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जासूसी

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मैं vicky Sharma , आपके सामने एक क्राइम थ्रिलर स्टोरी पेश करता हु। आशा है कि आपको ये कहानी पसंद आए। धन्यवाद । मुंबई एक व्यस्त नगर है।   इसी व्यस्तता के बीच तीन दोस्त अमर , आशीष और मोहन भी रहते थे।   त

*ग्रीन लखनऊ क्लीन लखनऊ का यही है तस्वीर नगर निगम की मेहरबानी से*" लखनऊ-ग्रीन लखनऊ क्लीन लखनऊ बड़े बड़े अक्षरों में देखने को मिल जाएंगे साफ सफाई का अभियान चलाया जा रहा है भारत स्वच्छता अभियान के अंतर्गत सरकार के तमाम पैसे खर्च हो रहे हैं। लेकिन लखनऊ के कई ऐसे जगहों पर गंदगी का कूड़े का भरमार देखने को मिल जाएगा जहां पर बदबू कूड़े का ढेर गंदगी के कारण बीमारियों का न्योता दिया जा रहा है। वह चाहे ऐशबाग का रामनगर हो या फिर बुलाकी अड्डा तुलसी काम प्लेस के सामने या फिर पकरी का पुल ऐसे तमाम जगहों पर खुले में नगर निगम के सफाई कर्मी कूड़े को फेंक कर जाते हैं जिसमें पॉलिथीन भी होती है प्लास्टिक के लिफाफे होते हैं जिसको गाय खाते हुए नजर आ रही है एक तरफ उत्तर प्रदेश में पॉलीथिन प्रतिबंधित है फिर भी कूड़े में इतनी पॉलिथीन प्लास्टिक के लिफाफे आते कहां से है यह भी एक अपने आप में बड़ा सवाल है। अब इस बीमारी को न्योता देने वाले कूड़े के ढेर पर ना तो किसी नेता मंत्री विधायक की नजर पड़ती है नाही किसी आला अफसर की ना किसी समाज सेवा करने वालों की जो गायों की रक्षा करने की बात करते हैं और ना ही गोदी मीडिया की। इस पर आवाज उठाने से पर कार्रवाई करनवाने से क्या फायदा होगा शायद यही सोच कर लोग कुछ नहीं कर रहे लेकिन स्वच्छता अभियान के माध्यम से सरकारी खजाने से करोड़ों रुपए नगर निगम को मिलते हैं फिर भी खुले में कूड़े को डाला जाता है और कूड़े में पॉलिथीन गाय जी भर के खाते हैं जिससे बीमारी फैल एगी और गायों की मृत्यु होती रहेगी। इस खबर के माध्यम से यदि नगर निगम के अधिकारी अपनी आंखें नहीं खोलते तो मैं इस पर मुहिम चला लूंगा ग्राउंड रिपोर्ट करूंगा और सरकार से सवाल करके नगर निगम पर कार्रवाई करवाने की मांग भी करूंग। क्योंकि गाय के साथ खिलवाड़ आम जनता के साथ खिलवाड़ गंदगी जगह-जगह बर्दाश्त नहीं कर पाऊंगा। *आवाज जन-जन की अपराध भ्रष्टाचार के खिलाफ! स्वतंत्र पत्रकार अटल बिहारी शर्मा?
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अब तक आपने पढ़ा के सार्थक कैसे मराठा बाड़ा की चीज़ो में अपनी उत्सुकता बढ़ाता ही जा रहा था जो उसके लिए हानिकारक सिद्ध होने वाली थी अब बढ़ती ही जा रही थी उसके लिए खतरा बढ़ता ही जा रहा था पर सार्थक रुकने का ना

जब मनोज ने ऐसा कहा तो सार्थक चौंक गया क्योकि उसे एक पढ़े लिखे इंसान से इस बात की उम्मीद नहीं थी वो मन ही मन उसे पागल करार देने लगा और बोला। "ये कोई फिल्म का शो चल रहा है क्या जो मुझे इस तरह के बाहिया

अमित कहाँ होगा ?कैसा होगा ?क्या हुआ होगा उसे ऐसा जो वो जबाव नहीं दे रहा ? कोई इतना गैरजिम्मेदार तो हो नहीं सकता कुछ तो हुआ ही होगा यह सब सोचते हुए सार्थक पुलिस स्टेशन में दाखिल होता है थाना इंचार्ज

सार्थक अब अंदर दाखिल हो चुका था वो देखता है वहां काम तरक्की पर है। "अरे !यहाँ तो काम चल रहा है वो यहाँ का इंचार्ज लग रहा है चलो उसी से पता करता हूँ" सार्थक कार से बाहर आता है और इंचार्ज के पास जाने ल

