22 अगस्त 2016
कबीर नरूला का मन मोटर साइकिल देख कर बड़ा ललचाता था. उसे ख़याल आता की बाइक फटफट कर के दौड़ रही है और मैं कमीज़ के ऊपर के बटन खोल कर चला रहा हूँ और शर्ट के कॉलर हवा में फड़फड़ कर रहे हैं वाह! बाइक मिले तो बस ज़िन्दगी बन जाए. बड़े लड़कों की महफ़िल म