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द्रौपदी

17 अक्टूबर 2020

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कर दियाकर दिया जायेगा बहुत से द्रौपदियों को निर्वस्त्र भरी सभा में अपने ही भाई,पिता और देवरों द्वारा ,पर एक बात नयी होगी की यहाँ उसे बचने को कोई कृष्ण नहीं आएंगे । जीत जायेंगे बहुतेरे दुर्योधन और उनके मित्र, बंधू-बांधव सब क्योकि उठ खड़े हुए हैं समर्थन में बहुत से भीष्म ,द्रोण ,कृपाचार्य और अनेक महापुरुष । सर कर दिया जाएगा धड़ से अलग जो कोई विदुर खड़ा होकर विरोध करेगा और नहीं लिखेगा कोई कवि "बोलो विदुर कब बोलोगे " जैसी कविताएं इसी भय से । तुम्हारा ,मेरा ,हमसब का सर झुका ही रहेगा उन पांडवों की तरह जिन्होंने एक रानी को खेल के प्रतिस्पर्धा में दाव पर लगा दिया बिना किसी अधिकार के । स्त्री का अपमान पुरे पुरुषत्व पर एक दाग के तरह है जो शायद कभी न मिटे ,सबपे उँगलियाँ उठेंगी ,जबाब सबको देना होगा ,सबको मरना होगा ठीक उसी तरह जैसे मर जाती एक औरत है अपने अपमान के बाद ।जायेगा बहुत से द्रौपदियों को निर्वस्त्र भरी सभा में अपने ही भाई,पिता और देवरों द्वारा ,पर एक बात नयी होगी की यहाँ उसे बचने को कोई कृष्ण नहीं आएंगे । जीत जायेंगे बहुतेरे दुर्योधन और उनके मित्र, बंधू-बांधव सब क्योकि उठ खड़े हुए हैं समर्थन में बहुत से भीष्म ,द्रोण ,कृपाचार्य और अनेक महापुरुष । सर कर दिया जाएगा धड़ से अलग जो कोई विदुर खड़ा होकर विरोध करेगा और नहीं लिखेगा कोई कवि "बोलो विदुर कब बोलोगे " जैसी कविताएं इसी भय से । तुम्हारा ,मेरा ,हमसब का सर झुका ही रहेगा उन पांडवों की तरह जिन्होंने एक रानी को खेल के प्रतिस्पर्धा में दाव पर लगा दिया बिना किसी अधिकार के । स्त्री का अपमान पुरे पुरुषत्व पर एक दाग के तरह है जो शायद कभी न मिटे ,सबपे उँगलियाँ उठेंगी ,जबाब सबको देना होगा ,सबको मरना होगा ठीक उसी तरह जैसे मर जाती एक औरत है अपने अपमान के बाद ।

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अवसाद

1 अक्टूबर 2020
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कुंवारी लड़की

24 अप्रैल 2021
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