shabd-logo

धर्म की आड़ में फ़ैल रही है अराजकता ।

30 अगस्त 2022

21 बार देखा गया 21


इस समय सम्पूर्ण भारत में धर्म की आड़ में अराजकता फैलाना एक आम बात हो गई है इसके मुख्य कारण हैं मैं और आप क्योंकि जब कभी भारत के किसी हिस्से में अपनी झूठी आस्था का दिखावा करने मात्र के लिए किसी की हत्या करदी गई तब मैं और आप अपने - अपने घरों में बैठकर मारने और मरने वालों के धर्म को देखकर अपनी - अपनी प्रतिक्रयाएं दे रहे थे उस समय हमने प्रयास ही नहीं किया कि सच को सच कह सकें और इसी बात का लाभ उठाया भीड़ का चेहरा लेकर घूमने वाले आतंकवादियों ने और इस तरह इंसानों का मरना और मारना भारत में एक आम बात हो गई जो आजतक भी जारी है ।
आगे चलते हैं -
आजकल आप जब किसी न्यूज़ चैनल या न्यूज़ पेपर को देखेंगे तो उसमें बलात्कार की घटनाएं देखने और सुनने को मिलती हैं इसके भी ज़िम्मेदार पहले की तरह मैं और आप ही हैं क्योंकि जब देश की किसी बच्ची के साथ इस तरह की घटना घटी तब मैंने और आपने अपने - अपने धर्म और जाति के बलात्कारियों के साथ खड़े होकर देश की मासूम बच्चियों को बता दिया की आप हमारे लिए देवी तो हो लेकिन सिर्फ किताबों तक लेकिन दरअसल हम बलात्कार जैसा घिनौना अपराध करने वाले अपराधियों के साथ हैं मज़लूम बच्चियों के साथ नहीं । और इस तरह उन भेड़ियों को हमने इतना मज़बूत कर दिया कि वो जहां चाहे जब चाहे हमारे समाज कि बच्चियों के साथ दरिंदगी कर सके और अगर उनकी इस दरिंदगी का कोई विरोध करे तो उसे मौत के घाट उतारने का उन्हें पूरा अधिकार मिल गया ।
वजह
जब हमारे देश के किसी हिस्से में नेताओं का मेला लगता है तब हिन्दू समाज चाहता है कि हमारा नेता बलात्कारी है या बदमाश है हमें फ़र्क नही पड़ता हमारा नेता सिर्फ मन्दिरों की बात करे और मुसलमानों को बर्बाद करने की क़सम खा ले हमारे लिए यही बहुत है ।
मुस्लिम समाज चाहता है हमारा नेता ज़िनाकार है या डाकू हमें फर्क नहीं पड़ता हमारा नेता सिर्फ मस्जिदों और मदरसों की बात करे और हिन्दू समाज को हर हाल में बर्बाद करने का वादा करे यही हमारे समाज की तरक्की है । यही वजह की ये दोनों ही समाज आज बर्बादी की ओर जा रहे हैं और इनकी इसी सोच की वजह से हर साल ना जाने कितनी माओं के लाल इन नफरतों का शिकार हो जाते हैं और ना जाने कितनी ही बच्चियों की अस्मतें नीलाम हो जाती हैं ।
समाधान
इस बार आपके बीच जब कोई नेता वोट या सपोर्ट मांगने आए तो उससे उसका धर्म और जाति मत पूछना बल्कि उससे पूछना कि वो आपके बच्चों की शिक्षा के लिए क्या विचार रखता है? उससे पूछना कि वो स्वास्थ्य विभाग में किस तरह का संशोधन करना चाहता है ? उससे पूछना कि युवाओं के रोज़गार के लिए उसने क्या रणनीती बनाई है ? उससे पूछना कि हमारी बच्चियों की सुरक्षा के बारे में क्या विचार किया है?
आप यकीन कीजिए इस तरह आपके बच्चों का भविष्य भी सुधर जाएगा, युवाओं को रोज़गार भी मिल जाएगा, आपको उपचार भी उच्च स्तर का मिलने लगेगा, आपकी बच्चियां भी सुरक्षित हों जाएंगी और जब ये सब होगा तो मेरे इस प्यारे देश से अराजकता भी खत्म हो जाएगी तथा देश विकास की ओर बढ़ने लगेगा ।
सत्ता_परिवर्तन_नहीं_व्यवस्था_परिवर्तन_करो।
लेखक 

ज़ैद ज़रार








Zaid Zarar की अन्य किताबें

पवन अंभोरे

पवन अंभोरे

बहुत खूब लिखा आपने ✍️✍️👌👌👌

30 अगस्त 2022

Zaid Zarar

Zaid Zarar

30 अगस्त 2022

धन्यवाद Pawan Ambhore जी

1
रचनाएँ
Zaid Zarar की डायरी
0.0
धर्म की आड़ में देश में ज़हर घोलने वाले लोगों को समझना होगा कि भारत एक ऐसा देश है जिसके बारे में सुनने वाला जान जाता है कि एक ऐसे देश का नाम लिया जा रहा है जिसमे बहुत से धर्म और परंपराओं का मिलजुला सार है, इसीलिए हमारी कोशिश है कि हम देश में बढ़ रही नफ़रत पहले कम करने की कोशिश करें फ़िर उसे ख़त्म करें । यह किताब किसी भी समाज,व्यक्ति,संस्था और राजनैतिक दल के विरुद्ध या उसके पक्ष में नहीं है बल्कि इस किताब का उद्देश्य है कि आप और मैं (हम सब) अपने देश को नफ़रत से बचाने के लिए एक दूसरे के साथ मज़बूती से खड़े हो सकें ताकि हमें कोई बांट न सके । धन्यवाद लेखक ज़ैद ज़रार

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए