shabd-logo

चिड़ियें, जानवर और बढ़ई

29 जनवरी 2022

18 बार देखा गया 18

जानवरों की यह कहानी बहुत ही मजेदार है। हो सकता है कि तुम इसको बार बार पढ़ना पसन्द करो और हर किसी को खास करके अपने छोटे भाई बहिनों को बार बार सुनाना पसन्द करो।

बहुत पुरानी बात है कि एक मोर अपनी पत्नी के साथ एक समुद्र के किनारे रहता था। वहाँ बहुत सारे जंगली जानवर रहते थे इसलिये वह और उसकी पत्नी रात को एक पेड़ की शाख पर सोया करते थे और रात को ही खाने की खोज में भी निकला करते थे। पर दिन ब दिन उनका डर बढ़ता ही जाता था सो एक दिन उन्होंने वहाँ से कहीं और जाने का इरादा कर लिया। वे अपने घर के आस पास चारों तरफ घूमे और उन्होंने एक टापू ढूँढ लिया जहाँ बहुत सारे नाले थे और बहुत सारे फलों के पेड़ थे। सो वे दोनों वहीं चले गये और जा कर वहीं रहने लगे।

कुछ समय बाद जहाँ वे मोर और मोरनी रह रहे थे उस पेड़ के नीचे एक बतख आयी। उन्होंने उस बतख से उसके बारे में पूछा तो बतख बोली — “मैं तो इस आदमी से बहुत परेशान हूँ,।”

मोर बोला — “डरो नहीं। तुम्हारी हिफाजत करने के लिये हम लोग यहाँ हैं।”

बतख यह सुन कर बहुत खुश हुई और उसने अल्लाह का बहुत बहुत शुक्रिया अदा किया।

मोरनी बोली — “समुद्र में से हो कर इस टापू पर कोई आदमी कैसे आ सकता है? इसलिये तुम खुश रहो और उस आदमी की बिल्कुल चिन्ता न करो जिससे तुम इतनी परेशान हो।”

इस पर बतख बोली — “मैं तो वहाँ खुशी खुशी रह ही रही थी कि एक रात जब मैं सो रही थी तो एक आवाज ने मुझसे कहा — “तुमको आदमी से बहुत सावधान रहना चाहिये। उसका कभी विश्वास न करना क्योंकि वह बहुत ही चालाक होता है। वह समुद्र से मछली बाहर निकाल सकता है, वह चिड़ियों को अपनी गोली का निशाना बना सकता है। और यही नहीं वह तो हाथी को भी अपने जाल में फाँस सकता है। उसकी शरारतों से कोई नहीं बच सकता। वह बहुत ही ताकतवर है।”

मैं तुमको वही बता रही हूँ जो मैंने सुना। बस उस दिन से मैं इतनी डर गयी कि मेरा डर गया ही नहीं। मैं इधर गयी, मैं उधर गयी। फिर में एक पहाड़ पर आयी। वहाँ मैंने एक शेर के बच्चे को एक गुफा के दरवाजे पर बैठे देखा। वह मुझे देख कर बहुत खुश हुआ और उसने मुझे अपने पास बुलाया।

जब मैं उसके पास पहुँची तो उसने मुझसे पूछा — “तुम्हारा नाम क्या है और तुम्हारा स्वभाव कैसा है?”

मैंने कहा — “मेरा नाम बतख है और मैं एक किस्म की चिड़िया हूँ। पर तुम यहाँ क्या कर रहे हो?”

शेर का बच्चा बोला — “मेरे पिता ने मुझे आदमी के बारे में सावधान कर दिया है कि मैं उससे बच कर रहूँ पर इस रात मैंने सपने में एक आदमी देखा।”

बतख आगे बोली — “और फिर उसने मुझे आदमी के बारे में वही बताया जो मैंने तुमको अभी बताया।

सो मैंने उस शेर के बच्चे से कहा — “ओ शेर के बच्चे, मैं तुम्हारी शरण में आ जाती हूँ क्योंकि तुम तो उसको मार सकते हो। आखिर तुम तो जानवरों के राजा हो न।” और मैंने उससे आदमी को मारने की प्रार्थना की।

वह शेर का बच्चा वहाँ से तुरन्त ही उठ गया और सड़क की तरफ भागा। मैं उसके पीछे पीछे भागी। भागते भागते हम दोनों सड़क की एक ऐसी जगह आ गये जहाँ से सड़क दो तरफ जाती थी। वहाँ एक नंगा गधा धूल में लोट रहा था।

शेर के बच्चे ने उससे पूछा — “तुम्हारी किस्म क्या है और तुम यहाँ क्यों आये हो?”

गधा बोला — “मेरी किस्म गधा है और मैं आदमी से दूर भाग रहा हूँ।”

शेर के बच्चे ने पूछा — “क्या तुम डरते हो कि वह तुमको मार देगा?”

गधा बोला — “नहीं नहीं वह बात नहीं। मैं डरता हूँ कि वह मुझ पर काठी रख देगा, फिर वह मुझ पर सवारी करेगा और मुझे मेरी ताकत से भी ज़्यादा भगायेगा।

और अगर मैं रेंकूँगा तो वह मुझे मारेगा। जब मैं बूढ़ा हो जाऊँगा तो वह मुझको पानी ढोने वालों को दे देगा जो मेरे ऊपर फिर पानी ढोयेंगे।”

सो ओ मोरनी, जब मैंने गधे से यह सब सुना तो मैं तो काँप गयी और मैंने शेर के बच्चे से कहा — “तुमने सुना? मैं इस सबसे बहुत डरती हूँ।”

शेर के बच्चे ने गधे से फिर पूछा — “तो फिर अब तुम कहाँ जा रहे हो?”

गधा बोला —“मैंने आज सुबह सुबह एक आदमी देखा था सो अब मैं वहाँ जा रहा हूँ जहाँ मुझे वह आदमी न ढूँढ सके।”

जब हम लोग ये बातें कर रहे थे कि तभी धूल का एक और बादल उठा और एक घोड़ा हमने अपनी तरफ आता हुआ देखा।

शेर के बच्चे ने उससे पूछा — “तुम्हारी क्या किस्म है और तुम इस रेगिस्तान में इस तरह क्यों भागे जा रहे हो?”

