अरे नौजवानों.......
तुम अपने जोश को
....होश में बदलो
तुम अपने हौसले को
बुलंदी में बदलो
अरे कुछ न बदलो
तो इतना तो बदलो
की जो भी बदलो
ज़रा होश में बदलो ......
गाँव में गोरी खाली गागर और मन में सागर लेकर लेकर पानी भरने पनघट पर जाती है तो वहाँ चार सखिया मिलती है उनसे मन की बात कहती भी है उनके मन की बात सुनती भी है . गागर में पानी और मन में हँसती मुस्कराती ज़िंदगानी लेकर आती है कुछ ऐसा ही ये पनघट है जहाँ कविता के माध्यम से हम अपने अंदर की दुनिया आपसे शेयर कर रहे है . ये पनघट भी हमारी भावनाओ आप तक और आपकी भावनाओ को हम तक पहुचायेगा .