shabd-logo
Shabd Book - Shabd.in

BhatakataaRahaa

उदय पूना

3 अध्याय
0 व्यक्ति ने लाइब्रेरी में जोड़ा
0 पाठक
निःशुल्क

भटकता रहा - मेरा जीवन, कदम कदम; लेख हैं मेरे जीवन से जुड़े हुए; मेरा जीवन कदम कदम चलता रहा, मेरे जीवन में कुछ कुछ होता रहा, एक दिशा नहीं रही, भटकता रहा;  

bhatakataarahaa

0.0(0)

पुस्तक के भाग

1

मैं भटकता रहा

25 नवम्बर 2018
0
2
0

*गहराई की छिपी वर्जनाओं के स्वर*( "स्वयं पर स्वयं" से )मैं भटकता रहामैं भटकता रहा; समय, यूं ही निकलता रहा;मैं भटकता रहा। उथला जीवन जीता रहा;तंग हाथ किये, जीवन जीता रहा।न किसी को, दिल खोल कर अपना सका;न किसी का, खुला दिल स्वीकार कर सका;न आपस की, दूरी मिटा सका;न सब कुछ दे सक

2

मेरी कामना - निज रास्ता

25 नवम्बर 2018
0
5
3

** मेरी कामना - निज रास्ता **यह है मेरी कामना; मिल ही जाए मुझे मेरा रास्ता; मिल ही जाए तुझे तेरा रास्ता; मिल ही जाए मुझे मेरा रास्ता, मेरा निज रास्ता; मिल ही जाए तुझे तेरा रास्ता, तेरा निज रास्ता। मिटा दे भटकन ऐसा रास्ता; होश संग मदहोश रखे ऐसा रास्ता। मिल ही जाए

3

मेरे लिए पर्याप्त है ( लघु )

7 दिसम्बर 2018
0
2
0

मेरे लिए पर्याप्त है ( लघु ) पूरा रास्ता,नहीं मालूम;वांछनीय गंतव्य, जहां जाना है, नहीं मालूम; एक बार में,

---

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए