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गाँधी

hindi articles, stories and books related to gaandhi


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आज दो अक्टूबर है - राष्ट्रपिता महात्मागाँधी और जय जवान जय किसान का नारा देने वाले श्री लाल बहादुर शास्त्री जी काजन्मदिवस... गाँधी जी और शास्त्री जी दोनों ही मौन के समर्थक और साधक थे... बापूके तो कहना था मौन एक ईश्वरीय अनुकम्पा है, उससे मुझे आन्तरिक आनन्द प्राप्त होता है...वास्तव में सब कुछ मौन हो नि

#गांधी जी का #समाजवादी अभ्यास योगी आदित्यनाथ के द्वारा।हर हिन्दू के लिये आवश्यक।गाँधी गाँधी नही।आनन्द प्रभुजी।बहुत अच्छे योगीजीनवयुग का गांधी जी #योगी #आदित्यनाथ जी।संदर्भसभी राष्ट्रवादी नेता मोदी जी जैसे सहृदय और मूर्खताओं को अनदेखा करने वाले नहीं होते.......कुछ बाबा जी जैसे भी होते है..... हलक तक

गाँधी जी भारत की आज़ादी की लड़ाई लड़ रहे थे ऐसा सोचनेवाले गांधी जी को आज तक नहीं समझ सके, गाँधी जी के लिए भारत की आज़ादी से बड़ी लड़ाई एक और थी वो थी सत्य के लिए, शांति के लिए, रंगभेद के खिलाफ बराबरी के लिए, गरीबों और पिछड़े लोगो

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भुला दिए गये फिरोज गांधी डॉ शोभा भारद्वाज 12 सितम्बर 1912 स्वर्गीय इंदिरा जी के पति ,राजीव गांधी,संजय गांधी के पिता , वरुण गाँधी ,राहुल एवं प्रियंका गांधी के दादा थे फिरोज गांधी का जन्मदिन था 8 सितम्बर 1960 को 48 वर्ष की उम्

गाँधी जी ने आज़ादी का जश्न नहीं मनाया था. गाँधी जी जिन्हे पूरी दुनियां इस आज़ादी का नायक बता रही थी, वही इस जश्न में शामिल नहीं हुए. दुनिया में शायद गांधीजी पहले व्यक्ति थे और शायद आखिरी जो अपनी जीत का

गाँधी जी हत्या सिर्फ एक व्यक्ति की हत्या नहीं थी बल्कि कोशिश थी अहिंसा की विचारधारा को ख़त्म करने की. गांधीजी की हत्या के पीछे कोई मामूली कारण नहीं है, यह एक बहुत ही गहरी साज़िश थी, यह किसी एक मज़हब या एक वर्ग के लोगों की नहीं जैसा की बताया या समझाया जाता है. इस हत्या के पीछ

गोडसे की विचारधारा में गांधीवाद की खोज. (आलिम) अगला लेख जो अगले हफ्ते प्रकाशित होगा, ज़रूर पढ़िये.

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गांधी जी ने भारतीय स्वतंत्रता को पूर्ण स्वतंत्रता क्यों नहीं माना? कारण बहुत सरल है, लेकिन बहुत सारे लोग इसे बहुत जटिल बनाते हैं, लोगों को भ्रमित करते हैं। देश की स्वतंत्रता वास्तविक स्वतंत्रता नहीं है, प्रत्येक व्यक्ति की स्वतंत्रता वास्तविक स्वतंत्रता है। बोलने की स्

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आज 'आयरन लेडी ऑफ इंडिया' इंदिरा गांधी का जन्मदिवस है। 19 नवंबर, 1917 को जन्मी इंदिरा गांधी ने कई ऐसे बड़े फैसले लिए जिसने देश के इतिहास को बदल दिया। उनके कुछ ऐसे बड़े फैसले जिनसे देश की रुपरेखा ही बदल गयी जिनके बारे में आज पढ़ेंगे...1. बैंकों का राष्ट्रीयकरण जो 19 जुलाई, 1969 को इंदिरा गांधी के नेतृत

