्सी पर पसर गया। उसने गर्दन पीछे लटका कर माथे पर हाथ रख लिए, वैसे ही लेटे-लेटे उसने हाथ उठा कर ट्रक की तरफ इशारा किया कि 5 मिनट बस, जैसे कि वो उन्हें देख रहा हो।

अब यें तीनों थोड़े घबराये हुए थे। पहले ही वों लोग रात से ले कर अब तक कि सभी घटनाओं की वजह से हैरान-परेशान थे और अब ये नया ड्रामा, तीनों एक दूसरे की तरफ देखने लगे।

"क्या हो रहा है यहाँ?" जेनिलिया ने पूछा।

"मैं भी तुम्हारी तरह हैरान हूँ" समीर बोला।

"लगता है अंदर हमारा मोल-भाव हो रहा है। मेरा तो चलो मान सकते हैं, पर तुम दोनों का यें भला क्या करेंगे?" जैनी ने बोला।

जेनिलिया ने उसके सिर में हल्की सी चपत लगाई।

"आउच! अरे मैं तो बस माहौल को हल्का-फुल्का कर रही थी।" जैनी बोली।

समीर ने मुस्कुराते हुए कहा "चाहे कुछ भी हो जाये, मतलब अगर बात बिगड़ती है तो भी मैं तुम लोगों को कुछ नही होने दूँगा।" जेनिलिया उसे देख कर विश्वास से मुस्कुराई।

"और मैं भी तुम्हें" जैनी ने बोला और फिर पहले की तरह एड़ियां उठा कर खड़की से बाहर झांकने लगी और यें दोनों उसकी बातों पर हँसते रहे। फिर तीनों वापिस टकटकी लगा कर कैप्टन को देखने लगे।

थोड़ी देर बाद वों आदमी और औरत आत्मविश्वास से दमकते हुए बाहर आये। उन्हें देख कर कैप्टन तुरन्त खड़ा हो गया। उन्होंने आकर कैप्टन का हाथ पकड़ा और फिर उसे गले से लगा लिया। उसके बाद कैप्टन को कुछ समझाया। तीनों बहुत खुश थे। कैप्टन ने उनको ट्रक तरफ इशारा किया और वों तीनों ट्रक की तरफ चल दिये। उन्हें आता देख यें तीनों घबरा गए।

"लगता है डील हो गयी" जैनी बोली।

"घबराओ मत कुछ नही होता" समीर ने तस्सली दी।

"हमें हथियारों के साथ तैयार रहना होगा" जेनिलिया ने सुझाव दिया।

तीनों हाथ में बन्दूकें लिए खड़े हो गए। ट्रक का पिछला गेट खुला और वों अपने सामने कैप्टन के पीछे खड़े उस आदमी और औरत को देखते हैं।

"हथियार नीचे रख दो, डरने की जरूरत नही है" कैप्टन ने कहा।

जैनी आगे आकर बोली "हां हमें नही है, पर तुम्हें है क्योंकि(समीर और जेनिलिया की तरफ देख कर) हमारे पास हथियार है"

कैप्टन ने जैनी को कमर से पकड़ कर उठाया और ट्रक से नीचे रख दिया औए बोला "चलानी आती है?" जैनी ने मासूम से चेहरा बना लिया। कैप्टन ने समीर और जेनिलिया को नीचे आने का इशारा किया। दोनों नीचे आये तो कैप्टन ने उस आदमी से परिचित करवाते हुए कहा "यें हैं.." समीर ने बात काट दी और पूछा "प्रिंस लॉर्क?"

कैप्टन ने हंसते हुए कहा "नही नही, यें डॉक्टर बर्न हैं और ये इनकी पत्नी मारिया, और यें हैं स..समीर, जेनिलिया और जैनी।" जैसे ही कैप्टन ने बात खत्म की तो मारिया आगे आई, उसकी आँखों में आँसू और होंठों पर मुस्कुराहट थी। उसने आकर समीर का हाथ पकड़ा और उसके चहेरे को छुआ। पीछे खड़ा आदमी भी मुस्कुरा रहा था।

उस औरत ने कहा "आपका स्वागत है" और उस आदमी ने कहा "ये तो चमत्कार है, अदभुत, सिर्फ 6 महीने और...(गला साफ करते हुए) हमने बहुत इंतजार किया आपका, शुक्र है आप ठीक है।"

"आप लोग मुझे जानते हैं? पर कैसे?" समीर असमंजस के साथ बोला।

"बहुत कुछ जानना है अब आपको, बहुत कुछ" मारिया ने आंखों में आंसुओं की चमक लिए कहा। वो उसे नजर भर-भर कर ऐसे देख रही थी जैसे एक माँ अपने बेटे को निहारती है।

