खोज रहा है जाने क्या
पल भर भी आराम नहीं
मिल जाए यदि चैन उसे तो
बावरा मन उसका नाम नहीं
कभी धरा पर रखे कदम वो
कभी गगन में उड़ जाए
कभी प्रेम में गोता खाए
कभी द्वेष में जल जाए
कभी अपनों के पास रहे वो
कभी दूर कहीं चला जाए
कभी बात मेरी सुनने आए
कभी अपनी ही सुना जाए
कभी खुशी से झूम उठे वो
कभी मायूस हो जाए
कभी मार्गदर्शन कराए
कभी असमंजस में पड़ जाए
खोजी मन तलाश की चिड़िया
जाने कब क्या खोज रही
मिल जाए यदि चैन उसे तो
बावरा मन उसका नाम नहीं।