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Gurudeen verma के बारे में

एक सरकारी शिक्षक और साहित्यकार कुल रचनायें(कविता)- 2500 प्रकाशित-- 40 साझा काव्य संग्रह और 25 समाचार पत्र प्राप्त सम्मान पत्रों की संख्या - 45(पिछले 6 महीनों में) खुद की प्रकाशित पुस्तकों की संख्या- 6

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दैनिक लेखन प्रतियोगिता2022-06-25

Gurudeen verma की पुस्तकें

Gurudeen verma के लेख

मुझको तुमसे क्या मतलब

15 नवम्बर 2022
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रहूँगा अब तुमसे दूर ही,नहीं देखूंगा अब तेरी ओर,कभी अपनी नजरें उठाकर,चाहे करें कोई तुमसे अब,बदतमीजी और शरारत,मुझको क्या मतलब तुमसे।कौनसी खुशी मिलती है तुमसे,कब देती है तू मुझको इज्ज़त,हमेशा ही करती है म

मैं तो चाहता हूँ कि

14 नवम्बर 2022
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मैं तो चाहता हूँ कि,तुम्हें नहीं हो कभी दुःख,आये नहीं तुम पर मुसीबत,मुस्कराती रहे तुम हमेशा,और यही प्रार्थना मैं करता हूँ ,तुमको मैं जो प्यार करता हूँ।मैं तो चाहता हूँ कि,तुम्हारा नाम हो हर जुबां पर,त

ऐसे हंसते रहो(14 नवम्बर बाल दिवस पर)

13 नवम्बर 2022
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ऐसे हंसते रहो , यूँ हंसाते रहो ।गुनगुनाते रहो , गीत गाते रहो ।।अच्छा लगता है, दिल भी लगता है ।तुम जो हंसते हो , गम भी मिटता है ।।ऐसे हंसते रहो -----------------------------।यह गुलशन हंसा है , तुम्हे द

एक यह भय जिससे

12 नवम्बर 2022
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दुनिया की इस तेज दौड़ में,तू पहुंच नहीं जाये उस मुकाम,जहाँ होते हैं पल आनंद के,मौजमस्ती के लिए पल क्षणभर,जो चुभोते हैं बाद में नस्तर,जिंदगी भर रुलाने के लिए,एक यह भय जिससे कि,रहता हूँ हमेशा आशंकित मैं।

एक यह भय जिससे

12 नवम्बर 2022
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दुनिया की इस तेज दौड़ में,तू पहुंच नहीं जाये उस मुकाम,जहाँ होते हैं पल आनंद के,मौजमस्ती के लिए पल क्षणभर,जो चुभोते हैं बाद में नस्तर,जिंदगी भर रुलाने के लिए,एक यह भय जिससे कि,रहता हूँ हमेशा आशंकित मैं।

मुझको तुम्हारा क्या भरोसा

11 नवम्बर 2022
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कब तू बदल ले अपनी,नियत और नीति,अपना लक्ष्य और साथी,क्यों दूँ तुमको नसीहत,मानकर अपना करीबी,क्यों करूँ तुमको प्यार,करके यकीन तुम पर,मुझको तुम्हारा क्या भरोसा।क्योंकि मैंने देखा है,हमेशा तुमको उड़ते हवा म

मुझको तुम्हारा क्या भरोसा

11 नवम्बर 2022
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कब तू बदल ले अपनी,नियत और नीति,अपना लक्ष्य और साथी,क्यों दूँ तुमको नसीहत,मानकर अपना करीबी,क्यों करूँ तुमको प्यार,करके यकीन तुम पर,मुझको तुम्हारा क्या भरोसा।क्योंकि मैंने देखा है,हमेशा तुमको उड़ते हवा म

मुझको तुम्हारा क्या भरोसा

11 नवम्बर 2022
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कब तू बदल ले अपनी,नियत और नीति,अपना लक्ष्य और साथी,क्यों दूँ तुमको नसीहत,मानकर अपना करीबी,क्यों करूँ तुमको प्यार,करके यकीन तुम पर,मुझको तुम्हारा क्या भरोसा।क्योंकि मैंने देखा है,हमेशा तुमको उड़ते हवा म

मुझको तुम्हारा क्या भरोसा

11 नवम्बर 2022
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कब तू बदल ले अपनी,नियत और नीति,अपना लक्ष्य और साथी,क्यों दूँ तुमको नसीहत,मानकर अपना करीबी,क्यों करूँ तुमको प्यार,करके यकीन तुम पर,मुझको तुम्हारा क्या भरोसा।क्योंकि मैंने देखा है,हमेशा तुमको उड़ते हवा म

मैं समझता हूँ तुमको अपना

10 नवम्बर 2022
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तुम ही मेरा प्रेम हो,और कोशिश कई बार की,यह बताने को तुमको,मगर मना कर दिया दिल ने,और अब तलाश रहा हूँ अवसर,कि कह सके तू ही यह,पहल करके ऐसी,कि अब शेष ही क्या है,जिसको बताने में हो शर्म,क्योंकि मालूम है स

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