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मोटिवेशन

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●रिजेक्शन (Rijection) अक्सर हमे यह बताया या पढ़ाया जाता है कि हमे हर स्थिति में ना के बजाय हा कहना चाहिए।ना कहने से मामला वही पर समाप्त हो जाता है द्वार बन्द हो जाता है ।मामला समाप्त जय राम जी की। अ

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वायलेट फ्लेम रेकी को वायलेट ऑफ ट्रांसम्यूटेशन,.दया की ज्वाला,आज़ादी की लौ,क्षमा की ज्वाला के नाम से भी जाना जाता है। ये एक पवित्र अग्नि है, जो आध्यात्मिक प्रकाश की सात्विक किरण से जुड़ी हुई है। ये ना

Practice in daily routine 1.  आप 125000 मंत्र का जाप कर सकते हैं। ताकि आप अंदर मंत्र को महसूस कर सकें। उसके बाद आप प्रतिदिन तीन बार भी जाप करें इससे पूरी ऊर्जा मिलेगी। 2. महसूस करें कि बैंगनी लौ आपक

32 . उच्च सुरक्षा :- . इससे मंदिर आदि जैसी शुद्ध चीजों की रक्षा करने में मदद मिलती है। 2. यह उन चीज़ों की सुरक्षा में सहायक है जो आपकी नज़र में बहुत मूल्यवान हैं जैसे कोई दस्तावेज़, आपका ज्ञान। 3.

22 . पूर्ण शारीरिक सफाई :- 1. यह प्रतीक डिटॉक्सिन द्वारा शरीर के बिंदुओं को ठीक करने में मदद करता है। यह उस बिंदु को गर्मी देता है और उसके बाद उसे डिटॉक्स करता है। 2. डिटॉक्सिन के बाद यह खाली जगह को

इसके 4 लेवल होते हैं !10-10 सिंबल हर लेवल में होते हैं ! एक मास्टर सिंबल भी होता हैं !  ये  सिम्बल्स का attunment  एक साथ होता हैं !  कुल सिम्बल्स 41  होते हैं ! फर्स्ट लेवल में  1+10 दूसरे लेवल में

1.पानी ज्यादा पियें। 2.रेकी की प्रैक्टिस करते रहें।ऐसा इसलिए क्योंकि अगर आप रेकी की प्रैक्टिस करते रहेंगे तो आपकी वाइब्रेशन हाई होगी और जब आप वायलेट फ्लेम करेंगे तो एकदम से आपकी ऊर्जा हाई नहीं होगी क

 हम वॉयलेट फ्लेम से कनेक्ट करने के बहुत से तरीके हैं ! 1.मंत्र जप करके। कुइन यान जी के मंत्रो का जप करके। पहला  मन्त्र  मंत्र है---  ॐ मणि पद्मे हुम्। दूसरा मन्त्र ----   Namo Quan Shi’h Yin Pu’S

फ़ायदा 1 . जिस तरह से आप पानी के पाइप को साफ करते हैं - कचरा ज्यादा होता है तो आप पानी डालकर साफ करते हैं।पर कभी-कभी पानी का प्रेशर ज्यादा होने पर भी पाइप साफ नहीं होता है।तब आपको कोई पम्प  या  कोई औ

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कुइन यान  जी इसकी खोज आइवी मोर जी ने की थी। वो कुइन यान  जी का मंत्र जाप कर रहे थे तब उन्हें ये प्रतीक दिखे, माता के दर्शन हुए और उन्हें आगे सिखाने के लिए आदेश मिला। यह पहले कुछ सनातनियो को ही   स

          गीता में भगवान श्रीकृष्ण ने कहा है:-कुतस्त्वा कश्मलमिदं विषमे समुपस्थितम्।अनार्यजुष्टमस्वर्ग्यमकीर्तिकरमर्जुन।।2/2।।इसका अर्थ है,"हे अर्जुन! इस विषम समय पर तुम्

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आप लोग ये कहते है पैसा सब कुछ नही होता।क्या पैसा सब कुछ नहीं होता सच है बात।सभी लोग कह देते है पैसा सब कुछ नही है। जिसके पास पैसा नहीं है वो भी कह देता है पैसा सब कुछ नही है उसे तो अनुभव नही है फि

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जब हमें कोई गाली देता है तो हम क्रोधित हो उठते है इसी प्रकार जब हमारी कोई प्रशंसा करता है तो हम फूले नहीं समाते। साधारण सी बात है जब गाली देता है तो हम उससे नफरत करने लगते है ।हमारे अंदर की ज्वाला

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जब हम सो कर उठते हैं तो कोई विचार सीधा मन में चल रहे होते है। ये विचार आपने अभी सोचा नही और अचानक सो कर उठते ही मन में चलने लगते है। कभी ध्यान दिया है ये विचार आपको कब आया होगा। बीते हुए दिन में ज

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प्रत्येक क्रिया के प्रति प्रतिक्रिया होती है। यह न्यूटन का नियम भी है। यह नियम प्रत्येक व्यक्ति के जीवन पर भी लागू होता है। प्रत्येक एक्शन के प्रति रिएक्शन। अस्तित्व को जो तुम दोगे वही तुम पर वापस

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तुम अद्वितीय हो इस संसार में तुम्हारे जैसा और कोई नही है। गुलाब का हर फुल आकार में अलग-अलग है कोई भी फुल एक जैसा नही है। किसी पौधे के एक पत्ती को लो उसके समान संसार के किसी पौधे में वैसा पत्ती न प

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आज लेख छोटा सा है। हम जो भी करे चाहे किसी बिजनेस की शुरुआत करे,चाहे निवेश करे ,चाहे किसी उत्तर को याद करे,घर का निर्माण कराए जो भी करे हमेशा छोटे से शुरुआत करनी चाहिए। विद्यार्थी के लिए 10 लाईन का

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होश पूर्वक जीने का क्या अर्थ होगा? सामान्यतया हम कहते हैं हम तो होश से काम कर रहे हैं,होश से चल रहे है,होश से दौड़ रहे है,होश से खा रहे है। सुबह से शाम तक हम यही तो कर रहे हैं।तो होश और क्या है? आप

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हमारा आहार क्या है? हम कौन सा आहार ले रहे है? विज्ञान ने तीन तरह के आहार विभाजित किया है शाकाहार,मांसाहार व सर्वाहार।संसार में तीसरे तरह के लोग ज्यादा होते है जो साक सब्जी व मांस दोनो खाते हैं। एक

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सभी लोगो में एक बात गौर करना शरीर का कोई एक ही अंग से अधिकतर हम काम लेते है। जीवन भर हम एक ही अंग को उस काम में झोक देते हैं। जो सन्तुलित नही है ।शरीर में संतुलन तभी होगा जब हम सभी अंगो से कार्य ल

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