घोड़ा बोला — “मेरा नाम घोड़ा है और मैं आदमी से भाग रहा हूँ।”

शेर का बच्चा बोला — “तुमको यह कहते हुए शरम आनी चाहिये। तुम इतने शाही जानवर हो कर भी आदमी से डर कर भाग रहे हो? देखो, मुझे देखो। मैं इतना छोटा हूँ फिर भी मैंने यह सोच लिया है कि मैं उस आदमी का सामना करूँगा जिससे सब डरते हैं और उसे खा जाऊँगा ताकि मैं इस बतख की रक्षा कर सकूँ। पर तुम तो जो मैंने तय किया है उससे वापस लौटे जा रहे हो। तुमने कहा कि तुमको आदमी ने गुलाम बना रखा है और तुम उस को जीत नहीं सके।”

घोड़ा हँसा और बोला — “हाँ तुम ठीक कह रहे हो। मैंने अभी तुमको यही कहा। असल में उसको जीतना मेरी ताकत से बाहर है। वह मुझे बाँध सकता है, वह मुझ पर सवारी कर सकता है और जब मैं बूढ़ा और कमजोर हो जाऊँगा तो वह मुझको मशीन चलाने वाले को बेच देगा जो मुझसे मशीन घुमवाता रहेगा। मेहरबानी करके मुझे इन सब मुसीबतों की याद मत दिलाओ जो वह मुझे देगा।”

शेर का बच्चा यह सुन कर बहुत गुस्सा हुआ। उसने घोड़े से पूछा — “तुमने उसको कब छोड़ा था?”

घोड़ा बोला — “मैंने उसको दोपहर को छोड़ा था और तभी से वह मेरे पीछे है।” कह कर वह घोड़ा वहाँ से दौड़ता हुआ चला गया।

जब शेर का बच्चा घोड़े से इस तरह की बातें कर रहा था तो उसने एक और धूल का बादल अपनी तरफ उड़ता हुआ आता हुआ देखा।

उसमें से एक गुस्से से भरा एक ऊँट निकल कर आ रहा था। जब उस छोटे से शेर के बच्चे ने उस बड़े से ऊँट को देखा तो उसको लगा कि आदमी आ गया। वह उस पर कूदने को ही था कि मैंने उससे कहा — “ओ राजकुमार, यह आदमी नहीं है। यह तो ऊँट है और इसके भागने से ऐसा लग रहा है कि यह भी आदमी से डर कर भाग रहा है। तुम इससे ज़रा पूछ कर देखो तो कि यह इस तरह से क्यों भागा आ रहा है।”

इतने में ऊँट दौड़ता दौड़ता वहाँ आ गया। आ कर उसने शेर के बच्चे को सलाम किया।

शेर के बच्चे ने पूछा — “तुम इतनी तेज़ तेज़ क्यों भागे आ रहे हो?”

ऊँट बोला — “ओ राजकुमार, मैं आदमी से डर कर भाग रहा हूँ।”

शेर के बच्चे ने फिर पूछा — “ऐसा कैसे हुआ कि तुम इतने बड़े हो कर आदमी से भाग रहे हो? अगर तुम उसको अपने एक पैर से भी मारोगे तो भी वह मर जायेगा।”

ऊँट बोला — “ओ सुलतान के बेटे, तुम उसे नहीं जानते। उसके सामने कोई खड़ा नहीं हो सकता। वह मेरी नाक में रस्सी डालेगा और उस रस्सी को अपने छोटे छोटे बच्चों को पकड़ा देगा और फिर उनके पीछे पीछे मुझे चलना पड़ेगा।

वह मुझसे दिन रात कड़ी मेहनत करवायेगा। फिर जब मैं बूढ़ा और कमजोर हो जाऊँगा तो वह मुझे किसी कसाई को बेच देगा जो मुझे मार कर मेरी खाल और मेरा माँस दोनों बेच देगा। मेरी उन मुसीबतों को न पूछो जो मुझे आदमी के हाथों सहनी पड़ती हैं।”

शेर के बच्चे ने फिर पूछा — “तुमने आदमी को कब छोड़ा?”

ऊँट बोला — “शाम को। और वह मेरे पीछे ही आ रहा होगा। मुझे जंगल में जाने दो राजकुमार मुझे रोको नहीं।”

शेर का बच्चा बोला — “तुम तब तक इन्तजार करो जब तक मैं उसको फाड़ कर उसका माँस तुमको खाने के लिये नहीं दे देता।”

ऊँट बोला — “मुझे डर है कि राजकुमार कि वह बहुत ही चालाक है।”

जब ऊँट शेर के बच्चे से ऐसी बातें कर रहा था कि एक और धूल का बादल उठा और एक बहुत ही पतला दुबला आदमी उसमें से प्रगट हुआ।

उस आदमी के कन्धे पर बढ़ई के औजारों वाली एक टोकरी रखी थी। उसके सिर पर पेड़ की एक शाख और आठ लकड़ी के तख्ते रखे हुए थे। कुछ बच्चे उसका हाथ पकड़े पकड़े चल रहे थे। वह बहुत धीरे धीरे चला आ रहा था। वह तब तक कहीं नहीं रुका जब तक कि वह शेर के बच्चे के पास तक नहीं आ गया।

जब मैंने उसको देखा तो मैं तो डर के मारे नीचे गिर पड़ी पर वह शेर का बच्चा उठा और उससे मिलने के लिये आगे बढ़ा। शेर के बच्चे को अपनी तरफ आते हुए देख कर आदमी बोला — “ओ बादशाह। मेहरबानी करके मुझे इस धोखे से बचाइये।”

और वह उसके सामने रोने और शिकायतें करने लगा। उसका रोना और शिकायतों को सुनते हुए शेर का बच्चा बोला — “मैं तुमको इस डर से जरूर बचाऊँगा। मैं इस जंगल के राजा का बेटा हूँ। यह तो मेरा कर्तव्य है कि मैं इस जंगल में रहने वाले हर जीव की रक्षा करूँ। यह सब तुम्हारे साथ किसने किया है? और तुम हो कौन?

मैंने अपनी सारी ज़िन्दगी में तुम्हारे जैसा कोई और नहीं देखा। न ही तुम्हारे जैसी कोई सुन्दर शक्ल देखी है और न ही तुम्हारे जैसी किसी की मीठी बोली सुनी है।”

आदमी बोला — “ओ बादशाह, मैं एक बढ़ई हूँ और जिसने भी मेरे साथ बुरा किया है वह आदमी है। इस रात के बाद कल की सुबह वह आपके साथ होगा।”

यह सुन कर तो शेर का बच्चा गुस्से से दहाड़ा और बोला — “अल्लाह की कसम, मैं उसका इन्तजार करूँगा और मैं तब तक अपने पिता के पास नहीं लौटूँगा जब तक मैं उसको जीत नहीं लूँगा।

मैं देख रहा हूँ कि तुम बहुत छोटे छोटे कदम रख रहे हो और तुम इन जंगली जानवरों के साथ ठीक से चल भी नहीं पा रहे हो। यह बताओ कि तुम जा कहाँ रहे हो?”

