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*मानव जीवन में सुख एवं दुख आते जाते रहते हैं | कभी-कभी परिवार में ऐसी बातें हो जाती है जो कि कष्टकारी होती है परंतु ऐसे समय पर मनुष्य को धैर्य धारण करना चाहिए | धैर्य धारण करना यदि सीखना है तो मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम के जीवन चरित्र से अच्छा उदाहरण और कहीं नहीं मिल सकता | मनुष्य को सदैव सम

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*भारतीय संस्कृति एवं सनातन मान्यताएं सदैव प्रकृति से जुड़ी रही हैं क्योंकि प्रकृति के सहयोग के बिना मानव जीवन संभव नहीं है | जिस प्रकार चौरासी लाख योनियों में मनुष्य को सर्वश्रेष्ठ बताया गया है उसी प्रकार बारह महीनों में छ: ऋतुयें बताई गई और इन छ: ऋतुओं में सर्वश्रेष्ठ वसंत ऋतु कहा गया है | माघ मास

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🌺🌲🌺🌲🌺🌲🌺🌲🌺🌲🌺 ‼️ *भगवत्कृपा हि केवलम्* ‼️ 🐍🏹 *लक्ष्मण* 🏹🐍 🌹 *विश्राम - भाग* 🌹🩸🍏🩸🍏🩸🍏🩸🍏🩸🍏🩸*➖➖➖ गतांक से आगे ➖➖➖*जब भगवान श्रीराम ने दुर्वासा जी को विदा किया उसके बाद उनको अपनी प्रतिज्ञा का स्मरण हुआ | प्रिय भाई *लक्ष्मण* का वियोग सोचकर

ममता का कर्ज उसने चुका दिया ?डॉ शोभा भारद्वाज मैं इस संसमरण का निष्कर्ष नहीं निकाल सकी कुछ वर्ष पुरानी बात है मुस्लिम समाज के रोजे चल रहे थे ईद को अभी एक हफ्ता शेष था इन दिनों बाजारों की रौनक निराली होती हैं महिलाओं बच्चों के नये डिजाइन के रेडीमेड कपड़े आर्टिफिशियल ज्वेलरी चूड़ियां झूमर और न जाने क्

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🌺🌲🌺🌲🌺🌲🌺🌲🌺🌲🌺 ‼️ *भगवत्कृपा हि केवलम्* ‼️ 🐍🏹 *लक्ष्मण* 🏹🐍 🌹 *भाग - ४७* 🌹🩸🍏🩸🍏🩸🍏🩸🍏🩸🍏🩸*➖➖➖ गतांक से आगे ➖➖➖**लक्ष्मण जी* को रथ में विलाप करते देखकर मंत्री सुमंत ने कहा :- महाभाग *लक्ष्मण !* तुम भक्ति , ज्ञान , वैराग्य एवं कर्मयोग के

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🌺🌲🌺🌲🌺🌲🌺🌲🌺🌲🌺 ‼️ *भगवत्कृपा हि केवलम्* ‼️ 🐍🏹 *लक्ष्मण* 🏹🐍 🌹 *भाग - ४६* 🌹🩸🍏🩸🍏🩸🍏🩸🍏🩸🍏🩸*➖➖➖ गतांक से आगे ➖➖➖**लक्ष्मण जी* विलाप करते हुए कहते हैं :-;हे माता ! सम्मानित व्यक्ति की यदि लोक में निंदा हो जाती है तो वह मृतक के समान हो जाता

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🌺🌲🌺🌲🌺🌲🌺🌲🌺🌲🌺 ‼️ *भगवत्कृपा हि केवलम्* ‼️ 🐍🏹 *लक्ष्मण* 🏹🐍 🌹 *भाग - ४५* 🌹🩸🍏🩸🍏🩸🍏🩸🍏🩸🍏🩸*➖➖➖ गतांक से आगे ➖➖➖**लक्ष्मण जी* श्री राम की बात सुनकर वहां से चले गए | श्री राम अपने महल में पहुंचे | सीता जी ने श्री राम के मलिन मुख मंडल को दे

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" छठ पूजा " हिन्दूओं का एक मात्र ऐसा पौराणिक पर्व हैं जो ऊर्जा के देवता सूर्य और प्रकृति की देवी षष्ठी माता को समर्पित हैं। मान्यता है कि -षष्ठी माता ब्रह्माजी की मानस पुत्री हैं,प्रकृति का छठा अंश होने के कारण उन्हें षष्ठी माता कहा गया जो लोकभाषा में छठी माता के नाम

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महिला होने का महत्व : Value of being a woman स्त्री महिला अर्थार्थ दादी , माँ , पत्नि , बहन , बेटी, बुआ , मासी ,............आदि ..... आदि| इनके बिना घर केवल मकान होता है, घर नहीं। इनकी कमी का अहसास तब होता है, जब वे घर में नहीं होतीं या आपके साथ किसी स्त्री का सम्बंध

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*सृष्टि के प्रारम्भ में जब ईश्वर ने सृष्टि की रचना प्रारम्भ की तो अनेकों औषधियों , वनस्पतियों के साथ अनेकानेक जीव सृजित किये इन्हीं जीवों में मनुष्य भी था | देवता की कृपा से मनुष्य धरती पर आया | आदिकाल से ही देवता और मनुष्य का अटूट सम्बन्ध रहा है | पहले देवता ने मनुष्य की रचना की बाद में मनुष्य ने द

वो हमारे पास जब भी आते हैं हमारे खास हैं अहसास ये करते हैसौ -सौ दुआएं सामने सलामती की,पीछें बर्बादी की योजना बनाते हैं

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