एक बार बाप बेटा कहीं बजार घूमने के मकसद घर से बाहर निकलते हैं वह अपना घोड़ा साथ लेते हैं।
अब्बा कहते हैं बेटा तुम घोड़े पर बैठ जाओ तुम थक जाओगे बेटा कहता है नहीं अब्बा आप बैठ जाओ में ठीक हूँ।
वह थोड़ी दूर जाते हैं तो एक रास्ते का शख्स कहता है कितना अजीब बाप है खुद मजे से घोड़े पर बैठा है और बच्चे को पैदल चला रहा है।
अब्बा उसकी बात सुन बच्चे को घोड़े पर बिठा देते है और खुद पैदल चलने लगते है। थोड़ी दूर जाते ही एक दूसरा रास्ते का शख्स कहता है कितना अजीब बेटा है खुद मजे से घोड़े पर बैठा है और पिता जी को पैदल चला रहा है। यह सुन बेटा कहता आओ अब्बा हम दोनों घोड़े पर बैठ जाते हैं उसकी बात मान अब्बा भी घोड़े पर बैठ जाते हैं कुछ दूर जाते ही एक और रास्ते का शख्स कहता है बाप बेटा मिलकर घोड़े की जान ले रहे हैं।
यह बात सुनकर दोनों बाप बेटा घोड़े से उतरकर पैदल चलने लगते हैं थोड़ी दूर जाते ही एक और रासते का शख्स कहता है।
कितने अजीब लोग हैं घोड़े के होते हुए भी पैदल चल रहें हैं।
शिक्षा : आप अपने आप से संतुष्ट रहे दुनिया तो भगवान को भी नहीं जीने देती।