बढ़ई बोला — “मैं तो आपके पिता जी के वजीर लिंक्स के पास जा रहा हूँ। क्योंकि जब उन्होंने सुना कि उनके जंगल में एक आदमी ने कदम रखा है तो वह तो खुद ही उससे बहुत डर गये हैं। उन्होंने मुझे बुला भेजा है कि मैं उनके लिये एक घर बना दूँ ताकि उस घर में वह आदमी से बच कर रह सकें। कोई आदमी उन के घर में न आ सके। इसी लिये मैं ये तख्ते ले कर उधर ही की तरफ जा रहा हूँ। इन तख्तों से मैं उनके लिये घर बनाऊँगा।”

शेर के बच्चे ने जब यह सुना तो वह लिंक्स से जल उठा। उसको लगा कि उसके पिता के वजीर से पहले उसके लिये एक घर बनना चाहिये सो उसने बढ़ई से कहा — “अभी तुम्हें उसकी सहायता करने की कोई जरूरत नहीं है इन तख्तों से पहले तुम मेरे लिये एक घर बना दो।

जब तुम मेरा घर बना चुको तब तुम लिंक्स के पास जा सकते हो और उसके लिये वह सब कर सकते हो जो वह चाहे।”

बढ़ई बोला — “अल्लाह कसम मैं अभी आपके लिये घर नहीं बना सकता जब तक मैं लिंक्स के लिये घर न बना लूँ। पर हाँ जैसे ही मैं उनका घर बना कर खत्म कर लूँगा मैं आपके पास आ जाऊँगा और सबसे पहले आपका ही घर बनाऊँगा।”

शेर का बच्चा चीखा — “अल्लाह की कसम मैं भी तुमको यह जगह छोड़ने देने वाला नहीं जब तक कि तुम इन तख्तों से मेरे लिये घर नहीं बना देते।”

यह कह कर वह आदमी के ऊपर कूद पड़ा। उसने उसकी औजारों की टोकरी उसके कन्धे से गिरा दी और उसको भी जमीन पर गिरा कर उसको बेहोश सा कर दिया।

शेर का बच्चा फिर बोला — “तुम कमजोर हो, तुम्हारे अन्दर ताकत नहीं है तुमको आदमी से डरना चाहिये।”

यह सुन कर बढ़ई उससे बहुत नाराज हो गया पर प्रगट में मुस्कुरा कर बोला — “ठीक है, ठीक है। आप ठीक कह रहे हैं। मैं पहले आप ही के लिये घर बना दूँगा।”

कह कर वह शेर के बच्चे के लिये उन तख्तों से घर बनाने में लग गया।

उसने सबसे पहले उन तख्तों से जो वह अपने साथ लाया था एक बक्सा बनाया। उस बक्से का दरवाजा उसने खुला छोड़ दिया जिसके लिये उसने एक बड़ा मजबूत ढकना बनाया जिसमें बहुत सारे छेद थे।

फिर उसने एक हथौड़ा और कुछ पुरानी कीलें निकालीं और शेर के बच्चे से बोला — “अब इस खुली जगह के रास्ते से आप अपने घर में घुस जाइये ताकि मैं इसको आपके नाप का बना सकूँ।”

शेर का बच्चा अपने उस नये घर को देख कर बहुत खुश हुआ और उस बक्से में घुस गया। बढ़ई बोला — “अब आप इसमें अपनी टाँगों और हाथों को सिकोड़ कर बैठ जाइये।”

शेर के बच्चे ने वैसा ही किया पर उसकी पूँछ फिर भी बाहर ही रह गयी। वह बाहर आना चाहता था पर बढ़ई बोला — “ज़रा रुक जाइये। मुझे देखने दीजिये अगर मैं आपकी पूँछ के लिये भी थोड़ी सी जगह बना सकूँ तो।”

बढ़ई ने उसकी पूँछ भी किसी तरह से उस बक्से के अन्दर ठूँस दी। फिर उसने वह छेदों वाला ढक्कन उस बक्से के दरवाजे पर कीलों से जड़ दिया।

यह देख कर शेर का बच्चा चिल्लाया — “ओ बढ़ई, यह तुमने मेरे लिये कैसा तंग घर बनाया है? यह तो बहुत ही छोटा है। मुझे इसमें से बाहर निकालो। इसमें तो मेरा दम घुट रहा है।”

बढ़ई हँसते हुए बोला — “अब आप इसमें से बाहर नहीं निकल सकते ओ जंगल के राजकुमार। आप जाल में फँस चुके हैं और अब यहाँ से बचने का कोई रास्ता नहीं है।”

“यह तुम क्या कह रहे हो?”

“आप उसी जाल में फँस चुके हैं जिससे आप बहुत डर रहे थे।”

शेर के बच्चे ने जब यह सुना तब उसको पता चला कि यही वह आदमी था जिसके बारे में उसने इतना सब सुन रखा था। मैं भी वहाँ से थोड़ी दूर हट गयी यह देखने के लिये कि वह आदमी अब शेर के बच्चे का क्या करेगा।

उस बढ़ई ने उस बक्से के पास एक गड्ढा खोदा, बक्से को उस गड्ढे में फेंका और फिर मेरे तो डर का ठिकाना ही न रहा जब उसने उसमें आग लगा दी। शेर का बच्चा बेचारा वहीं जल कर मर गया।”

जब मोरनी ने बतख से यह कहानी सुनी तो उसने उसको उसकी सुरक्षा के लिये तसल्ली दी और उससे कहा कि क्योंकि वे लोग सब टापू पर थे इसलिये किसी आदमी का वहाँ आना बिल्कुल नामुमकिन था।

बतख बोली — “मुझे डर है कि मेरे ऊपर आज रात को ही कहीं कोई मुसीबत न आ पड़े क्योंकि मुझे फिर उससे कोई नहीं बचा सकता।”

वे लोग जब ये बातें कर रहे थे तो टापू पर धूल का एक बादल उड़ा और उनकी तरफ बढ़ा। जब वह बादल साफ हुआ तो उन्होंने देखा कि एक हिरन31 वहाँ खड़ा था।

मोरनी बोली — “अरे यह तो हिरन है। यह हमको कोई नुकसान नहीं पहुँचा सकता क्योंकि यह बेचारा तो केवल घास फूस खाता है।”

हिरन ने उन सबको सलाम किया और उनसे कहा — “मैं तो यहाँ केवल इसी लिये आया हूँ क्योंकि यहाँ बहुत सारी घास उगी हुई है। मेरा यहाँ आने का और कोई मतलब नहीं है।”

उसकी दोस्ती भरी बातें सुन कर वे सब बहुत खुश हुए। रात हो गयी थी सो खाना खा कर सब सो गये।

सबकी ज़िन्दगी खुशी खुशी चलते ज़्यादा दिन नहीं बीते थे कि एक दिन एक पानी का जहाज़ आया जो रास्ता भटक कर उधर आ निकला था। उस जहाज़ के आदमियों ने तुरन्त ही इन तीनों दोस्तों को देख लिया।

उनको आते देख कर मोरनी तो पेड़ के ऊपर जा बैठी। हिरन रेत के मैदान की तरफ भाग गया पर बतख तो डर के मारे वहीं की वहीं खड़ी रह गयी। सो उन्होंने उसका पीछा किया और उसको पकड़ कर अपने जहाज़ पर ले गये।

