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एम्ब्र्यो फ्रीजिंग के बारे में जाने !

10 फरवरी 2020

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featured imagearticle-imageएम्ब्र्यो फ्रीजिंग

एम्ब्र्यो फ्रीजिंग एक चिकित्सीय प्रक्रिया है जिसके द्वारा एक भ्रूण (शुक्राणुओं द्वारा फर्टिलाइजड अंडे) को एक प्रयोगशाला में तरल नाइट्रोजन में प्रीज़र्व किया जाता है। इसके बाद यह सुनिश्चित किया जाता है कि भ्रूण अगले कुछ वर्षों तक सस्पेंडेड एनीमेशन की स्थिति में रहे। भ्रूण को पाँच से दस 10 साल तक के लिए प्रीज़र्व किया जा सकता है। भ्रूण फ्रीजिंग सुनिश्चित करता है कि भ्रूण को लंबे समय तक स्वस्थ और सही तरीके से संरक्षित किया जा सके। सर्वोत्तम परिणामों के लिए केवल उच्च गुणवत्ता वाले भ्रूणों को ही संरक्षित किया जाता है। फर्टिलिटी सेंटेर्स, स्टोरेज बैंकों में भ्रूण को सबसे सुरक्षित तरीके से संग्रहीत किया जाता है।


एम्ब्र्यो फ्रीजिंग के लाभ

आईवीएफ के विफल होने पर फ़्रोजन एम्ब्र्यो का उपयोग किया जा सकता है।

महिला को ओवरियन स्टिमुलेशन और एग रेट्रीवल की प्रक्रियाओं से गुजरने की जरूरत नहीं पड़ती है और वह सीधे भ्रूण स्थानांतरण कर सकती है।

फ़्रोजन एम्ब्र्यो का स्थानांतरण उन मामलों में भी किया जा सकता है जब कपल आईवीएफ के द्वारा पहला बच्चा होने के बाद अपना दूसरा बच्चा चाहते हैं। अगर वे बढ़ती उम्र में बच्चे को जन्म देने की योजना बना रहे हैं, तो वो भी इस प्रक्रिया का लाभ उठा सकते हैं। यह सुनिश्चित करता है कि उन्हें भविष्य में शुक्राणु दाताओं या अंडा दाताओं की आवश्यकता नहीं है।

ऐसे मामलों में, जटिल प्रजनन उपचार के बिना गर्भावस्था सरल तरीके से हो सकती है।


एम्ब्र्यो फ्रीजिंग के नुकसान

  1. एम्ब्र्यो फ्रीजिंग के समय सेवन की जाने वाली वाली दवाओं के साइड-इफेक्ट्स हो सकते हैं। इसलिए, इन दवाओं को लेते समय उचित देखभाल की ज़रूरत होती है।
  2. एम्ब्र्यो फ्रीजिंग से गुजरने वाले रोगियों में ओवरियन हाइपर स्टिमुलेशन सिंड्रोम हो सकता है।

एम्ब्र्यो फ्रीजिंग की प्रक्रिया

एम्ब्र्यो फ्रीजिंग की प्रक्रिया में कुछ निश्चित चरण होते हैं, जिन्हें उचित देखभाल की आवश्यकता होती है।

एग रिट्रीवल की प्रक्रिया शुरू होने से पहले आपको कम से कम एक सप्ताह के लिए कुछ सावधानियां बरतने की ज़रूरत होगी ताकि प्राप्त किए गए अंडों से गुणवत्ता वाले भ्रूण तैयार किए जा सकें। साथी के शुक्राणु के साथ महिला मरीज़ के अंडों को फर्टिलाइज किया जाता है। इससे भ्रूण का निर्माण होता है। भ्रूण को 3-4 दिनों के लिए मैचयोर होने के लिए रखा जाता है। इसके बाद इसे फ्रीज़ किया जाता है। एम्ब्र्यो फ्रीजिंग उन कपल्स के लिए सर्वोत्तम है जो अपने परिवार को शुरू करने या विस्तार करने के लिए एक सुरक्षित उपाय चाहते हैं।

सिंगल एम्ब्र्यो ट्रान्सफर बहुत लोकप्रिय हैं और फ़्रोजन एम्ब्र्यो ट्रान्सफर में आईवीएफ की सफलता दर भी अधिक है।


एम्ब्र्यो फ्रीजिंग की तैयारी कैसे करें

  1. एम्ब्र्यो फ्रीजिंग की सफलता के लिए विशिष्ट तैयारी की आवश्यकता होती है ताकि यह प्रक्रिया अंततः उस जोड़े के लिए सफल गर्भावस्था का कारण बन पाये:
  2. ब्लड टेस्ट्स स्क्रीनिंग (एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। इससे रोगियों की वास्तविक स्वास्थ्य स्थिति का पता लगाने में मदद मिलती है।
  3. अडों की गुणवत्ता और संख्या का पता लगाने के लिए ओवरियन रिजर्व टेस्टिंग की जाती है।
    फोल्लिकल स्टिमुलाटिंग हॉरमोन और एस्ट्राडियोल का परीक्षण महिला में अंडे की गुणवत्ता और संख्या का पता लगाने के लिए किया जाता है।
  4. संक्रामक रोग स्क्रीनिंग , यह जानने के लिए की जाती है कि क्या महिला एचआईवी, हेपेटाइटिस बी और सी से तो प्रभावित नहीं है। यह टेस्ट शिशु में इन गंभीर बीमारियों को ट्रान्सफर होने से रोकता है।
  5. एम्ब्र्यो फ्रीजिंग की प्रक्रिया शुरू करने से पहले कपल्स को चाहिए की वे सारे ज़रूरी टेस्ट्स करवा लें ताकि एक स्वस्थ बच्चे की जन्म प्रक्रिया में किसी तरह की बाधा न आए।
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fertilitytreatment
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इसमें आपको सभी तरह की ट्रीटमेंट्स के बारे में बताया जायेगा जैसे की आयीवीऍफ़ ,आईयुआई इत्यादि | जिसमे आप बेहतरीन से बेहतरीन डॉक्टर्स के बारे में भी जान सकते हैं और इन ट्रीटमेंट्स का कितना खर्च आएगा इत्यादि | यह एक महिला स्वास्थ्य सलाहकार पेज है | आप यहाँ कुछ भी ऐसी समस्यायों के बारे में जान सकते हैं | महिला स्वास्थ्य नुस्खे, विमन हेल्थ टिप्स, महिला विशेषज्ञ से निजी सलाह, विमन कम्युनिटी, घरेलु नुस्खे, महिला स्वास्थ्य सलाहकार, हेल्थ टिप्स फॉर वीमेन, स्वास्थ्य संबंधी जानकारी, स्वास्थ्य का महत्व, महिलाओं की समस्याएं, स्वास्थ्य टिप्स, महिला रोग, महिला रोग, हेल्थ टिप्स इन हिंदी, हेल्थ टिप्स घरेलू नुस्खे, हेल्थ एजुकेशन
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