सरकार ने जब सोचा क्यों उन पांचों भाइयों की संपत्ति पर कब्जे में कैसे कर पाऊंगा तो उसने वृकुटी को बुलाया और अपने पास उसे  नौकर बना कर रख लिया कुछ समय बीतने पर उसने अपने मन में मनगढ़ंत कहानियां बना

सार्थक बोला "ठीक है अंदर भेजो उनको " पल्लवी ने कहा "और एक बात सर " यस मिस पल्लवी !सार्थक  पल्लवी ने उत्तर दिया "काम के बाद मूवी का प्लान अच्छा है " दोनों एक दुसरे को देखने लगे  भोजवानी अंदर

मैं हवाई जहाज से उतरते ही एक अजीब चिपचिपाहट में घिर गया था। बस बंबई की सबसे खराब चीज़ मुझे यही लगती है। एयरपोर्ट से बाहर निकलते ही सामने कंपनी की गाड़ी थी। मैं फटाफट उसमें बैठ गया और वह दुम दबाकर भाग

बाहर हल्की हल्की बारीश हो रही थी. इस मौसम में चाय का प्याला देखकर इस्पेक्टर मनोज के चेहरे पर ताजगी का भाव आ गया और वे आराम से चाय का आनंद लेने लगे. उसी वक्त लगभग 35-40 वर्ष के एक व्यक्ति ने थाने में प

पहले जहाँ एक ही विधालय में कई महीने एक साथ पढाई करने के बावजूद एक – दुसरे से दोस्ती नही हो पाती थी और वही  आजकल के युवा मात्र एक मिनट के facebook जैसे social site पर चैट कर लेने से ही सात जन्मो की दोस

 आसमां छूने का स्वप्न कौन नही देखता ? अपने जीवन में आगे बढ़ना कौन नही चाहता हैं ? सभी अपने लाइफ में लगातार सफलता के सीढियाँ चढ़ना चाहता हैं . हर कोई पैसे के पीछे भागता हैं .            मुझे भी सभी लोगो

इन हाथों से ना जाने मैंने कितने लोगों के ऑपरेशन किए होंगे ।अगर उन सारी मरीजों की डिटेल्स लिखता तो आज कई मोटी-मोटी डायरियों का पुस्तकालय बन गया होता, इतने मरीजों के ऑपरेशन करने के बावजूद आज तक मैं किसी

जब धैर्य नहीं  वृकुटी से पूछा कि तुम में है आवाज क्योंकि तो वह कहने लगा यह आवाज मैंने नहीं की उसने फिर पूछा क्या आवाज तुमने क्यों की उसने कहा मैंने नहीं की उन्होंने कहा ठीक है कोई बात नहीं लेकिन

बहुत समय पहले की बात है एक गांव में एक बूढ़ी मां रहती थी जिसकी उम्र लगभग 80 साल की होगी उसका नाम देवंती था उसके 5 पुत्र थे 2 बेटियां थी बड़े बेटे का नाम धैर्य था जो से छोटा था उसका नाम पवन उससे जो छोट

रोमानिया के तालपा गांव के एक किसान की लड़की ईलिएनोर जुगुन अपनी दादी के घर, जो बुहाई में था, जाने के लिए रवाना हुई। रास्ते में उसे सड़क के किनारे कुछ सिक्के पड़े मिले। ग्यारह साल की उस लड़की ने वे सिक्

रोमानिया के तालपा गांव के एक किसान की लड़की ईलिएनोर जुगुन अपनी दादी के घर, जो बुहाई में था, जाने के लिए रवाना हुई। रास्ते में उसे सड़क के किनारे कुछ सिक्के पड़े मिले। ग्यारह साल की उस लड़की ने वे सिक्

कभी सज़ा कराती थी रातें मेरी बस्ती में | खुदा को रास न आई मेरी रातें |  खुदा ने उजाड़ दिया मेरी बस्ती को। अब नहीं सजती रातें मेरी बस्ती में |मैं रुका हुआ रुक सी गई मंज़िल |अब कहा किसी की तला

54पुलिसकर्मियों के साथ पत्रकार रिपुदमन सिंह डीआईजी साहब से मिलने के लिए चल दिया। अब उसे सुकून महसूस हो रहा था कि वह पत्रकार की हैसियत से मिलने जा रहा है। किसी अपराधी की तरह नहीं ले जाया जा रहा है।&nbs

54पुलिसकर्मियों के साथ पत्रकार रिपुदमन सिंह डीआईजी साहब से मिलने के लिए चल दिया। अब उसे सुकून महसूस हो रहा था कि वह पत्रकार की हैसियत से मिलने जा रहा है। किसी अपराधी की तरह नहीं ले जाया जा रहा है।&nbs

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