एक झूठा सच 'कहानी'
एक बार एक जंगल में एक सेब के पेड़ के नीचे एक हिरण सो रहा था। अचानक उसका सिर गर्म होने लगा। उसके सिर में बहुत तेजी से दर्द होने लगा। लेकिन, उसे दर्द महसूस नहीं हो रहा था। उसके पश्चात हिरण ने कहा, कि मेरा सिर इतना गर्म कैसे हो गया ? उसने डरते हुए अपनी गर्दन पीछे की और देखा, कि सेब के पेड़ के पत्ते हिल रहे थे और वो भी सोने की बूंदों के साथ। हिरण ने दयालुपन और उदारता के साथ सोचा, कि यह बात सभी जंगल वासियों को बता देता हूं। हालांकि ऐसा कुछ भी नहीं था, उसके सिर में दर्द होने के कारण उसे ऐसा दिख रहा था। उसने सभी जंगल वासी, यानि कि जानवर, पक्षी आदि को बता दिया। सोने की बूंदों की बात सुनते ही सभी जंगल वासी दौड़ते हुए आए और हिरण के साथ उस सेब के पेड़ के नीचे गए एवं सोने की बूंदों की जांच करने लगें। सेब के पेड़ की जांच तो कर ली, परंतु सोने की बूंदें नहीं दिखाई दी। सेब के पेड़ पर एक भी सोने की बूंद नहीं थी। इस तरह एक सच... झूठा साबित हो गया।