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आग

hindi articles, stories and books related to aag


आदमी काम से ज्यादा चिन्ता से जल्दी मरता है । गधा दूसरों की चिन्ता से अपनी जान गंवाता है।। धन-सम्पदा चिन्ता और भय अपने साथ लाती है । धीरे-धीरे कई चीजें पकती तो कई सड़ जाती है।। विपत्ति के साथ आद

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आज सुबह भयंकर आग हादसा हुआ रूप – मर्द का नया स्वरूप के सेट पर मुख्य बिजली बोर्ड में आग लग गई।टीवी शो के सेट पर भयंकर दुर्घटनाएँ होती रहती हैं !! और इस बार कुछ ऐसा ही हुआ है रूप मर्द का नया स्वरुप – रश्मि के प्रोडक्शन द्वारा निर्मित कलर्स शो।आज सुबह, जब सब शूटिंग करने के लिए तैयार थे, सेट पर मुख्य बि

जन्नत की आगबढ़ चला है ताप अब,बर्फ को पिघलने दो !रोको विष, न रुको, कदम को बढ़ा चलो,आक्रोश में शिखर को थोड़ा पिघलने दो,बन चला है जंगल, अब न रहा जन्नत,काँटों के झुर्मुठों को थोड़ा तो सुलगने दो,रहो सजग, मन में न विष कोई घुल पाये,थाम लो फूलों को, न काँटों संग पलने दो ।बढ़ चला है ताप अब,बर्फ को पिघलने दो !सह प

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कौन जाने  आग पानी कब तलक,     बेवफ़ा ढलती  जवानी  कब तलक।  आज  खोलें चाहतों की सीपियाँ,मोतियों की महरबानी कब तलक।  रौशनी के पर लगाकर तितलियां,  खोजती अपनी निशानी कब तलक हाथ में खंजर उठाकर चल दिये,इस तरह रश्में निभानी कब तलक।  टूट जाते हो खिलौनों की तरह,अस्थि पिंजर हैं छुपानी कब तलक। क़ैद से बागी  परिं

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