"तुम सब पहेलियां पढ़े जा रहे हो, कोई मुझे ढंग से कुछ बताता क्यों नही?" समीर लगभग रोता हुआ सा बोला।

"बधाई हो। तुम अपने सवालों के जवाब पाने के हकदार हो अब। अब यहाँ से चलो।" कैप्टन ने कहा।

"नहीं पहले मुझे मेरे सवालों के जवाब दो" समीर चिल्लाया।

"वहीँ तो ले जा रहा हूँ जहाँ वों जवाब तुम्हें मिलेंगे" कैप्टन ने कहा।

"और वो जगह क्या है?" जेनिलिया ने पूछा।

"घर" कैप्टन ने जवाब दिया।

"उसके साथ जाओ, हम भी कुछ दिनों बाद वहीं आ जाएंगे। आपकी मंजिल वहीं है, यहाँ कुछ भी इत्तिफाक से नही हो रहा है, सब कुछ तय है, जाओ अब" बर्न ने कहा।

समीर ज़िद पर अड़ गया और कैप्टन मुस्कुरा रहा था।

"लगता है तुम्हें तुम्हारे सवालों के जवाब मिल गए" जेनिलिया ने कहा।

"बिल्कुल" कैप्टन जोश से बोला।

"इसी लिए इतने खुश हो की दांत मुँह से बाहर उछलने को हो रहे हैं?" जैनी ने कहा।

कैप्टन मुसकुराता हुआ बोला "हाँ, पर खुशी की बात एक और भी है (समीर की तरफ देख कर) मैंने अपनी ड्यूटी पूरी कर ली।"

"मुझे कुछ समझ नही आ रहा है, चल क्या रहा है, मैं एक आम सा भटकता हुआ राहगीर था और...." समीर मायुस सा होता हुआ बोला लेकिन कैप्टन बीच में बोल पड़ा "क्या हो अगर तुम उससे कुछ ज्यादा हुए तो? मैं तुम्हारे पीछे ऐसे ही नही आया था। मैंने तुम्हें बताया था ना SS गैंग, वो एक झूठ था। SS नही बल्कि सिर्फ S है और वो कोई और नही हम हैं, तुम्हारी माँ भी हम में से एक थी।"

समीर बदहवास सा उसकी बातें सुन रहा था। जेनिलिया और जैनी भी बातों को समझने की कोशिश कर रहे थे।

कैप्टन की बात को पूरा करते हुए बर्न बोला "अब ध्यान से सुनो हो सकता है यें बातें तुम एक बार में ना समझ सको, सुनो हम यहाँ अर्थ यानी धरती से नहीं हैं, यहाँ से करोडों प्रकाशवर्ष दूर डोल्स्टन स्टारसिस्टम में स्थित ग्रह सैप्टर है जो हमारा घर हुआ करता था, वहाँ से आये हैं हम। जो तबाही यहाँ हुई है वो इस दुनिया में लगभग हर जगह हुई है। जैसे तुम्हारा ग्रह तबाह हुआ वैसे ही हमारा भी हुआ पर फर्क सिर्फ इतना है कि उस समय तक हमारे लोग काफी एडवांस हो चुके थे। इस लिए ज्यादातर लोग वहाँ से बच कर भाग सके।"

"लेकिन मेरी माँ का इस सबसे क्या लेना देना?" समीर ने पूछा।

मारिया बोली "तुम्हारी माँ हमारी प्रेसीडेंट थी। वों धरती पर राजदूत बन कर आयीं थीं लेकिन तुम्हारे पिता से मिलने के बाद वों यहीं रह गई और लगभग 5 सालों तक ग्रह से दूर रहीं। उनके जाने के बाद तुम्हारे अंकल, सैमुअल, यानी तुम्हारी माँ के सौतेले भाई ने गद्दी के खिलाफ आंदोलन छेड़ दिया, उस वक़्त तुम्हारी माँ के पिता इतने ताकतवर नही रहे थे और गद्दी की इकलौती हकदार तुम्हारी माँ यहाँ, हमसे दूर, धरती पर थी और उनसे हम कांटेक्ट नही कर सके। तुम्हारे नाना ने उनको अपना उत्तराधिकारी नियुक्त किया था। एक गृह युद्ध छिड़ा। जिसमें दोनों तरफ के बहुत से लोग मारे गए। सैमुअल एक म्युटेन्ट था तुम्हारी ही तरह, यानी उसकी माँ धरती वासी थी जैसे तुम्हारे पिता धरती वासी थे। उसे ब्रह्मांड के कुछ ऐसे रहस्य पता थे जो हम आज भी नही जानते। तुम्हारी माँ योग्य थीं पर सैमुअल भी एक काबिल और महत्वाकांक्षी था। इसी के चलते उसने खुद पर प्रयोग किये जिनकी वजह से उसका DNA विकृत हो गया। वो एक बायो-मशीन बन कर रह गया, यानी उसने खुद की जिस्मानी ताकत को हद से ज्यादा बढ़ाने के लिए खुद पर इतने प्रयोग किये की उसका शरीर ही खत्म हो गया। उसने खुद को एक नये ताकतवर शरीर के रूप में ढाल लिया, ऐसा शरीर जो ब्रह्मांड के कुछ सबसे ताकतवर जीवों के DNA से बना था, इतने खतरनाक और परभक्षी जीव जो ब्रह्मांड के सबसे अंधेरे और अज्ञात कोनों में रहते हैं।वो अब दुनिया का सबसे खतरनाक जीव है लेकिन उसकी एक समस्या अभी भी है। उसका मूल DNA अब उसके शरीर से खत्म हो रहा है और उसके बिना वो कभी ना कभी आम जीवों की तरह मर सकता था।
          उस DNA की खोज में वो सैप्टर पर वापिस आया। पर उसने पाया कि उसके पिता मर चुके थे और बहन यानी तुम्हारी माँ लापता हैं। जब उसे किसी से कोई जानकारी नही मिली तो उसने ग्रह को तबाह करना शुरू कर दिया। पर तभी तुम्हारी माँ जो इस सबसे अनजान थीं वहाँ आ गयी। तुम उस वक़्त गोद में थे पर उस शैतान के तेज दिमाग ने तुम्हें देखते ही पहचान लिया कि तुम उसकी ही तरह एक म्युटेन्ट हो और तुम्हारा डीएनए उसके लिए वरदान है। तुम्हारे डीएनए से वो ब्रह्मांड का सबसे ताकतवर जीव बन सकता है। मैंने किसी तरह तुम्हें और तुम्हारी माँ को उससे बचा लिया और तुम दोनों को धरती पर वापिस भेज दिया। अब बिना राजा के प्रजा अंधी हो गयी। सब लोग अपना-अपना अंतरिक्ष यान ले कर ग्रह छोड़ गए। जो नही जा सके वों ग्रह के साथ तबाह हो गए। कैप्टन बचे हुए लोगों को ले कर विशाल काय शाही जहाज ले उड़ा और हम अंतरिक्ष में गुमनाम 15 सालों तक भटकते रहे।"

"फिर मेरी माँ चली क्यों गयीं यहाँ से?" समीर ने पूछा।

कैप्टन बोला "जब तुम्हारी माँ दुबारा प्रेग्नेंट हुई तो उन्हें फिक्र होने लगी कि अब वों कैसे सम्भाल पाएंगी क्योंकि तुम्हारे पिता अब नही थे। उन्होंने ना चाहते हुए हमसे कांटेक्ट किया। उनके पेट में जो बच्चा था उसका धरती पर पैदा होना ठीक नही था क्योंकि वो स्टेबल नही था। उन्होंने अपना यान छिपा रखा था जिसे ले कर वों वापिस हम तक आईं। लेकिन इस सब में गड़बड़ हो गयी और सैमुअल को पता चल गया कि वों सामने आ गयीं हैं। वों तुम्हे साथ इसी लिए नही ले कर गयीं क्योंकि उन्हें खतरे का एहसास था। तुम्हारी माँ ने एक प्यारी सी बच्ची को जन्म दिया। उसके फ़ौरन बाद हम तुम्हें लेने धरती की तरफ बढ़े। हम धरती पर आने-जाने के लिए स्पेस-वैक्यूम-ट्यूब तकनीक का इस्तेमाल करते थे। इसके जरिये कुछ सेकेंड में ही करोड़ों प्रकाशवर्ष की दूरी तय कर ली जाती है। पर इस बार जब हम धरती के लिए चले तो धरती तक नही पहुँच पाये। सैमुअल ने हमारा नेटवर्क डिस्टर्ब कर दिया जिसकी वजह से हम रास्ता भटक गए और तुम्हें 15 साल तक यहाँ धरती पर इतंजार करना पड़ा।"

"लेकिन उस 15 साल पुरानी फोटो में तुम वैसे ही जो ऐसे आज हो, कैसे?" जेनिलिया ने पूछा।

कैप्टन बोला "वो फ़ोटो 15 साल पुरानी नही है बल्कि 6 महीने पुरानी है।"

