प्रेम रोग से भंवर ने खिलया फूल गीत: इस गाने को सुनें जो लता मंगेशकर और सुरेश वाडकर की शानदार आवाज़ में है। इस गीत का संगीत लक्ष्मीकांत और प्यारेलाल द्वारा बनाया गया है और भंवर ने खिलया फूल गीत नरेंद्र शर्मा द्वारा लिखे गए हैं।
प्रेम रोग (Prem Rog )
भँवरे ने खिलाया फूल (Bhanwre Ne Khilaya Phool ) की लिरिक्स (Lyrics Of Bhanwre Ne Khilaya Phool )
भँवरे ने खिलाया फूल फूल को ले गया राजकुँवर भँवरे ने खिलाया फूल फूल को ले गया राजकुँवर भँवरे तू केहना न भूल फूल तुझे लग जाए मेरी उम्र भँवरे ने खिलाय
भँवरे ने खिलाया फूल फूल को ले गया राजकुँवर भँवरे ने खिलाया फूल फूल को ले गया राजकुँवर भँवरे तू केहना न भूल फूल तेरा हो गया इधर उधर भँवरे ने खिलाय
वह दिन अब न रहे क्या क्या बिपदा पड़ी फूल पर कैसे फूल कहे.. वह दिन अब न रहे होनी थी या वह अनहोनी जाने इसे विधाता छूटे सब सिंगार गिरा गल हार टूटा हर नेता शेष
सुख दुःख आये जाए.. जाए.. सुख दुःख आये जाए सुख की भूख न दुःख की चिंता प्रीत जिसे अपनाये सुख दुःख आये जाए मीरा ने पिया विष का प्याला विष को भी अमृत कर डाला
न.. न रे न..
फैली फूली फुलवारी में भँवरा गन-गन