गो धन न्याय: पशुपालको के चेहरे खिले- अगस्त 24, 2020 गो धन न्याय: पशुपालको के चेहरे खिले छत्तीसगढ में गाय भैस पालने वालो के लिये एक समस्या थी उनसे निकलने वाले गोबर की: वे इसे या तो अपनी बाडी में ही फेक दिया करते थे या फिर कंडा या छेना बनाकर रख देते थे ताकि जरूरत के वक्त इसका उपयोग कर सके लेकिन
शहर रौशन है तो गांवों के लोगो ने क्या जुर्म कर दिया!मनुष्य की मूलभूत आवश्यकताएं हैं- रोटी,क पड़ा,मकान, हवा,पानी,ओैर रौशनी इनमें से एक भी न मिले तो इंसान का जीना दूबर हो जाता है. अगर यह बात देश में आने-जाने वाली हर सरकार पिछले तेहत्तर चौहत्तर सालों में भी समझ जाती तो शायद आज हमारे देश के गांवों की
कांग्रेस द्वारा नेहरू के कारण नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने की बात करने पर मोदी जी ने पलटवार किया। उन्होंने कहा कि अगर कांग्रेस वाले दावा करते हैं कि नेहरू के कारण एक चाय वाला पीएम बन गया तो कम से कम एक बार पांच साल के लिए एक परिवार से बाहर के किसी व्यक्ति को कांग्रेस का अध्यक्ष बना दीजिए, मान