"ऐसा कैसे हो सकता है, उसमे मेरी माँ..." समीर बोला और बर्न ने बात काट दी बर्न ने कहा "क्योंकि जब हम रास्ता भटके तो हम अंतरिक्ष के एक खतरनाक दैत्य के पास जा कर फंस गए। एक सुपर मैस्सीवे ब्लैक हॉल, वो बहुत बड़ा था। हम उसके गुरुत्वाकर्षण बल के बाहरी आवरण में अटक गए और वहीं चक्कर काटने लगे। उससे निकलने की हमारी सारी कोशिशें बेकार गयीं। फिर तुम्हारी माँ ने एक तरकीब निकली। उन्होंने कैप्टन को जहाज को पूरी ताकत से आगे ले जाने को कहा और खुद कंट्रोल रूम से बाहर चली गयीं। वों हमारी कमांडिंग ऑफिसर थीं तो हमें उनकी बातें माननी पड़ीं और उनकी वजह के हम उस ब्लैक हॉल की गुरुत्व शक्ति से बाहर भी निकल गए पर इसकी बहुत बड़ी कीमत चुकाई हमनें। हमारे जहाज को बाहर निकालने के लिए उसके पीछे एक ग्रेविटी वैक्यूम बनाने की जरूरत थी और ये तभी हो सकता था जब कोई दूसरा छोटा जहाज, जो कि शाही जहाज में हजारों की संख्या में होते हैं, वों हमारे जहाज की उल्टी दिशा यानी ब्लैक हॉल के मुँह की तरफ जोर लगाए। मैडम प्रेसीडेंट ने ये किया। उन्होंने हमें निकालने के  लिए खुद को ब्लैक हॉल की तरफ धकेल दिया।" ये सुन कर वों तीनों सन रह गए और एक गहन शान्ति छा गयी।

आगे कैप्टन बोला "हम अब बाहर आ गए थे। हम उस जदोजहद में लगभग 2 घण्टे फंसे रहे। लेकिन जैसे कि तुम जानते होंगे कि ब्लैक हॉल्स अंतरिक्ष की सबसे भारी और गहन द्रव्यमान वाली चीज़ें होती हैं।" समीर, जेनिलिया और जैनी बड़े ध्यान से उनकी बातें सुन रहे थे। उसने आगे बोला "इसे ऐसे समझो जैसे एक भारी लोहे की बॉल को अगर तुम एक कागज के बीचों-बीच रख दो तो कागज वहीं अंदर की तरफ मुड़ जाता है, बिल्कुल ऐसे ही ब्लैक हॉल्स स्पेस-टाइम के ग्राफ को मोड़ देते हैं जिसके कारण इनके आस-पास समय का बहाव या तो रुक जाता है या फिर धीमा हो जाता है। साइंस की भाषा में इसे टाइम-डाइलेशन कहते हैं। वहाँ से बाहर आकर जब हमने हिसाब लगाया तो पाया कि उस ब्लैक हॉल के बाहरी क्षेत्र में बिताया गया हर एक घण्टा, सामान्य समय के 7 साल 3 महीने के बराबर है। इस हिसाब से यहाँ की दुनिया में 14 साल 6 महीने बीत चुके थे जबकि हमें सिर्फ 2 घण्टे। इसलिये ये सब हुआ। हम यहाँ धरती पर आ गए। शाही जहाज को को हमनें अंतरिक्ष में छिपा दिया। उसमें बहुत से लोग हैं। वों अनजान जगह पर हैं। हम एक छोटा जहाज ले कर, 100 लोग धरती पर आ गए ताकि तुम्हें ढूंढ सकें क्योंकि यही तो हमारी प्रेसीडेंट का आखरी मिशन था और इसे हमें पूरा करना था। अब तुम ही हमारे अगले प्रेसिडेंट हो। पिछले 6 महीने से हम तुम्हे ढूंढने पर लगे थे।"

"इसका मतलब माँ अब नही रहीं?" समीर का स्वर भीगा हुआ था।

"नही इसका ये मतलब नही है, मतलब पूरी तरह से नही, क्योंकि ब्लैक-हॉल के अंदर क्या होता है ये हम जानते नहीं अभी।" मारिया ने बोला।

"तो उन लोगों का क्या जो उस शाही जहाज में हैं?" जैनी ने उत्सुकता से पूछा।

बर्न ने कहा "वों जहां भी हैं सुरक्षित हैं। अब 15 साल बाद सैमुअल भी बहुत ताकतवर हो गया है। इसलिए उस जहाज को गुप्त रखा। उसे अंतरिक्ष में ऐसे भेजा गया कि उसका कोई सिग्नेचर कोई भी ट्रेस ना कर सके। हम भी नहीं। लेकिन जरूरत पड़ने पर हम उसे ढूढं लेंगे।"

