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ग़ज़ल

27 मार्च 2022

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ग़ज़ल

ज़िंदगी मझधार की पतवार है किसको पता ?

किसके हिस्से में यहां पर खार है किसको पता ?

कर सको पूरा रखो तुम शौक़ उतना ही करीब ,

शौक़ मसलन इश्क़ में बाजार है किसको पता ?

भूलकर जाना कभी मत आदमी की शक्ल पर ,

कौन अच्छा या बुरा क़िरदार है किसको पता ?

वक्त कितना भी बुरा हो कट ही जाता है यहां,

वक्त से लड़ना मगर अधिकार है किसको पता ?

धर्म को धंधा बना जो बांटते हैं मुल्क को ,

वो ही असली देश का गद्दार है किसको पता ?

सच बना रहता हमेशा, झूठ गर साबित न हो ,

हां! वही सच झूठ का आधार है किसको पता ।

आज अधिकारों से वंचित जी रही रकमिश मगर

आम जनता ही यहां सरकार है किसको पता ?

              – Rakmish Sultanpuri

भारती

भारती

बहुत ही बढ़िया

27 मार्च 2022

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