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गुरू के वचनो का बुरा नही मानना चाहिऐ।

6 दिसम्बर 2023

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एक बार एक विद्यार्थी था ,वह एक प्राइवेट स्कूल में पढ़ता था वह पढ़ने में अच्छा था और होनहार भी था। यह उन दिनों की बात है, तब हमारे देश में एक बीमारी चल रही थी जिसका नाम कोरोना था ।एक दिन वह अपनी कक्षा में पढ़ रहा था। अचानक उसके एक पीटीआई आते हैं और सभी को मास्क लगाने की बोलते हैं ,अधिकांश बच्चों पर मास्क नहीं था तो वह उनको डांट से हैं और घर भागने की बात करते हैं ।तभी उनकी नजर उसे विद्यार्थी पड़ जाती है और वह उसको धमकी देते हैं वह विद्यार्थी अध्यापक पर अकड़ जाता है और वह उन पर उल्टा पड़ जाता है ,क्योंकि अध्यापक ने स्वयं ही कोई मास्क नहीं लगा रखा था वह उनको भी यही कहता है ,कि आप भी मास्क लगाओ इतने में बात बिगड़ जाती है और विद्यार्थी गुस्सा होकर नीचे के तरफ चल देता है और स्कूल से बाहर चला जाता है। इतने में यह सूचना उसके घर वालों को पहुंच जाती है घरवाले बच्चों को वापस स्कूल भेज देते हैं और समझाते हैं लेकिन बच्चा उसे समय तो समझ जाता है लेकिन वह उस स्कूल को अगले साल छोड़ने की बात करता है तब अध्यापक ने एक बात कही गुरु की बातों का कभी बुरा नहीं मानना चाहिए और वह विद्यार्थी इन सब बातों पर ध्यान न देते हुए उसे स्कूल को छोड़ आता है ,परंतु जब वह अन्य स्कूलों में जाता है तो उसके मानसिकता पर प्रभाव पड़ता है ।और वह उतना होनहार नहीं रह पाता जितना कि वहां पर पढ़ने में था इसलिए हम तुम्हें यही कहना है कि गुरु की बातों का कभी बुरा नहीं मानना चाहिए क्योंकि गुरु ही है जो हमें अच्छा और बुरे का ज्ञान करते हैं।

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