मोरनी तुरन्त उड़ कर हिरन के पास पहुँची। हिरन ने बतख के बारे में पूछा तो मोरनी ने उसे बताया कि दुश्मन उसको अपने जहाज़ पर ले गये हैं और हो सकता है कि अब तक उन्होंने उसको मार भी दिया हो।

मोरनी खुद भी बतख को इस बुरी हालत में फँसा देख कर उसकी वजह से वह टापू छोड़ना चाह रही थी पर हिरन ने उसकी इस सलाह को नहीं माना सो वे कुछ और दिनों तक वहीं साथ साथ रहे।

मोरनी बोली — “शायद बतख जहाज़ की वजह से नहीं मरी बल्कि वह इसलिये मरी क्योंकि उसने “अल्लाह की जय हो” नहीं कहा था। मुझे तुम्हारे लिये भी ओ हिरन यही डर लगता है क्योंकि तुम भी “अल्लाह की जय हो” नहीं बोलते।”

यह सुन कर हिरन ने भी “अल्लाह की जय हो” कहना शुरू कर दिया और फिर वे वहाँ बहुत दिनों तक आराम से रहे। 

74
रचनाएँ
अलिफ लैला
0.0
अलिफ लैला की कहानी अरब देश की एक प्रचलित लोक कथा है जो पूरी दुनिया में सदियों से सुनी व पढ़ी जाती रही है। ... इस कथा के अनुसार, बादशाह शहरयार अपनी मलिका की बेवपफाई से दुःखी होकर उसका और उसकी सभी दासियों का कत्ल कर देता है और प्रतिज्ञा करता है कि रोजाना एक स्त्री के साथ विवाह करूंगा और अगली सुबह उसे कत्ल कर दूंगा।
1

भूमिका

29 जनवरी 2022
1
1
1

भूमिका (1)-अलिफ़ लैला सहस्र-रजनी चरित्र, जो अब भी भारत में अपने अरबी नाम 'अल्फ लैला' के प्रचलित बिगड़े हुए रूप 'अलिफ लैला' के नाम से अधिक जाना जाता है, वास्तव में लोक कथाओं का ऐसा संग्रह है जिसकी लोक

2

शहरयार और शाहजमाँ

29 जनवरी 2022
2
1
1

फारस देश भी हिंदुस्तान और चीन के समान था और कई नरेश उसके अधीन थे। वहाँ का राजा महाप्रतापी और बड़ा तेजस्वी था और न्यायप्रिय होने के कारण प्रजा को प्रिय था। उस बादशाह के दो बेटे थे जिनमें बड़े लड़के का

3

किस्सा गधे, बैल और उनके मालिक

29 जनवरी 2022
0
0
0

एक बड़ा व्यापारी था जिसके गाँव में बहुत-से घर और कारखाने थे जिनमें तरह-तरह के पशु रहते थे। एक दिन वह अपने परिवार सहित कारखानों को देखने के लिए गाँव गया। उसने अपनी पशुशाला भी देखी जहाँ एक गधा और एक बैल

4

किस्सा व्यापारी और दैत्य का-

29 जनवरी 2022
0
0
0

शहरजाद ने कहा : प्राचीन काल में एक अत्यंत धनी व्यापारी बहुत-सी वस्तुओं का कारोबार किया करता था। यद्यपि प्रत्येक स्थान पर उसकी कोठियाँ, गुमाश्ते और नौकर-चाकर रहते थे तथापि वह स्वयं भी व्यापार के लिए द

5

किस्सा बूढ़े और उसकी हिरनी का

29 जनवरी 2022
0
0
0

वृद्ध बोला, 'हे दैत्यराज, अब ध्यान देकर मेरा वृत्तांत सुनें। यह हिरनी मेरे चचा की बेटी और मेरी पत्नी है। जब यह बारह वर्ष की थी तो इसके साथ मेरा विवाह हुआ। यह अत्यंत पतिव्रता थी और मेरे प्रत्येक आदेश क

6

किस्सा तीसरे बूढ़े का जिसके साथ एक खच्चर था

29 जनवरी 2022
0
0
0

तीसरे बूढ़े ने कहना शुरू किया : 'हे दैत्य सम्राट, यह खच्चर मेरी पत्नी है। मैं व्यापारी था। एक बार मैं व्यापार के लिए परदेश गया। जब मैं एक वर्ष बाद घर लौटकर आया तो मैंने देखा कि मेरी पत्नी एक हब्शी गुल

7

मछुवारे की कहानी

29 जनवरी 2022
0
0
0

शहरजाद ने कहा कि हे स्वामी, एक वृद्ध और धार्मिक प्रवृत्ति का मुसलमान मछुवारा मेहनत करके अपने स्त्री-बच्चों का पेट पालता था। वह नियमित रूप से प्रतिदिन सवेरे ही उठकर नदी के किनारे जाता और चार बार नदी मे

8

गरीक बादशाह और हकीम दूबाँ की कथा

29 जनवरी 2022
0
0
0

फारस देश में एक रूमा नामक नगर था। उस नगर के बादशाह का नाम गरीक था। उस बादशाह को कुष्ठ रोग हो गया। इससे वह बड़े कष्ट में रहता था। राज्य के वैद्य-हकीमों ने भाँति-भाँति से उसका रोग दूर करने के उपाय किए क

9

भद्र पुरुष और उसके तोते की कथा

29 जनवरी 2022
0
0
0

पूर्वकाल में किसी गाँव में एक बड़ा भला मानस रहता था। उसकी पत्नी अतीव सुंदरी थी और भला मानस उससे बहुत प्रेम करता था। अगर कभी घड़ी भर के लिए भी वह उसकी आँखों से ओझल होती थी तो वह बेचैन हो जाता था। एक बा

10

अमात्य की कहानी

29 जनवरी 2022
0
0
0

प्राचीन समय में एक राजा था उसके राजकुमार को मृगया का बड़ा शौक था। राजा उसे बहुत चाहता था, राजकुमार की किसी इच्छा को अस्वीकार नहीं करता था। एक दिन राजकुमार ने शिकार पर जाना चाहा। राजा ने अपने एक अमात्य

11

काले द्वीपों के बादशाह की कहानी

29 जनवरी 2022
0
0
0

उस जवान ने अपना वृत्तांत कहना आरंभ किया। उसने कहा 'मेरे पिता का नाम महमूद शाह था। वह काले द्वीपों का अधिपति था, वे काले द्वीप चार विख्यात पर्वत हैं। उसकी राजधानी उसी स्थान पर थी जहाँ वह रंगीन मछलियों

12

किस्सा तीन राजकुमारों और पाँच सुंदरियों का

29 जनवरी 2022
0
0
0

शहरजाद की कहानी रात रहे समाप्त हो गई तो दुनियाजाद ने कहा - बहन, यह कहानी तो बहुत अच्छी थी, कोई और भी कहानी तुम्हें आती है? शहरजाद ने कहा कि आती तो है किंतु बादशाह की अनुमति हो तो कहूँ। बादशाह ने अनुमत

