shabd-logo

एक अजनबी !

20 जून 2019

45 बार देखा गया 45

समझा था उनको दिल के अमीर !

मिलने लगे जैसे दिल के करीब !

होता नहीं अब मुलाक़ात उनसे !

जब से सुनें हैं , मैं हूँ ग़रीब !


नासिर बघौनवी की अन्य किताबें

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए