अंधकार में रहने का मैं अभ्यासी हूँ✒️अंधकार में रहने का मैं अभ्यासी हूँमुझे उजालों से भी नफ़रत कभी नहीं थी,सबकी चाह दिखावे तक ही सिमट चुकी थीमुझे जलाने वालों की भी कमी नहीं थी।एक प्रहर में जलकर कांति बिखेरी मैंनेऔर दूसरे वक्त तृषित हो मुरझाया था,अंतकाल में देहतुल्य जल गयी वर्तिकालौ को अपने अंतस में
दीपक फरसाण मार्ट की अनोखी पहल प्रति दिन दिया जायेगा देश के सभी जवानो को फ्री में स्नेक्स मुंबई - देश में भारतीय आर्मी के जवानो के प्रति हिन्दुस्तान की जनता बहुत ही सवेदनशील होती है इस का ताजा उदहारण दीपक फरसाण मार्ट के चिराग गुप्ता ने दिया है विजय दिवस के अवसर पर उन्होंने एक बड़ी घोषणा करते हुए कहा
जीवन में हजारों लड़ाइयां जीतने से अच्छा है कि, तुम स्वयं पर विजय प्राप्त कर लो । फिर जीत हमेशा तुम्हारी ही होगी, इसे तुमसे कोई नहीं छीन सकता है ।किसी भी हालात में तीन चीजें कभी भी छुपी नहीं रह सकती, वो है- सूर्य, चन्द्रमा और सत्य ।जीवन में किसी उद्देश्य या लक्ष्य तक
मोटीवेशन स्पीकर ब्रज टाक द्वारा नई मोटीवेशनल शायरी...