13

मजदूर का संक्षिप्त वृत्तांत

29 जनवरी 2022
0
0
0

मजदूर बोला, 'हे सुंदरी, मैं तुम्हारी आज्ञानुसार ही अपना हाल कहूँगा और यह बताऊँगा कि मैं यहाँ क्यों आया। आज सवेरे मैं अपना टोकरा लिए काम की तलाश में बाजार में खड़ा था। तभी तुम्हारी बहन ने मुझे बुलाया।

14

मजदूर का संक्षिप्त वृत्तांत

29 जनवरी 2022
0
0
0

मजदूर बोला, 'हे सुंदरी, मैं तुम्हारी आज्ञानुसार ही अपना हाल कहूँगा और यह बताऊँगा कि मैं यहाँ क्यों आया। आज सवेरे मैं अपना टोकरा लिए काम की तलाश में बाजार में खड़ा था। तभी तुम्हारी बहन ने मुझे बुलाया।

15

पहले फकीर की कहानी

29 जनवरी 2022
0
0
0

पहले फकीर ने अदब से घुटनों के बल खड़े होकर कहा 'सुंदरी, अब ध्यान लगाकर सुनो कि मेरी आँख किस प्रकार गई और मैं क्यों फकीर बना। मैं एक बड़े बादशाह का बेटा था। बादशाह का भाई यानी मेरा चचा भी एक समीपवर्ती

16

दूसरे फकीर की कहानी

29 जनवरी 2022
0
0
0

अभी पहले फकीर की अद्भुत आप बीती सुनकर पैदा होने वाले आश्चर्य से लोग उबरे नहीं थे कि जुबैदा ने दूसरे फकीर से कहा कि तुम बताओ कि तुम कौन हो और कहाँ से आए हो। उसने कहा कि आपकी आज्ञानुसार मैं आप को बताऊँग

17

भले आदमी और ईर्ष्यालु पुरुष

29 जनवरी 2022
0
0
0

किसी नगर में दो आदमियों का घर एक दूसरे से लगा हुआ था। उनमें से एक पड़ोसी दूसरे के प्रति ईर्ष्या और द्वेष रखता था। भले मानस ने सोचा कि मकान छोड़कर कहीं जा बसूँ क्योंकि मैं इस आदमी के प्रति उपकार करता ह

18

किस्सा तीसरे फकीर का

29 जनवरी 2022
0
0
0

हे दयालु सुंदरी, मेरी कहानी बहुत ही आश्चर्यकारी है। इन दोनों शहजादों की दाहिनी आँखें परिस्थितिवश गईं किंतु मेरी आँख मेरी ही मूर्खता और मेरे ही अपराध के कारण फूटी। मैं इसका विस्तृत वर्णन करता हूँ। मेरा

19

किस्सा जुबैदा का

29 जनवरी 2022
0
0
0

जुबैदा ने खलीफा के सामने सर झुका कर निवेदन किया है राजाधिराज, मेरी कहानी बड़ी ही विचित्र है, आपने इस प्रकार की कोई कहानी नहीं सुनी होगी। मैं और वे दोनों काली कुतियाँ तीनों सगी बहिनें हैं और यह दो स्त्

20

किस्सा अमीना का

29 जनवरी 2022
0
0
0

अमीना ने कहा, 'जुबैदा की कहानी आप उसके मुँह से सुन चुके, अब मैं अपनी कहानी आपके सम्मुख प्रस्तुत करती हूँ। मेरी माँ मुझे लेकर अपने घर में आई कि रँड़ापे का अकेलापन उसे न खले। फिर उसने मेरा विवाह इसी नगर

21

सिंदबाज जहाजी की कहानी

29 जनवरी 2022
0
0
0

जब शहरजाद ने यह कहानी पूरी की तो शहरयार ने, जिसे सारी कहानियाँ बड़ी रोचक लगी थीं, पूछा कि तुम्हें कोई और कहानी भी आती हैं। शहरजाद ने कहा कि बहुत कहानियाँ आती हैं। यह कह कर उसने सिंदबाद जहाजी की कहानी

22

सिंदबाद जहाजी की पहली यात्रा

29 जनवरी 2022
0
0
0

सिंदबाद ने कहा कि मैंने अच्छी-खासी पैतृक संपत्ति पाई थी किंतु मैंने नौजवानी की मूर्खताओं के वश में पड़कर उसे भोग-विलास में उड़ा डाला। मेरे पिता जब जीवित थे तो कहते थे कि निर्धनता की अपेक्षा मृत्यु श्र

23

सिंदबाद जहाजी की दूसरी यात्रा

29 जनवरी 2022
0
0
0

मित्रो, पहली यात्रा में मुझ पर जो विपत्तियाँ पड़ी थीं उनके कारण मैंने निश्चय कर लिया था कि अब व्यापार यात्रा न करूँगा और अपने नगर में सुख से रहूँगा। किंतु निष्क्रियता मुझे खलने लगी, यहाँ तक कि मैं बेच

24

सिंदबाद जहाजी की तीसरी यात्रा

29 जनवरी 2022
0
0
0

सिंदबाद ने कहा कि घर आकर मैं सुखपूर्वक रहने लगा। कुछ ही दिनों में जैसे पिछली दो यात्राओं के कष्ट और संकट भूल गया और तीसरी यात्रा की तैयारी शुरू कर दी। मैंने बगदाद से व्यापार की वस्तुएँ लीं और कुछ व्या

25

सिंदबाद जहाजी की चौथी यात्रा

29 जनवरी 2022
0
0
0

सिंदबाद ने कहा, कुछ दिन आराम से रहने के बाद मैं पिछले कष्ट और दुख भूल गया था और फिर यह सूझी कि और धन कमाया जाए तथा संसार की विचित्रताएँ और देखी जाएँ। मैंने चौथी यात्रा की तैयारी की और अपने देश की वे व

26

सिंदबाद जहाजी की पाँचवी यात्रा

29 जनवरी 2022
0
0
0

सिंदबाद ने कहा कि मेरी विचित्र दशा थी। चाहे जितनी मुसीबत पड़े मैं कुछ दिनों के आनंद के बाद उसे भूल जाता था और नई यात्रा के लिए मेरे तलवे खुजाने लगते थे। इस बार भी यही हुआ। इस बार मैंने अपनी इच्छानुसार

27

सिंदबाद जहाजी की छठी यात्रा

29 जनवरी 2022
0
0
0

सिंदबाद ने हिंदबाद और अन्य लोगों से कहा कि आप लोग स्वयं ही सोच सकते हैं कि मुझ पर कैसी मुसीबतें पड़ीं और साथ ही मुझे कितना धन प्राप्त हुआ। मुझे स्वयं इस पर आश्चर्य होता था। एक वर्ष बाद मुझ पर फिर यात्