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भारत की पहली महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्‍या को आज 34 साल पूरे हो गए हैं। 31 अक्टूबर, 1984 को उनके ही सुरक्षाकर्मियों ने उन्‍हें गोलियों से छलनी कर दिया था। आखिर क्‍या थी सिख समुदाय की नाराजगी की वजह, जो इंदिरा की मौत का कारण बनी? दरअसल सिख समुदाय का एक बड़ा

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भारत और पाकिस्तान, दोनों मेरे मुल्क हैं. मैं पाकिस्तान जाने के लिए कोई पासपोर्ट नहीं लूंगा. – महात्मा गांधीगांधी को भावनात्मक दृष्टिदोष था. साफ देख प

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26 अप्रैल, 2018 को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी हवाई जहाज से कर्नाटक के हुबली में चुनाव प्रचार के लिए जा रहे थे. अचानक उनके प्लेन में खराबी आई और वो एक तरफ झुकने लगा और अचानक करीब 8,000 फीट नीचे आ गया. पायलट ने जैसे-तैसे विमान पर काबू पाया. डीजीसीए ने बताया कि अगर 20 सेकंड में राहुल के प्लेन पर काबू

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हालिया चार दिवसीय यूरोपीय प्रवास के दौरान राहुल गांधी जब ब्रिटेन के दौरे पर थे तो आयोजकों की तरफ से चंदा एकत्र करने के लिहाज से अमेरिकी तौर-तरीकों को अपनाने का मामला सामने आया है. जी न्‍यूज के अंग्रेजी अखबार DNA की रिपोर्ट के मुताबिक बड़े उद्योगपतियों और पत्रकारों के साथ

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Third party image referenceये तस्वीर है महाराष्ट्र के एक सेवाग्राम आश्रम की जहाँ पर गाँधी जी खड़े है और धुप ज्यादा होने के कारण उन्होंने अपने सर के ऊपर तकिया रखा हुंआ है ताकि वह धुप से बच सके.Third party image referenceये तस्वीर मुंबई के बिरला हाउस की है जहाँ पर गाँधी जी

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1. पत्रकार :कश्मीर के हालात बहुत खराब है,सीमा पर गोलीबारी हो रही है,आपका क्या कहना है ?राहुल गांधी :सीमा को कुछ दिन घर पर रहना चाहिए2. आलिया भट्ट: पता है, जब मैं छोटी थी तो छत पर से गिर गयी थीराहुल गाँधी: फिर तू बच गयी थी या मर गयी थी?आलिया: अब मुझे क्या पता, मैं तब छोटी थी ना!!राहुल: अरे हाँ, म

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ह्त्या के समय गांधी के मुख से “आह” की आवाज निकली, “हे राम” शब्द नहीं-नथूराम गोडसे। नथूराम गोडसे, एक राष्ट्रवादी योद्धा, जिसने अपने प्राणों की आहुती से …, गांधी को , देश के साथ खिलवाड़ से.., देश के टुकड़े करनेके बाद भी, देश की तुष्टी करण की नीती से, देश को असहाय बनाने के बाद

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सबको सम्मति दे भगवान यह सही है कि लफ्जों में इतनी ताकत होती है कि किसी पुरानी डायरी के पन्नों पर कुछ समय पहले चली हुई कलम आज कोई तूफान लाने की क्षमता रखती है लेकिन किसी डायरी के खाली पन्ने भी आँधियाँ ला सकते हैं ऐसा शायद पहली बार हो रहा है। खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग के 2017 के वो कैलेंडर और डायरी आ

दिनांक19मई2012 आजकल देश में चर्चाओ का एक दौर है जिसमे गांधी की जम के बुराई हो रही है , उन्हें आज देश की सारी समस्याओं की जड़ के रूप में देखा जाने लगा है , तथ्य भी है , साक्ष्य भी जुटाए जा रहे है , सूचना के अधिकार का प्रयोग भी हो रहा है , पर प्रश्न यह है की इस सबसे क्या

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