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आशीष शर्मा के बारे में

सीधा सरल जीवन व्यतीत करता हूं । मेरे शब्दों में मेरे सच्चे ऐहसास ओर जज्बात जाहिर होते हैं । शुक्रिया आप सभी का शुक्रिया अदा करता हूं ।

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आशीष शर्मा की पुस्तकें

आशीष शर्मा के लेख

कविता

30 अप्रैल 2016
6
2

आईना देखकर खुद से शिकवे करना,कैसा दस्तूर है इन शोख हसीनों का.दिल में कुछ और जुबां पे कुछ और,कौन पढ़ेगा हालेदिल नाज़नीनों का.नज़र मिला के फिर नज़र चुरा लेना,कैसे भरोसा करें इन महज़बीनों का.अच्छी सूरत पाकर यूं इतरा जाना,अब क्या करें इन क़ातिल ह

अध्यात्म दर्शन

28 अप्रैल 2016
5
1

तेरी पूजा में  मेरी लगन  अब  कुछ कम होती जा रही है प्रभु तूने भी तो कितने दिनों से मुझे किसी मुसीबत में नहीं डाला

एक गम्भीर समस्या

28 अप्रैल 2016
4
3

जख्म हल्का सा है  नासूर हो जायेगा़...ना जाने कौन कितना मजबूर हो जायेगा,,,,कीमत समझो बूंद-बूंद पानी की,,,,, वरना देश का कोना-कोना #लातूर हो जाएगा,,,,

महोब्बत

27 अप्रैल 2016
4
0

याद" सनम की और "शिद्दत" गर्मी की.......देखते हैँ अब हमेँ "बीमार" कौन करती है....!!💕    Happy evening friends  !!

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