28

सिंदबाद जहाजी की सातवीं यात्रा

29 जनवरी 2022
0
0
0

सिंदबाद ने कहा, दोस्तो, मैंने दृढ़ निश्चय किया था कि अब कभी जल यात्रा न करूँगा। मेरी अवस्था भी इतनी हो गई थी कि मैं कहीं आराम के साथ बैठ कर दिन गुजारता। इसीलिए मैं अपने घर में आनंदपूर्वक रहने लगा। एक

29

एक स्त्री और तीन नौकरों का वृत्तांत

29 जनवरी 2022
0
0
0

शहरयार को सिंदबाद की यात्राओं की कहानी सुन कर बड़ा आनंद हुआ। उसने शहरजाद से और कहानी सुनाने को कहा। शहरजाद ने कहा कि खलीफा हारूँ रशीद का नियम था कि वह समय-समय पर वेश बदल कर बगदाद की सड़कों पर प्रजा का

30

जवान और मृत स्त्री

29 जनवरी 2022
0
0
0

उस जवान ने कहा कि 'मृत स्त्री मेरी पत्नी और इन वृद्ध सज्जन की बेटी थी और यह मेरे चचा हैं। ग्यारह वर्ष पूर्व उससे मेरा विवाह हुआ था। हमारे तीन बेटे हैं जो जीवित हैं। मेरी पत्नी अत्यंत सुशील और पतिव्रता

31

नूरुद्दीन अली और बदरुद्दीन हसन

29 जनवरी 2022
0
0
0

मंत्री जाफर ने कहा कि पहले जमाने में मिस्र देश में एक बड़ा प्रतापी और न्यायप्रिय बादशाह था। वह इतना शक्तिशाली था कि आस-पड़ोस के राजा उससे डरते थे। उसका मंत्री बड़ा शासन- कुशल, न्यायप्रिय और काव्य आदि

32

काशगर के दरजी और बादशाह के कुबड़े सेवक

29 जनवरी 2022
0
0
0

दूसरी रात को मलिका शहरजाद ने पिछले पहर अपनी बहन दुनियाजाद के कहने से यह कहानी सुनाना आरंभ किया। पुराने जमाने में तातार देश के समीपवर्ती नगर काशगर में एक दरजी था जो अपनी दुकान में बैठ कर कपड़े सीता था।

33

ईसाई द्वारा सुनाई गई

29 जनवरी 2022
0
0
0

ईसाई ने कहा, मैं मिस्र की राजधानी काहिरा का निवासी हूँ। मेरा बाप दलाल था। उस के पास काफी पैसा हो गया। उस ने मरने के बाद मैं ने भी वही व्यापार आरंभ किया। एक दिन मैं अनाज की मंडी में अपने दैनिक व्यापार

34

अनाज के व्यापारी

29 जनवरी 2022
0
0
0

अनाज का व्यापारी बोला कि कल मैं एक धनी व्यक्ति की पुत्री के विवाह में गया था। नगर के बहुत-से प्रतिष्ठित व्यक्ति उसमें शामिल थे। शादी की रस्में पूरी होने पर दावत हुई और नाना प्रकार के व्यंजन परोसे गए।

35

उस आदमी की कहानी जिसके चारों अँगूठे कटे थे

29 जनवरी 2022
0
0
0

उस ने कहा कि दोस्तो, मेरा पिता बगदाद का रहनेवाला था और खलीफा हारूँ रशीद के जमाने में था। मैं भी उसी समय पैदा हुआ। मेरा पिता यद्यपि धनवान तथा बड़े व्यापारियों में गिना जाता था तथापि वह बहुत ही विलासी औ

36

यहूदी हकीम द्वारा वर्णित

29 जनवरी 2022
0
0
0

यहूदी हकीम ने बादशाह के सामने झुक कर जमीन चूमी और कहा कि पहले मैं दमिश्क नगर में हकीमी किया करता था। अपनी चिकित्सा विधि के कारण वहाँ मेरी बड़ी प्रतिष्ठा हो गई थी। एक दिन वहाँ के हाकिम ने मुझ से कहा कि

37

काशगर के बादशाह के सामने दरजी की कथा

29 जनवरी 2022
0
0
0

दरजी ने कहा कि इस नगर के व्यापारी ने एक बार अपने मित्रों को भोज दिया और उनके लिए भाँति-भाँति के व्यंजन बनवाए। मुझे भी बुलाया गया। मैं जब वहाँ पहुँचा तो देखा कि बहुत-से निमंत्रित लोग मौजूद हैं किंतु मक

38

लँगड़े आदमी की कहानी

29 जनवरी 2022
0
0
0

मेरा पिता बगदाद के सम्मानित व्यक्तियों में से था और हम लोग आनंदपूर्वक वहाँ रह रहे थे। मैं अपने पिता का अकेला बेटा था। जिस समय मेरे पिता की मृत्यु हुई उस समय तक मैं न केवल विद्याध्ययन पूरा कर चुका था ब

39

दरजी की जबानी नाई की कहानी

29 जनवरी 2022
0
0
0

खलीफा हारूँ रशीद के काल में बगदाद के आसपास दस कुख्यात डाकू थे जो राहगीरों को लूटते ओर मार डालते थे। खलीफा ने प्रजा के कष्ट का विचार कर के कोतवाल से कहा कि उन डाकुओं को पकड़ कर लाओ वरना मैं तुम्हें प्र

40

नाई के कुबड़े भाई

29 जनवरी 2022
0
0
0

सरकार, मेरा सबसे बड़ा भाई जिसका नाम बकबक था, कुबड़ा था। उसने दरजीगीरी सीखी और जब यह काम सीख लिया तो उसने अपना कारबार चलाने के लिए एक दुकान किराए पर ली। उस की दुकान के सामने ही एक आटा चक्कीवाले की दुका

41

नाई के दूसरे भाई बकबारह की कहानी

29 जनवरी 2022
0
0
0

दूसरे रोज खलीफा के सामने पहुँच कर मैं ने कहा कि मेरा दूसरा भाई बकबारह पोपला है। एक दिन उससे एक बुढ़िया ने कहा, मैं तुम्हारे लाभ की एक बात कहती हूँ। एक बड़े घर की स्वामिनी तुम से आकृष्ट है। मैं तुम्हें

42

नाई के तीसरे भाई अंधे बूबक की कहानी

29 जनवरी 2022
0
0
0

नाई ने कहा, सरकार, मेरा तीसरा भाई बूबक था जो बिल्कुल अंधा था। वह बड़ा अभागा था। वह भिक्षा से जीवन निर्वाह करता था। उसका नियम था कि अकेला ही लाठी टेकता हुआ भीख माँगने जाता और किसी दानी का द्वार खटखटा क

