गुलाब जैसा प्यार है
मेरा तुम्हारा,गुलाब जैसे ही
महकेगा सदियों तक
यह वादा है हमारा।
दूर रहो या पास
ख़ुशबू में इसकी
न आए कमी, ना आए कमी
महकता रहे, बस यूंही,बस यूंही।
पूरी बगिया को हमने
जांच परख कर पाया है जिसे
तुम वो गुलाब हो,
तुम वो गुलाब हो
गुलाब जैसी ताज़गी तुझमें
हर पंखुड़ी में प्यार है
दिखता है जब भी, मिलता
प्यार का पैग़ाम है..
ख़ुशी और ग़म तो आते हैं,
आते रहेंगे,कांटों संग
गुलाब जैसे मुस्कुराते रहेंगे
मुस्कुराते रहेंगे।
हर दिन रोज़ डे हो,
हर दिन मिलन की आस
गुलाब जैसा प्यार हमारा
ख़ुशबू भी इसकी खा़स..
मौलिक रचना
खा़तून,,, ✍️
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