कैप्टन ने आगे कहा "हमने एक आदमी कुछ महीने पहले तुम्हारे पते पर भेजा था पर वो उन हत्यारों के साथ मिल गया।"

"वों हत्यारे...?" जेनिलिया बोली पर कैप्टन ने बोलना जारी रखा "वों हत्यारे सैमुअल के साथ मिले हैं। यें लोग खुद को शैतान का पुजारी और सैमुअल को शैतान मानते हैं और वो है भी क्योंकि ब्रह्मांड की काली ऊर्जा ही उसकी शक्ति का आधार है। यहाँ धरती पर उसकी एक सेविका आई हुई है जो इन हत्यारों को गाइड कर रही है। वो एक विकृत जीव है जो देखने में इंसान जैसी है पर वो खुद को एक खतरनाक जीव में बदल सकती है जो कि उसका असली रूप है, उसका नाम स्पेस-वुल्फ है। उसी ने वहाँ, उस शहर में उन हत्यारों को मारा था क्योंकि वों अपने काम में कामयाब नही हुए थे। जिन भेड़ियों जैसे जीवों से हमारा मुकाबला हुआ था वों उसके ही बच्चे थे। वो 1 हफ्ते में 10 से ज्यादा अंडे देती है और उसके बच्चे बड़ी तेजी से बढ़ते हैं।
                               हमारा भेजा गया वो इंसान उन हत्यारों के साथ मिल गया और उसने तुम्हें ढूंढ भी लिया, पर तुमने उसके सिर के टुकड़े-टुकड़े करके उसकी अंगूठी और घड़ी चुरा ली और इसी की मदद से मैं तुम्हें ढूढं पाया। उस अंगूठी और घड़ी में ट्रैकर लगे हैं। उन्हीं की मदद से वों हत्यारे भी तुम्हें ढूंढ सके लेकिन मैंने भी उसी वक़्त तुम्हारी लोकेशन स्पॉट कर ली और मौके पर पहुंच कर तुम्हें बचा लिया। असल में फिर भी मुझे तस्सली नही हुई कि तुम ही वो इंसान हो जिसे मैं ढूंढ रहा हूँ और जब तुम्हारा खून मैंने बहता देखा तो मेरा शक यकीन में बदलने लगा कि तुम वो नही हो, महज एक हमशक्ल हो। फिर भी पूरी तस्सली के लिए टेस्ट करना जरूरी था और इसलिए तुम्हारे ब्लड सैंपल मैंने डॉक्टर को ला कर दिए और उन्होंने आखिरकार ये साबित किया कि प्रेसीडेंट मैरी की बड़ी सन्तान जो कि एक लड़का है वो तुम हो।"

"अजीब है पर ये सच है" बर्न बोला।

"और इसकी बहन? वो कहाँ है?" जेनिलिया ने पुछा।

कैप्टन बोला "उसे भी इसकी जररूत है। वो शाही जहाज पर मेडिकल विंग में है। उसे बस मशीनों की मदद जिंदा रखा गया है। उसकी बॉडी में प्लेटलेट्स बस नाममात्र हैं। उसे अगर कोई बचा सकता है तो वो तुम हो सिर्फ़। उसकी हिफाज़त के लिए ही हमने शाही जहाज को गुमनाम रखा है।"

समीर ट्रक के सहारे बैठ गया। उसके लिए इसे हजम कर पाना मुश्किल था, बहुत मुश्किल। वो कैप्टन से बोला "इन सब बातों का कोई सबूत दो नही तो मेरा दिमाग फट जाएगा" उसने अपना सिर पकड़ लिया। कैप्टन ने बर्न की तरफ देखा और बर्न उसे सिर हिला कर इशारा किया। जेनिलिया और जैनी उन्हें देख रहे थे।

जेनिलिया बोली "क्या करने वाले हो तुम?" उसकी बात सुन कर समीर ने सिर उठाया और उसने देखा कैप्टन चाकू ले कर समीर की तरफ बढ़ा।

"क..क्या मतलब?" समीर थोड़ा घबराया। कैप्टन उसकी तरफ चाकू ले कर बढ़ता रहा। समीर बोला "देखो.." पर कैप्टन ने कहा "नही, अब तुम देखो" और फिर एक चाकू का वार खच से किया.......

.....जारी है....

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Dead Ends: A Beginning
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