43

नाई के चौथे भाई काने अलकूज

29 जनवरी 2022
0
0
0

नाई ने कहा कि मेरा चौथा भाई काना था और उसका नाम अलकूज था। अब यह भी सुन लीजिए कि उसकी एक आँख किस प्रकार गई। मेरा भाई कसाई का काम करता था। उसे भेड़-बकरियों की अच्छी पहचान थी। वह मेढ़ों को लड़ाने के लिए

44

नाई के पाँचवें भाई अलनसचर

29 जनवरी 2022
0
0
0

नाई ने कहा कि मेरे पाँचवें भाई का नाम अलनसचर था। वह बड़ा आलसी और निकम्मा था। वह रोज किसी न किसी मित्र के पास जा कर बेशर्मी से कुछ भीख माँग लेता और खा-पी कर पड़ा रहता। मेरा बाप कुछ समय बाद बूढ़ा हो कर

45

नाई के छठे भाई कबक जिसके होंठ खरगोश की तरह के थे

29 जनवरी 2022
0
0
0

नाई ने कहा कि अब मेरे आखिरी भाई शाह कबक का वृत्तांत रह गया है। इसे भी सुन लीजिए, फिर मैं आप से विदा लूँ। इस भाई का नाम शाह कबक था और उसके होंठ खरगोश की तरह ऊपर को चढ़े हुए थे और वह चलता भी खरगोश की तर

46

शहजादा अबुल हसन और हारूँ रशीद की प्रेयसी शमसुन्निहार

29 जनवरी 2022
0
0
0

खलीफा हारूँ रशीद के शासनकाल में बगदाद में एक अत्यंत धनाढ्य और सुसंस्कृत व्यापारी रहता था। वह शारीरिक रूप से तो सुंदर था ही, मानसिक रूप से और भी सुंदर था। वहाँ के अमीर-उमरा उसका बड़ा मान करते। यहाँ तक

47

कमरुज्जमाँ और बदौरा

29 जनवरी 2022
0
0
0

फारस देश में बीस दिन की राह पर एक देश खलदान है। उस देश में कई टापू भी शामिल हैं। बहुत दिन पहले वहाँ का बादशाह शाहजमाँ था। उसके चार पत्नियाँ थीं और सात विशेष दासियाँ। वह बड़ा प्रतापी राजा था, उसके दे

48

नूरुद्दीन और पारस देश की दासी

29 जनवरी 2022
0
0
0

अगली सुबह से पहले शहरजाद ने नई कहानी शुरू करते हुए कहा कि पहले जमाने में बसरा बगदाद के अधीन था। बगदाद में खलीफा हारूँ रशीद का राज था और उसने अपने चचेरे भाई जुबैनी को बसरा का हाकिम बनाया था। जुबैनी के

49

ईरानी बादशाह बद्र और शमंदाल की शहजादी

29 जनवरी 2022
0
0
0

शहरजाद ने कहा कि बादशाह सलामत, ईरान बहुत बड़ा देश है। पुराने जमाने में वहाँ बड़े शक्तिशाली और प्रतापी नरेश हुआ करते थे और उन्हें शहंशाह यानी बादशाहों का बादशाह कहा जाता था। उसी काल का वहाँ का एक बादशा

50

गनीम और फितना

29 जनवरी 2022
0
0
0

दुनियाजाद ने मलिका शहरजाद से नई कहानी सुनाने को कहा और बादशाह शहरजाद ने भी अपनी मौन स्वीकृति दे दी तो शहरजाद ने नई कहानी शुरू कर दी। उसने कहा कि पुराने जमाने में दमिश्क नगर में एक व्यापारी रहता था जिस

51

शहजादा जैनुस्सनम और जिन्नों के बादशाह

29 जनवरी 2022
0
0
0

पुराने जमाने में बसरा में एक बड़ा ऐश्वर्यवान और न्यायप्रिय बादशाह राज करता था। उसे सबकुछ प्राप्त था किंतु उसे बहुत दिनों तक कोई संतान नहीं हुई जिससे वह बहुत दुखी रहता था। नगर निवासी भी बादशाह के साथ म

52

शहजादा खुदादाद और दरियाबार की शहजादी-

29 जनवरी 2022
0
0
0

उपर्युक्त कहानी के मध्य में एक यात्रा में जैनुस्सनम के दरियाबार देश मे जाने का भी उल्लेख है। वहाँ की एक चित्ताकर्षक कथा उस ने सुनी थी। वह कथा भी इस जगह कही जाती है। हैरन नगर में एक बड़ा प्रतापी बादशा

53

दरियाबार की शहजादी

29 जनवरी 2022
0
0
0

उस सुंदरी ने कहा कि काहिरा के निकट दरियाबार नाम एक द्वीप है। उस का बादशाह सब प्रकार से सुखी था किंतु उसे संतान न होने का बड़ा दुख था। वर्षों की प्रार्थनाओं और सिद्धों के आशीर्वादों से उस के यहाँ एक पु

54

सोते-जागते आदमी

29 जनवरी 2022
0
0
0

शहरजाद ने कहा कि खलीफा हारूँ रशीद के जमाने में बगदाद में एक धनी व्यापारी था। उस का एक ही पुत्र था जिसका नाम अबुल हसन था। व्यापारी बड़ा कंजूस था। वह धन एकत्र ही करता था, खर्च बहुत कम करता था। इसलिए जब

55

अलादीन और जादुई चिराग

29 जनवरी 2022
0
0
0

चीन की राजधानी में मुस्तफा नाम का एक दरजी रहता था। वह गरीब आदमी था और बड़ी कठिनाई से अपने परिवारवालों का पेट भरता था। उस के पुत्र का नाम अलादीन था जो कुछ काम-काज नहीं करता था सिर्फ खेल-कूद में समय ब

56

खलीफा हारूँ रशीद और बाबा अब्दुल्ला

29 जनवरी 2022
0
0
0

दुनियाजाद के प्रस्ताव और शहरयार की अनुमति से नई कहानी प्रारंभ करते हुए शहरजाद ने कहा कि कभी-कभी आदमी का चित्त प्रसन्न होता है और उसकी कोई साफ वजह भी नहीं होती। ऐसी स्थिति भी होती है जब आदमी खुश तो होत

57

अंधे बाबा अब्दुल्ला

29 जनवरी 2022
0
0
0

बाबा अब्दुल्ला ने कहा कि मैं इसी बगदाद नगर में पैदा हुआ था। मेरे माँ बाप मर गए तो उनका धन उत्तराधिकार में मैंने पाया। वह धन इतना था कि उससे मैं जीवन भर आराम से रह सकता था किंतु मैंने भोग-विलास में सार

58

सीदी नोमान

29 जनवरी 2022
0
0
0

भिखारी की कहानी सुनने के बाद खलीफा ने बराबर घोड़ी दौड़ानेवाले पर ध्यान दिया और उससे पूछा कि तुम्हारा क्या नाम है। उसने अपना नाम सीदी नोमान बताया। खलीफा ने कहा, मैंने बहुत-से घुड़सवारों और साईसों को दे

