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hindi articles, stories and books related to Mudda


दिनांक: 22.06.2022समय :  शाम 7 बजेप्रिय सखी,12th में हमारी क्लास में सुनीता नाम की लड़की को टीचर ने मॉनिटर बनाया। वह  ना तो पढ़ाई में टॉपर थी और ना व्यवहार मे बहुत अच्छी थी। हाँ! लम्बी तगड़ी सु

"आपको पता है, नेताओं को ना तो बैकवर्ड से कोई मतलब है, ना फारवर्ड से। उन्हें केवल वोट बैंक से मतलब है। वे जिसे वोटों के लिए भरमा सकते है, उन्हें आरक्षण का झुनझुना पकड़ाकर वोट लेते हैं। जिन्हें वोट बैंक

दिनाँक: 17.06.2022समय :  शाम 10:30 बजेप्रिय सखी,शुभ संध्या!आफिस से आकर गर्म चाय के साथ गर्मागर्म आईडिया आया है। क्यों ना जनता एक योजना बनाये  और सरकार से गुजारिश करे कि-1.  सांसद ठ

दिनाँक: 13.06.2022समय :  रात 11 बजेसखी,पहले बड़े- बड़े बिज़नेस हाउस इवेंट मैनेजमेंट करते थे। आजकल देश की राजनीति ही इवेंट मैनेजमेंट का घर बन गई है। साहब हर इवेंट के लिए पोशाक बदलते है। तो भला ब

दिनाँक : 09.06.2022समय : दोपहर 1 बजेप्रिय सखी,शीर्षक पढ़कर चौन्क गई क्या?द्रमुक नेता और राज्यसभा सदस्य टीकेएस एलनगोवन ने अपने एक विवदास्पद बयान में दावा किया है कि हिंदी तमिलों का दर्जा घटाकर ‘शूद्र’ क

दिनाँक : 10 जून, 2022समय :  दोपहर एक बजेप्रिय सखी,कल आप सभी ने जो सलाह और संवेदना दी, आज मेरे  स्वास्थ्य पर उसका असर सिखाई दे रहा है। आज फीवर भी नहीं आया। पर गला अभी इन्फेक्टेड है। लगता है 3

लोगों की लाइफस्टाइल बदल रही है  सुनसान रातें चमचमाहट में बदल रही हैं  कानफोड़ू संगीत में पगलाते हुए लोग  डी जे की धुन पर हसीनाएं थिरक रही है  देर रात तक पार्टियां करने का चलन 

(पहला भाग पढ़कर कुछ पाठकों की प्रतिक्रिया आई कि न्यायालय अक्सर अपराधियों और आतंकवादियों के मानवाधिकार ही देखते हैं और उसी के अनुसार अपना फैसला सुनाते हैं । न्यायालयों को आज तक पीड़ित पक्षकारों के मानवाध

दिनाँक : 16.4.2022समय।  :  शाम 6 बजेप्रिय डायरी जी,गांव में सड़क किनारे एक प्रॉपर्टी है। अब वहां से हाईवे निकल रहा है। एक अमीर इलोन मस्क  टाइप पहुच गया की भाई ये प्लाट तो हमे चाहिए। प्ला

दिनाँक: 15.4.2022समय : शाम 7 बजेप्रिय डायरी जी,हम सोचते थे कि व्हाट्सएप बड़े ही काम की चीज़ है। बहुत सी ऑफिसियल और सोशल बातें इसपर पर्सनली डिस्कस हो जातीं हैं। हमे तो इंस्टाग्राम और ट्विटर वगैरह एप एवें

इकोनॉमी वारियर्स जैसे ही मैंने अपना लंच समाप्त किया , श्रीमती जी ने कहा कि घर में आटा , दाल वगैरह सब खत्म हो चुका है । यदि डिनर करना है तो आज ही ये सब लाने पड़ेंगे अन्यथा आज उपवास करना होगा । श्रीमती

हाँ मैं डरपोक हूँ, डरती हूँ जमाने से। खुद को कैद कर लिया है, बचती हूँ बाहर जाने से। लेकिन घर के अंदर भी, रह ना पाती सुरक्षित। रिश्तों का नकाब ओढ़े, दरिंदों से होती भक्षित। घूरतीं हुईं निगाहें, हर जगह

कोरोना के समय पर, लगा था लॉकडाउन। बंद हो गए थे, क्या शहर क्या टाउन। कारखाने हो गए थे बंद, रुक गए थे वाहन चलना। घरों में सब कैद हुए, बंद हुआ बाहर निकलना। चारों तरफ हाहाकार मचा था, हर आदमी डरा हुआ था।

हैलो सखी।     कैसी हो ।खाटू नरेश की नगरी खाटू से मेरा नमस्कार ग्रहण करो। हां सखी कल ही रात ट्रेन से चले थे खाटूश्यामजी के लिए सुबह छह बजे पहुंच गये थे यहां पर ।सारी रात ट्रेन मे चलने पर

" जिसके दिल में प्रेम है, इंसान के रूप से।वह मनुज प्यार करता है, ईश्वर के स्वरूप से।समय का तकाजा है, इंसान को बदल देता है।कुछ छीन लेता है, कुछ जन को दे देता है।प्रेम के रिश्ते हैं,जो सदियों तक याद रहत

वो स्वयं को लोकतंत्र का पुरोधा बताये बैठे हैं  और दशकों से पार्टी पर कब्जा जमाये बैठे हैं  कहते हैं कि सेक्युलरिज्म उनकी रग रग में है खास समुदाय पर मेहरबानियां लुटाये बैठे हैं  अभिव्यक्

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गर्मी आती है तो सुबह-सुबह घूमना-फिरना लगभग हर दिन का एक जरुरी काम हो जाता है। हमारा हर दिन घूमना मतलब से सीधे श्यामला हिल्स पर स्थित जलेश्वर मंदिर तक यानि मतलब 'मुल्ला की दौड़ मस्जिद तक' वाली है। क

ख़ुदा से दुआ में बफा माँगता हूँ मिले ना उसे ग़म दुआ माँगता हूँ मुझे छोड़ कर जो यहाँ से गया है मगर में उसी का पता माँगता हूँ हमारी खता थी सताया सनम को खताओं कि अपनी सज़ा माँगता हूँ निगाहें पलक को झुकाती

टमाटर की खटास आजकल,टमाटर की खटास आजकल, टमाटर की खटास आजकल,टमाटर की खटास आजकल,  कुछ ज्यादा ही हो गई | देख के ये अपना हाल, प्याज़ की आँखे नम हो गई || छीनी मेरी भी कुर्सी | कैसी ये तेरी मर्ज़ी |

आज प्रतिलिपि सखि कहीं नजर नहीं आ रही थीं । पिछले दो साल से हम लोग आपस में जुड़े हुए हैं । सुख दुख में एक दूसरे से बतियाते रहते हैं । कभी दिल का गुबार निकाल लेते हैं तो कभी खुशियां आपस में बांट लेते हैं

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