8 नवंबर की रात 8 बजे से सोशल मीडिया से चौक चौराहों, चाय पान की दुकानों पर बहस मुबाहिसा का मुद्दा एक्कै है. बड़े नोट बैन. लेकिन इन बहसों में ठहाके ज्यादा रहे. वन लाइनर्स और जोक्स भी खूब रहे. हमने आपने सबने देखे, सुने, पढ़े. लेकिन उनका क्या जिनके घर इस अचानक के फैसले से गमी हो गई? कुशीनगर जिले में 40 साल की एक औरत की जान इस फैसले ने ले ली.
साभार :- The Lallantop
कुशीनगर में कैप्टनगंज तहसील है. तीरथराजी वहीं गांव मोहल्ले वालों के कपड़े धोती थी. इस काम से 2000 रुपए इकट्ठे हो गए थे. चिल्लर थे. नोट थे. छोटे वाले. तो उनका वजन कम करने के लिए छुट्टे के बदले 1000 के दो नोट बना लिए थे. ऐलाने बैन के बाद बैंक में नोट जमा करने गई. अपने खाते में. वहां पता चला कि बैंक बंद है. क्योंकि ये नोट चलना बंद हो गए. सीधी सादी महिला न आगे कुछ बोल पाई न पता कर पाई. शॉक लगा और दुनिया छोड़ दी. डेडबॉडी की फोटो सोशल मीडिया पर वायरल होती रही. कुशीनगर के डीएम शंभू कुमार ने कहा है कि रेवेन्यू डिपार्टमेंट से बोल दिया गया है. वो महिला के घर जाएं और अगर उसकी मौत इस वजह से हुई है तो कार्रवाई करें.
कारोबारी को हार्ट अटैक
फैजाबाद का किस्सा. डॉक्टरों के पास अचानक ब्लड प्रेशर वाले केस आने लगे. डॉक्टर आनंद गुप्ता ने बताया कि उनके पास इधर खबर आई, उधर फोन आने लगे. कि डॉक्साब मरीज की हालत खराब हो रही है. डॉक्टर कहिन कि एक कारोबारी को दिल का दौरा पड़ा था. जब तक वो क्लीनिक आया तब तक दम टूट गया. ऐसे ही तमाम लोग छाती पर हाथ धरे आते गए. सबको दवा दी और सलाह दी कि आराम करो. दवा खाओ और घर जाओ. पैसा मरने वाला नहीं है आपका.
पेट्रोल पंप पर मरा बच्चा
सिद्धार्थनगर का महुआ माफी गांव. 8 साल का बच्चा. बीमार था. पापा लेकर हॉस्पिटल जा रहे थे. रास्ते में पेट्रोल खत्म हो गया. पेट्रोल डलाने गए तो जेब में 1000 का नोट था. पंप वाले ने लेने से मना कर दिया. अफरा तफरी में बच्चे की जान चली गई.
जिनके घर मैयत हुई है वो सवाल उठा रहे हैं. सोशल मीडिया पर भी सवाल उठ रहे हैं. जिम्मेदार कौन है? सरकार और प्रशासन से पहले जिम्मेदारी हमारी है. कि एकदम हड़बड़ा न जाएं. हमारा पैसा कहीं जा नहीं रहा है. अभी क्या है कि लोग पूरी तरह से हालात को जान नहीं रहे हैं. जिनके पास जानकारी के सोर्स नहीं हैं. माने न अखबार पढ़ते हैं न टीवी देखते हैं. उनको सहारा हमारी आपकी दी गई जानकारी का है. तो उनको मजाक में भी गलत बात न बताओ. नहीं तो अफवाह फैलने में कितनी देर लगती है आजकल. कुछ उचक्के जैसे 2000 के नोट में जीपीएस लगवा दिए हैं. वैसे ही कुछ भी हो सकता है. जरूरत है इन पॉइंट्स पर अमल करने की.
1. घबराएं नहीं. अपने साथियों पड़ोसियों की मदद करें.
2. अस्पताल, रेलवे, मेट्रो, सरकारी पेट्रोल पंप वगैरह पर पुराने नोट अभी लिए जा रहे है. प्रशासन इंश्योर करे कि ये लोग उचक्कई न करें.
3. पैसा किसी का मरेगा नहीं. चिंता न करो. औकात यानी इनकम से ज्यादा वालों के लिए अलग से जुगाड़ है. बाकी को परेशान होने की जरूरत नहीं.
4. नए नोट आ गए हैं. निकालो और खर्चना शुरू करो. पुराने हजार, पांच सौ के नोट बैंक खुलते ही न बदलने पहुंच जाना. आराम से जाना. भीड़ वीड़ खुल जाए तो.
5. अफवाह न फैलाओ. कहीं भी. फेसबुक, व्हाट्सऐप मतलब कहीं भी.