59

ख्वाजा हसन हव्वाल

29 जनवरी 2022
0
0
0

ख्वाजा हसन ने कहा कि मैं अपनी बात बताने के पहले अपने दो मित्रों के बारे में बताना चाहता हूँ। वे अभी जीवित हैं और यहीं बगदाद में रहते हैं। वे मेरे प्रत्येक कथन की पुष्टि करेंगे। उनमें से एक का नाम सादी

60

अलीबाबा और चालीस लुटेरों की कहानी

29 जनवरी 2022
0
0
0

अगली रात को मलिका शहरजाद ने नई कहानी शुरू करते हुए कहा कि फारस देश में कासिम और अलीबाबा नाम के दो भाई रहते थे। उन्हें पैतृक संपत्ति थोड़ी ही मिली थी। किंतु कासिम का विवाह एक धनी-मानी व्यक्ति की पुत्री

61

बगदाद के व्यापारी अली ख्वाजा

29 जनवरी 2022
0
0
0

खलीफा हारूँ रशीद के राज्य काल में बगदाद में अलीख्वाजा नामक एक छोटा व्यापारी रहता था। वह अपने पुश्तैनी मकान में, जो छोटा-सा ही था, अकेला रहता था। उसने विवाह नहीं किया था और उसके माता पिता की भी मृत्यु

62

यंत्र के घोड़े

29 जनवरी 2022
0
0
0

बादशाह सलामत, आपको यह मालूम ही है कि हजारों वर्ष से फारस में नौरोज यानी वर्ष का प्रथम दिवस बड़े हर्षोल्लास से मनाया जाता है। उसमें सभी लोग विशेषतः अग्निपूजक, भाँति-भाँति के नृत्यों और खेल-तमाशों का आय

63

शहजादा अहमद और परीबानू

29 जनवरी 2022
0
0
0

शहरजाद ने कहा, बादशाह सलामत, पुराने जमाने में हिंदोस्तान का एक बादशाह बड़ा प्रतापी और ऐश्वर्यवान था। उसके तीन बेटे थे। बड़े का नाम हुसैन, मँझले का अली और छोटे का अहमद था। बादशाह का एक भाई जब मरा तो उस

64

ईर्ष्यालु बहनों की कहानी

29 जनवरी 2022
0
0
0

पुराने जमाने में फारस में खुसरो शाह नामी शहजादा था। वह रातों को अक्सर भेस बदल कर सिर्फ एक सेवक को अपने साथ रख कर नगर की सैर किया करता था और संसार की विचित्र बातें देख कर अपना ज्ञान बढ़ाया करता था। ज

65

बैल और गधा

29 जनवरी 2022
0
0
0

एक बार एक सौदागर था जो बहुत अमीर था। उसके पास बहुत सारे नौकर चाकर और जानवर थे। उसकी एक पत्नी थी और परिवार था और वह अपने खाने पीने के लिये खेती करता था। उसके पास जंगली जानवरों और हर तरह की चिड़िया की बो

66

भेड़िये और लोमड़े की कहानी

29 जनवरी 2022
0
0
0

एक बार एक लोमड़ा और एक भेड़िया एक ही घर में रहते थे। भेड़िया बहुत ही बेरहम था जबकि लोमड़ा बहुत नरम दिल था। इसी तरह से रहते हुए उन्हें कुछ दिन हो गये कि एक दिन वह लोमड़ा भेड़िये से बोला — “अगर तुम इसी तरीके

67

लोमड़े और कौए की कहानी

29 जनवरी 2022
0
0
0

एक लोमड़ा एक पहाड़ की एक गुफा में रहता था। जब भी उसको एक बच्चा पैदा होता और वह बड़ा हो जाता तो वह उसको खा जाता क्योंकि उसको भूख बहुत लगती थी। अगर वह अपने बच्चों को न खाता तो उसके वे बच्चे बड़े हो जाते और

68

साही और कबूतर

29 जनवरी 2022
0
0
0

एक बार एक साही एक खजूर के पेड़ के नीचे रहने के लिये आया। उसी पेड़ के ऊपर एक कबूतर अपनी पत्नी के साथ रहता था। साही ने सोचा कि यह कबूतर का जोड़ा तो इस पेड़ के फल खाता है पर मुझे इस पेड़ के फल खाने का कोई मौ

69

बतख और कछुए की कहानी

29 जनवरी 2022
0
0
0

एक बार एक बतख बहुत ऊपर उड़ा और बहते हुए पानी में खड़ी एक चट्टान पर जा कर बैठ गया। जब वह वहाँ बैठा हुआ था तो पानी की एक लहर एक आदमी का ढाँचा उसके पास ला कर छोड़ गयी। बतख ने उसको ठीक से देखा तो उसको पता लग

70

चुहिया और एक ततैये की कहानी

29 जनवरी 2022
0
0
0

एक बार एक चुहिया और एक मादा ततैया एक गरीब किसान के घर में एक साथ ही रहते थे। एक बार उस किसान का एक दोस्त बीमार पड़ गया तो डाक्टर ने उसको धुले तिल21 खाने की सलाह दी। सो उस किसान ने एक आदमी से अपने दोस्

71

कौआ और बिल्ला

29 जनवरी 2022
0
0
0

एक समय की बात है कि एक कौआ और एक बिल्ला दोनों आपस में बड़े गहरे दोस्त थे और साथ साथ रहते थे। एक दिन वे दोनों एक पेड़ के नीचे बैठे हुए थे कि उन्होंने एक चीते23 को अपनी तरफ आते हुए देखा। उनको उसके अपनी त

72

चिड़ा और मोर

29 जनवरी 2022
0
0
0

एक बार की बात है एक चिड़ा रोज सुबह सुबह चिड़ियों के राजा से मिलने जाता था और सारा दिन उसकी सेवा में खड़ा रहता था। वह सबसे पहले वहाँ पहुँचता था और सबसे बाद में वहाँ से वापस आता था। एक बार कुछ चिड़ियों ने

73

मुर्गे और लोमड़े की कहानी

29 जनवरी 2022
0
0
0

एक बार एक गाँव में एक शेख रहता था। उसकी अपने गाँव में बहुत अच्छी साख थी और वह एक बहुत ही समझदार आदमी था। उसके अपने पास बहुत सारे मुर्गे मुर्गियाँ थे। वह उनको बढ़ाने के लिये उनकी बहुत अच्छी देखभाल करता

74

चिड़ियें, जानवर और बढ़ई

29 जनवरी 2022
0
0
0

जानवरों की यह कहानी बहुत ही मजेदार है। हो सकता है कि तुम इसको बार बार पढ़ना पसन्द करो और हर किसी को खास करके अपने छोटे भाई बहिनों को बार बार सुनाना पसन्द करो। बहुत पुरानी बात है कि एक मोर अपनी पत्नी क

---

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए