14 जुलाई की सुबह राजस्थान के लोगों के पास एक मैजेस पहुंचा. इसमें लिखा था 14 और 15 जुलाई को इंटरनेट सेवाएं बंद रहेंगी. असुविधा के लिए खेद है. अब सवाल उठता है कि ऐसा क्या हो गया कि दो दिन इंटरनेट ही पूरे प्रदेश में बंद रहेगा. वो भी आज के जमाने में जब लोग 5 मिनट बिना मोबाइल और इंटरनेट के नहीं रह सकते. तो इसका जवाब है राजस्थान में हो रही कॉन्स्टेबल भर्ती. जी हां 14 और 15 जुलाई को हो रही इसी भर्ती में किसी तरह की गड़बड़ी न हो, इसलिए ये कदम उठाया गया है.
राजस्थान की जनता इस फैसले से दुखी दिखाई दे रही है. वजह रेलवे, फ्लाइट, बस, बैंकिंग समेत सभी तरह के ऑनलाइन ट्रांजैक्शन का बंद होना भी है. खैर लोग इस फैसले को जैसे-तैसे झेल रहे थे कि एक और खबर आ गई. गुस्सा बढ़ाने वाली. पता चला कि एग्जाम सेंटर्स में लड़कियों के कपड़े काटे जा रहे हैं. लड़कों के कॉलर और आस्तीन वाले शर्ट और जूते भी निकलवाए जा रहे हैं. जूता पहन के किसी को एग्जाम सेंटर में घुसने नहीं दिया जा रहा था. सीकर में तो एक ऐसा मामला हुआ जो शर्मनाक है. यहां एक स्कूल में एक मां को दूसरी बेटी के साथ मिलकर चुनरी की ओट में सेंटर के बाहर ही अपनी बेटी के कपड़े बदलवाने पड़े. यही नजारा कमोबेश राज्य के हर सेंटर पर दिखा. इसकी जमके आलोचना हो रही है.
नेट बंद होने के साइड इफेक्ट्स
इसके अलावा इंटरनेट बंद होने से दो दिनों में राजस्थान में 11 हजार रेलवे के ई टिकटों में कमी आई है. 15 से 20 करोड़ के ट्रांजेक्शन बैंकों के अटक गए हैं. करीब ढाई हजार टैक्सियां बुक नहीं हो पाई हैं, जिससे 20 हजार लोग प्रभावित हुए हैं. राजस्थान रोडवेज की भी बुकिंग में करीब 5 फीसदी की कमी आई है. आम आदमी जो परेशान हो रहे वो अलग.
क्या कह रही सरकार
राज्य सरकार का कहना है कि ये सब उसने नकल रोकने के लिए किया है. उसका कहना है कि हाईटेक नलचियों की वजह से कॉन्स्टेबल भर्ती परीक्षा तीन बार टालनी पड़ी है. हरियाणा में बैठकर गैंग नकल करवा ले रहा था. ऐसे में उसके सामने नेट बंद करने के अलावा कोई ऑप्शन नहीं था. इस एग्जाम में इस बार करीब 13 हजार पदों के लिए 14 लाख परीक्षार्थी राज्य भर में परीक्षा दे रहे हैं.