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chander prabha sood की पुस्तकें

chander prabha sood के लेख

किसी से शिकायत नहीं

19 अगस्त 2021
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जीवन में जितने कदम भी कोई अपने साथ चले उतना ही उसका आभार मानना चाहिए। अतः किसी से शिकवा-शिकायत नहीं करनी चाहिए। इससे मनुष्य को स्वयं को ही कष्ट होता है। यदि मनुष्य यह सोच ले कि वह भी तो किसी एक का हाथ सारी आयु नहीं थामता बल्कि एक को छोड़कर दूसरों का हाथ थाम लेता है। तब उसके मन में किसी के प्रति विद्व

जीवनदायिनी शक्ति

18 अगस्त 2021
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आत्मिक शान्ति मनुष्य की जीवनदायिनी शक्ति कहलाती है। जो मनुष्य इस शक्ति को प्राप्त कर लेता है, वह प्रसन्न रहता है व उत्साहित रहता है। यदि मनुष्य का मन प्रसन्न रहेगा तो उसके अन्तस में उत्साह बना रहता है। उस समय वह किसी भी शर्त पर खाली नहीं बैठ सकता। उसके पैर नहीं टिकते और वह कहता हैं मेरा काम करने का

खतरनाक खेल

17 अगस्त 2021
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कुछ दिन पूर्व जी टी वी पर ब्लू व्हेल खेल के विषय में चर्चा हो रही थी जिसे मैंने सुना। इस चर्चा में वह बच्चा भी शामिल था, उसका नाम ध्यान नहीं, जिसने इस खेल को तीन-चार लेवल तक खेल था। बाद में उसे यह ध्यान आया कि वह अपने माता-पिता की इकलौती सन्तान है। उसके चले जाने के बाद उनका क्या होगा? यह बच्चा तो सम

तान्त्रिकों-मान्त्रिकों से सावधान

16 अगस्त 2021
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तान्त्रिकों अथवा मान्त्रिकों के फेर में मनुष्य न ही पड़े तो अच्छा है। उनके चक्कर में पड़कर मनुष्य बरबाद हो जाता है। ये लोग अनावश्यक रूप से लोगों को बरगलाते हैं। उन्हें मन्त्रमुग्ध करके उनके सोचने की शक्ति को प्रभावित कर देते हैं। उस समय मनुष्य उनके कथनानुसार कार्य करने के लिए विवश हो जाता है। केवल गाँ

स्कूल बस कितनी सुरक्षित

15 अगस्त 2021
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हमारे देश मे सड़क दुर्घटनाएँ बहुत होती हैं। इन दुर्घटनाओं में अनेक लोगों की मौत हो जाती है, वे तो चले जाते हैं पर पीछे वालों को सदा के लिए दुख दे जाते हैं। कुछ लोग अपाहिज भी ही जाते हैं और फिर जीवनभर कष्ट भोगते हैं। अपने लाडलों को स्कूल बस में या वैन में स्कूल खुशी-खुशी भेजने वाले माता-पिता निश्चिन्त

बच्चों के साथ दुर्व्यवहार

14 अगस्त 2021
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बच्चों के साथ दुर्व्यवहारस्कूल में बच्चों  के साथ किसी-न-किसी तरह की दुर्व्यवहार की घटनाएँ प्रायः होती रहती हैं। इसका सबसे बड़ा कारण है हमारा बदलता हुआ पारिवारिक ढाँचा। आजकल एकल परिवारों के चलते बच्चे अनावश्यक लाड-प्यार पाकर असहिष्णु बनते जा रहे हैं। प्रायः घरों में एक या दो बच्चे होते हैं। संयुक्त प

सन्त समाज का दायित्व

13 अगस्त 2021
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सन्त समाज का दायित्वसाधु-सन्तों का देश, धर्म और समाज के प्रति महान दायित्व होता है। जब देश, धर्म और समाज पर कष्ट का समय आता है अथवा बाहरी शक्तियाँ उसकी अस्मिता को चुनौती देती  हैं तब साधु समाज हाथ पर हाथ रखकर कदापि नहीं बैठ सकता। वह उस परीक्षा की घड़ी में आपसी मनमुटाव का त्याग करके देश, धर्म और समाज

जीवन भरपूर जीना

12 अगस्त 2021
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जीवन भरपूर जीनामानव का यह शरीर मनुष्य को एक ही बार मिलता है। इसलिए इस सुअवसर को यूँ ही नष्ट नहीं करना चाहिए। अपने जीवनकाल में इसे भरपूर जीना चाहिए और अपने सभी दायित्वों का पूर्णरूपेण से पालन करना चाहिए ताकि इस संसार से विदा लेते समय मन में यह मलाल न रहने पाए कि उसने यह जीवन बरबाद कर दिया है। काश हम

जल्दबाजी अच्छी नहीं

11 अगस्त 2021
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जल्दबाजी अच्छी नहींप्रत्येक कार्य को योग्यतापूर्वक करना चाहिए। उसके सभी पक्षों पर मनन करके ही उसे सम्पन्न करना चाहिए। आवश्यक नहीं है कि हड़बड़ाहट में अपने कार्य को बिगाड़ दिया जाए। हर कार्य को करने का एक उचित समय होता है। एक उदाहरण लेते हैं। बच्चा नौ मास माता के गर्भ में रहकर इस संसार मे जन्म लेता है।

चिन्ताओं का मकड़जाल

10 अगस्त 2021
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चिन्ताओं का मकड़जाल मनीषी समझाते हैं चिन्ता मत करो। सांसारिक मनुष्यों के लिए यह कदापि सम्भव नहीं हो पाता। जीते जी मनुष्य को घर-परिवार, बच्चों की शिक्षा, उन्हें सेटल करना, उनके शादी-ब्याह, स्वास्थ्य, धन, लेनदेन, नौकरी-व्यापार आदि कई प्रकार की चिन्ताएँ हैं, जो उसे सताती रहती हैं। चिन्ताओं का मकड़जाल उसे

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